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Una News: मिड-डे मील व्यवस्था में खामियों पर होगी कड़ी निगरानी
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व्यवस्थाओं को सुधारने के लिए बढ़ेगी सख्ती
कई स्कूलों के निरीक्षण में सामने आई सफाई से लेकर अन्य अव्यवस्थाएं
विभाग ने दिए निर्देश, राशन से लेकर खाना तैयार करने में लापरवाही पर होगी कार्रवाई
विभाग ने कहा-बच्चों के स्वास्थ्य से खिलवाड़ बर्दाश्त नहीं
संवाद न्यूज एजेंसी
ऊना। जिले के सभी स्कूलों में मिड-डे मील के तहत भोजन बनाने और परोसने में निर्धारित मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) का सख्ती से पालन करने के निर्देश जारी किए गए हैं। प्रारंभिक शिक्षा उपनिदेशक कार्यालय से जारी दिशा-निर्देशों में कहा गया है कि कुछ स्कूलों में बच्चों के भोजन तैयार करने में लापरवाही बरती जा रही है, जिससे विद्यार्थियों के स्वास्थ्य पर असर पड़ सकता है। इसी को ध्यान में रखते हुए विभाग ने सभी स्कूलों को दोबारा एसओपी की याद दिलाई है। निर्देशों के अनुसार मिड-डे मील तैयार करने में केवल सरकार की ओर से प्रमाणित जल स्रोतों से प्राप्त स्वच्छ व सुरक्षित पानी का ही उपयोग किया जाए। खाना पकाने और परोसने से पहले और शौच या कचरा छूने के बाद साबुन से हाथ धोना अनिवार्य है। रसोई की सफाई प्रतिदिन खाना पकाने से पहले और बाद में की जाए। बर्तनों को साफ पानी और डिटर्जेंट से धोकर सूखी, सुरक्षित जगह रखा जाए। टूटे या चिपके हुए बर्तनों का उपयोग न किया जाए। भोजन में इस्तेमाल होने वाली सामग्री जैसे चावल, दाल, सब्जियां और तेल की गुणवत्ता, ताजगी और समाप्ति तिथि की जांच की जाए। सड़ी-गली सामग्री का उपयोग न हो। सब्जियों को काटने से पहले बहते पानी में अच्छी तरह धोया जाए। भोजन पूरी तरह पकाया जाए, ढककर रखा जाए और बच्चों को गर्म परोसा जाए। बच्चों को भोजन परोसने से पहले निर्धारित रोस्टर के अनुसार कम से कम दो व्यक्ति जैसे शिक्षक, रसोइया या स्कूल प्रबंधन समिति सदस्य भोजन की गुणवत्ता जांचें। परोसने के दौरान बच्चों को कतार में अनुशासित तरीके से रोल नंबर के अनुसार बैठाकर भोजन दिया जाए। धर्म, जाति, वर्ण या लिंग के आधार पर किसी प्रकार का भेदभाव न किया जाए। स्कूलों को खाद्य सामग्री का स्टॉक और उपयोग रिकॉर्ड में बनाए रखने और कीट संक्रमण रोकने के लिए प्राकृतिक उपाय अपनाने के निर्देश भी दिए गए हैं। स्कूल परिसर में किसी भी प्रकार के कीटनाशक का उपयोग सख्त वर्जित है। प्रारंभिक शिक्षा उपनिदेशक सोमलाल धीमान ने बताया कि हाल ही में टीम सहित किए गए निरीक्षणों में कई स्कूलों में मिड-डे मील तैयार करने में लापरवाही देखी गई। उन्होंने चेतावनी दी कि ऐसी लापरवाही बच्चों के स्वास्थ्य के लिए घातक साबित हो सकती है। विभाग ने सभी स्कूलों को पत्र जारी कर मानकों के पालन की पुनः हिदायत दी है, ताकि किसी भी स्तर पर ढिलाई न बरती जाए।
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कई स्कूलों के निरीक्षण में सामने आई सफाई से लेकर अन्य अव्यवस्थाएं
विभाग ने दिए निर्देश, राशन से लेकर खाना तैयार करने में लापरवाही पर होगी कार्रवाई
विभाग ने कहा-बच्चों के स्वास्थ्य से खिलवाड़ बर्दाश्त नहीं
संवाद न्यूज एजेंसी
ऊना। जिले के सभी स्कूलों में मिड-डे मील के तहत भोजन बनाने और परोसने में निर्धारित मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) का सख्ती से पालन करने के निर्देश जारी किए गए हैं। प्रारंभिक शिक्षा उपनिदेशक कार्यालय से जारी दिशा-निर्देशों में कहा गया है कि कुछ स्कूलों में बच्चों के भोजन तैयार करने में लापरवाही बरती जा रही है, जिससे विद्यार्थियों के स्वास्थ्य पर असर पड़ सकता है। इसी को ध्यान में रखते हुए विभाग ने सभी स्कूलों को दोबारा एसओपी की याद दिलाई है। निर्देशों के अनुसार मिड-डे मील तैयार करने में केवल सरकार की ओर से प्रमाणित जल स्रोतों से प्राप्त स्वच्छ व सुरक्षित पानी का ही उपयोग किया जाए। खाना पकाने और परोसने से पहले और शौच या कचरा छूने के बाद साबुन से हाथ धोना अनिवार्य है। रसोई की सफाई प्रतिदिन खाना पकाने से पहले और बाद में की जाए। बर्तनों को साफ पानी और डिटर्जेंट से धोकर सूखी, सुरक्षित जगह रखा जाए। टूटे या चिपके हुए बर्तनों का उपयोग न किया जाए। भोजन में इस्तेमाल होने वाली सामग्री जैसे चावल, दाल, सब्जियां और तेल की गुणवत्ता, ताजगी और समाप्ति तिथि की जांच की जाए। सड़ी-गली सामग्री का उपयोग न हो। सब्जियों को काटने से पहले बहते पानी में अच्छी तरह धोया जाए। भोजन पूरी तरह पकाया जाए, ढककर रखा जाए और बच्चों को गर्म परोसा जाए। बच्चों को भोजन परोसने से पहले निर्धारित रोस्टर के अनुसार कम से कम दो व्यक्ति जैसे शिक्षक, रसोइया या स्कूल प्रबंधन समिति सदस्य भोजन की गुणवत्ता जांचें। परोसने के दौरान बच्चों को कतार में अनुशासित तरीके से रोल नंबर के अनुसार बैठाकर भोजन दिया जाए। धर्म, जाति, वर्ण या लिंग के आधार पर किसी प्रकार का भेदभाव न किया जाए। स्कूलों को खाद्य सामग्री का स्टॉक और उपयोग रिकॉर्ड में बनाए रखने और कीट संक्रमण रोकने के लिए प्राकृतिक उपाय अपनाने के निर्देश भी दिए गए हैं। स्कूल परिसर में किसी भी प्रकार के कीटनाशक का उपयोग सख्त वर्जित है। प्रारंभिक शिक्षा उपनिदेशक सोमलाल धीमान ने बताया कि हाल ही में टीम सहित किए गए निरीक्षणों में कई स्कूलों में मिड-डे मील तैयार करने में लापरवाही देखी गई। उन्होंने चेतावनी दी कि ऐसी लापरवाही बच्चों के स्वास्थ्य के लिए घातक साबित हो सकती है। विभाग ने सभी स्कूलों को पत्र जारी कर मानकों के पालन की पुनः हिदायत दी है, ताकि किसी भी स्तर पर ढिलाई न बरती जाए।