Solan: बघाट बैंक लोन रिकवरी मामले में पहली गिरफ्तारी, आरोपी को देने हैं कर्ज और ब्याज के 2.10 करोड़ रुपये
Baghat Bank Solan: बघाट बैंक के 15 ऋण डिफाल्टरों के खिलाफ जारी हुए गिरफ्तारी वारंट के मामले में पुलिस ने गुरुवार को पहली गिरफ्तारी कर ली है। आरोपी ने बैंक के ब्याज सहित करीब 2.10 करोड़ रुपये की रकम देनी है। पढ़ें पूरी खबर...
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बघाट बैंक लोन रिकवरी मामले में पुलिस ने वीरवार को पहली गिरफ्तारी की। आरोपी ने बैंक के ब्याज सहित करीब 2.10 करोड़ रुपये की रकम देनी है। उसे बैंक ने डिफाल्टर घोषित कर दिया था। 15 डिफाल्टर ऐसे हैं, जिनके पास बैंक के करीब 50 करोड़ रुपये फंसे हुए हैं। कोऑपरेटिव सोसायटी के सहायक पंजीयक ने डिफाल्टरों की गिरफ्तारी के आदेश जारी किए थे, जिसके बाद पुलिस ने आरोपी को पकड़ा है। आगे और भी गिरफ्तारियां हो सकती हैं। पुलिस ने आरोपी को सहायक पंजीयक की अदालत में पेश किया। आरोपी ने मौके पर 10 लाख रुपये का चेक दे दिया। वहीं तीन महीने में पूरे लोन की राशि अदा करने की भी हामी भरी। वहीं 50 लाख की राशि 40 दिनों में अदा करने के लिए भी कहा। इसके बाद आरोपी को छोड़ दिया गया।
एसपी सोलन गौरव सिंह ने बताया कि खेम लाल निवासी सपरून, सोलन ने बघाट बैंक सोलन से व्यापारिक उद्देश्य से ऋण लिया था। वह उक्त ऋण को तय सीमा के भीतर लौटाने में नाकाम रहा। इस पर उसे बैंक ने डिफॉल्टर घोषित कर दिया, जिसकी ब्याज सहित कुल देनदारी 2,10,65,893 रुपये बनती है। उक्त देनदारी न चुकाने पर खेम लाल के विरुद्ध सह सहायक रजिस्ट्रार सहकारी समितियां सोलन कोर्ट में लोन रिकवरी का मामला में चल रहा है। खेम लाल को उक्त कोर्ट ने दो नोटिस किए थे, लेकिन वह कोर्ट में पेश नहीं हो रहा था। इस पर सह सहायक रजिस्ट्रार सहकारी समितियां सोलन कोर्ट ने उसके विरुद्ध गिरफ्तारी वारंट जारी किया। इसकी अनुपालना करते हुए वीरवार को डिफाल्टर खेम लाल को पुलिस चौकी सपरून की टीम ने गिरफ्तार कर लिया।
499 ऋण डिफाल्टरों की वजह से आरबीआई ने लगाई है कैपिंग
बघाट अर्बन सहकारी बैंक सोलन के 499 ऋण डिफाल्टरों की वजह से आरबीआई ने बीते दिनों कैपिंग लगा दी थी। बैंक से 10 हजार रुपये से अधिक राशि की निकासी पर रोक लगा दी गई है। आरबीआई नॉन परफॉर्मिंग ऐसेट (एनपीए) की रिकवरी को लेकर संतुष्ट नहीं है। अभी भी बैंक का 138 करोड़ रुपये एनपीए है। निकासी पर 6 महीने की रोक के बाद बैंक के 80 हजार खाताधारकों की चिंताएं बढ़ गई हैं। बैंक के लोन के 138 करोड़ रुपये में से 72 करोड़ रुपये 50 डिफाल्टरों के पास ही फंसे हुए हैं। सबसे बड़ी बात यह है कि 499 में से 15 डिफाल्टर ऐसे हैं, जिनके पास बैंक के करीब 50 करोड़ रुपये फंसे हुए हैं। बैंक के लिए इन सभी 499 डिफाल्टर से 6 महीने में 138 करोड़ रुपये की रिकवरी करनी है।
आरबीआई की कैपिंग के बाद बघाट बैंक में शेयर होल्डर फोरम की बैठक हुई थी। इसमें सभी शेयर होल्डरों ने बैंक प्रबंधकों पर लोन रिकवरी और डिफाल्टरों पर कार्रवाई करने का दबाव बनाया था। पूर्व मंत्री व वरिष्ठ भाजपा नेता महेंद्र नाथ सोफत ने भी बैंक प्रबंधकों की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाए थे। इसके बाद अभी 15 डिफाल्टरों की गिरफ्तारी के आदेश किए गए हैं।