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Una News: थानाखास में निजी भूमि से खैर के 21 पेड़ों का अवैध कटान, लाखों का नुकसान
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वन विभाग और प्रशासन की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े
आसपास के क्षेत्रों में लगे सीसीटीवी कैमरों को खंगाली रही पुलिस : एसपी
बोले, स्थानीय लोगों से पूछताछ के आधार पर जल्द होगी आरोपियों की पहचान
संवाद न्यूज एजेंसी
थानाकलां (ऊना)। बंगाणा उपमंडल के थानाखास गांव में खैर तस्करों ने जंगलों के साथ-साथ अब किसानों की निजी भूमि को निशाना बनाया है। शनिवार रात गांव थानाखास के ककराना टावर के पास मुख्य सड़क से महज सौ मीटर की दूरी पर तस्करों ने खैर के 21 पेड़ों की अवैध कटाई कर दी और लाखों की कीमती लकड़ी साथ ले गए। इस घटना ने न केवल किसानों को भारी आर्थिक नुकसान पहुंचाया है, बल्कि वन विभाग और प्रशासन की कार्यप्रणाली पर भी सवाल खड़े कर दिए हैं। जानकारी के अनुसार बिमला देवी और शीला देवी की भूमि से सात खैर के पेड़ काटे गए, जबकि बलवंत सिंह, होशियार सिंह और राजेंद्र सिंह की भूमि से 14 पेड़ों के मोछे (ठूंठ) बरामद हुए हैं। इन पेड़ों की कीमत लाखों रुपये आंकी जा रही है। किसानों का कहना है कि खैर की लकड़ी बेहद कीमती होती है और वर्षों की मेहनत के बाद यह पेड़ तैयार होते हैं। ऐसे में अचानक हुई अवैध कटाई ने उनकी आर्थिक स्थिति को गंभीर रूप से प्रभावित किया है। किसानों ने आरोप लगाया कि पहले ही उन्हें अपनी फसलों की सुरक्षा को लेकर चिंता होती थी और अब अपनी निजी भूमि पर खैर के पेड़ों की रखवाली करना भी मुश्किल हो गया है। इस घटना ने प्रशासन की कार्यप्रणाली पर भी सवाल खड़े कर दिए हैं।
किसानों ने प्रशासन से मांग की है कि अवैध कटान करने वालों की जल्द पहचान कर उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए। उन्होंने यह भी चेतावनी दी कि यदि मुख्य सड़क के पास यह सब हो सकता है तो दूरदराज के इलाकों में स्थिति और भी भयावह होगी।
रेंज ऑफिसर संदीप कुमार ने बताया कि घटना की सूचना मिलते ही मौके पर गए। उन्होंने स्वयं घटना स्थल का निरीक्षण किया और स्थिति का जायजा लिया। रेंज ऑफिसर के अनुसार अवैध कटान का मामला गंभीर है और इसे किसी भी हाल में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। उन्होंने कहा कि पुलिस में मामला दर्ज कर लिया गया है और जांच जारी है।
पुलिस अधीक्षक अमित यादव ने कहा कि आसपास के क्षेत्रों में लगे सीसीटीवी कैमरों और स्थानीय लोगों से पूछताछ के आधार पर आरोपियों की पहचान करने की कोशिश की जा रही है। साथ ही खैर की लकड़ी के संभावित खरीदारों और तस्करों पर भी नजर रखी जा रही है।
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थानाकलां (ऊना)। बंगाणा उपमंडल के थानाखास गांव में खैर तस्करों ने जंगलों के साथ-साथ अब किसानों की निजी भूमि को निशाना बनाया है। शनिवार रात गांव थानाखास के ककराना टावर के पास मुख्य सड़क से महज सौ मीटर की दूरी पर तस्करों ने खैर के 21 पेड़ों की अवैध कटाई कर दी और लाखों की कीमती लकड़ी साथ ले गए। इस घटना ने न केवल किसानों को भारी आर्थिक नुकसान पहुंचाया है, बल्कि वन विभाग और प्रशासन की कार्यप्रणाली पर भी सवाल खड़े कर दिए हैं। जानकारी के अनुसार बिमला देवी और शीला देवी की भूमि से सात खैर के पेड़ काटे गए, जबकि बलवंत सिंह, होशियार सिंह और राजेंद्र सिंह की भूमि से 14 पेड़ों के मोछे (ठूंठ) बरामद हुए हैं। इन पेड़ों की कीमत लाखों रुपये आंकी जा रही है। किसानों का कहना है कि खैर की लकड़ी बेहद कीमती होती है और वर्षों की मेहनत के बाद यह पेड़ तैयार होते हैं। ऐसे में अचानक हुई अवैध कटाई ने उनकी आर्थिक स्थिति को गंभीर रूप से प्रभावित किया है। किसानों ने आरोप लगाया कि पहले ही उन्हें अपनी फसलों की सुरक्षा को लेकर चिंता होती थी और अब अपनी निजी भूमि पर खैर के पेड़ों की रखवाली करना भी मुश्किल हो गया है। इस घटना ने प्रशासन की कार्यप्रणाली पर भी सवाल खड़े कर दिए हैं।
किसानों ने प्रशासन से मांग की है कि अवैध कटान करने वालों की जल्द पहचान कर उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए। उन्होंने यह भी चेतावनी दी कि यदि मुख्य सड़क के पास यह सब हो सकता है तो दूरदराज के इलाकों में स्थिति और भी भयावह होगी।
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रेंज ऑफिसर संदीप कुमार ने बताया कि घटना की सूचना मिलते ही मौके पर गए। उन्होंने स्वयं घटना स्थल का निरीक्षण किया और स्थिति का जायजा लिया। रेंज ऑफिसर के अनुसार अवैध कटान का मामला गंभीर है और इसे किसी भी हाल में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। उन्होंने कहा कि पुलिस में मामला दर्ज कर लिया गया है और जांच जारी है।
पुलिस अधीक्षक अमित यादव ने कहा कि आसपास के क्षेत्रों में लगे सीसीटीवी कैमरों और स्थानीय लोगों से पूछताछ के आधार पर आरोपियों की पहचान करने की कोशिश की जा रही है। साथ ही खैर की लकड़ी के संभावित खरीदारों और तस्करों पर भी नजर रखी जा रही है।