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Una News: शीत लहर की चपेट में आया ऊना, अत्यधिक ठंड से बढ़ीं मुश्किलें
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सड़कों पर कम दृष्यता की समस्या से जूझ रहे वाहन चालक
संवाद न्यूज़ एजेंसी
मैहतपुर (ऊना)। जिले में रविवार को शीत लहर का प्रकोप जारी रहा, जिससे दिनभर लोग घरों में ही रहे। कुछ लोग घर के जरूरी कामों के लिए ही बाहर निकले, लेकिन अधिकांश लोग घर में ही सुरक्षित रहे। कुछ लोगों ने अलाव जलाकर ठंड से बचने की कोशिश की, तो कई लोग हीटर का इस्तेमाल कर रहे थे। हालांकि, दिहाड़ी मजदूर पेट भरने के लिए इस कड़कड़ाती ठंड में भी काम करते नजर आए। विजिबिलिटी (दृश्यता) कम होने के कारण सड़कों पर वाहनों की रफ्तार धीमी रही और चालक बड़ी सावधानी से वाहन चला रहे थे। रविवार को घने बादलों के बीच सूर्य नारायण ने थोड़ी देर के लिए दर्शन देने का प्रयास किया, लेकिन बादलों ने उन्हें ढके रखा। शीत लहर से इंसानों के साथ-साथ बेजुबान जानवरों को भी कठिनाई का सामना करना पड़ा।
शुष्क मौसम और ठंड के कारण लोग सर्दी, जुकाम और खांसी जैसी बीमारियों से भी पीड़ित हो रहे हैं। लोगों का कहना है कि जब तक बारिश नहीं होती, शुष्क मौसम के कारण कई बीमारियां फैल सकती हैं। डॉक्टरों ने भी शीत लहर में सावधानी बरतने की सलाह दी है। ईएनटी विशेषज्ञ डॉ. केआर आर्य ने कहा कि ठंड में नाक, गले और कान की समस्याएं बढ़ सकती हैं। एमडी डॉ. जितेंद्र रायजादा ने कहा कि सर्दियों में विभिन्न बीमारियों का खतरा रहता है, इसलिए शरीर को ढककर रखना चाहिए और विशेष रूप से बच्चों और बुजुर्गों की सुरक्षा करनी चाहिए।
आरोग्य भारती के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. राकेश पंडित ने शुष्क ठंड से बचाव के लिए घर में तुलसी, दालचीनी और अदरक का सेवन फायदेमंद रहता है। उन्होंने कहा कि सर्दी से बचाव के लिए लोगों को विशेष ध्यान रखना होगा। रविवार को शीतलहर के चलते कारोबार भी सुस्त रहा। अधिकांश कारोबारी संस्थान बंद रहे, जबकि खुली दुकानों पर भी ग्राहकों की संख्या कम देखी गई।
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मैहतपुर (ऊना)। जिले में रविवार को शीत लहर का प्रकोप जारी रहा, जिससे दिनभर लोग घरों में ही रहे। कुछ लोग घर के जरूरी कामों के लिए ही बाहर निकले, लेकिन अधिकांश लोग घर में ही सुरक्षित रहे। कुछ लोगों ने अलाव जलाकर ठंड से बचने की कोशिश की, तो कई लोग हीटर का इस्तेमाल कर रहे थे। हालांकि, दिहाड़ी मजदूर पेट भरने के लिए इस कड़कड़ाती ठंड में भी काम करते नजर आए। विजिबिलिटी (दृश्यता) कम होने के कारण सड़कों पर वाहनों की रफ्तार धीमी रही और चालक बड़ी सावधानी से वाहन चला रहे थे। रविवार को घने बादलों के बीच सूर्य नारायण ने थोड़ी देर के लिए दर्शन देने का प्रयास किया, लेकिन बादलों ने उन्हें ढके रखा। शीत लहर से इंसानों के साथ-साथ बेजुबान जानवरों को भी कठिनाई का सामना करना पड़ा।
शुष्क मौसम और ठंड के कारण लोग सर्दी, जुकाम और खांसी जैसी बीमारियों से भी पीड़ित हो रहे हैं। लोगों का कहना है कि जब तक बारिश नहीं होती, शुष्क मौसम के कारण कई बीमारियां फैल सकती हैं। डॉक्टरों ने भी शीत लहर में सावधानी बरतने की सलाह दी है। ईएनटी विशेषज्ञ डॉ. केआर आर्य ने कहा कि ठंड में नाक, गले और कान की समस्याएं बढ़ सकती हैं। एमडी डॉ. जितेंद्र रायजादा ने कहा कि सर्दियों में विभिन्न बीमारियों का खतरा रहता है, इसलिए शरीर को ढककर रखना चाहिए और विशेष रूप से बच्चों और बुजुर्गों की सुरक्षा करनी चाहिए।
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आरोग्य भारती के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. राकेश पंडित ने शुष्क ठंड से बचाव के लिए घर में तुलसी, दालचीनी और अदरक का सेवन फायदेमंद रहता है। उन्होंने कहा कि सर्दी से बचाव के लिए लोगों को विशेष ध्यान रखना होगा। रविवार को शीतलहर के चलते कारोबार भी सुस्त रहा। अधिकांश कारोबारी संस्थान बंद रहे, जबकि खुली दुकानों पर भी ग्राहकों की संख्या कम देखी गई।