Nepal Violence : नेपाल में हिंसा, हिमाचल में रह रहे नेपाली लोगों को सता रही परिवार की चिंता, जानें क्या बोले
सेब सीजन के दौरान इन दिनों हिमाचल प्रदेश के सेब बाहुल्य क्षेत्रों में एक लाख से अधिक नेपाली श्रमिक मौजूद हैं। नेपाल में हिंसा के चलते यहां रह रहे नेपाली लोग अपने परिवार को लेकर परेशान हैं। पढ़ें पूरी खबर...
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नेपाल में हिंसा के बीच हिमाचल में रह रहे नेपाली लोगों को अपने परिवारों की चिंता सता रही है। फोन पर संपर्क में व्यवधान के चलते परिजनों से बातचीत न होने से नेपाली लोग परेशान हैं। हिमाचल से नेपाल के बॉर्डर टनकपुर जाने वाली बसें एक सप्ताह से खाली दौड़ रही हैं। सेब सीजन के दौरान इन दिनों प्रदेश के सेब बाहुल्य क्षेत्रों में एक लाख से अधिक नेपाली श्रमिक मौजूद हैं।
कोटखाई में रहने वाले नेपाली प्रकाश चंद का कहना है कि पिछले एक हफ्ते से नेपाल में हालात तनावपूर्ण हैं। बुधवार तक फोन सेवाएं पूरी तरह प्रभावित थीं। सेब सीजन के लिए नेपाल के जाजरकोट जिला से पांच साथियों के साथ आए नेपाली ललित गोसाईं का कहना है कि वीडियो कॉल पर बात नहीं हो पा रही है। मीडिया में आ रही खबरें परेशान करने वाली हैं।
शिमला में रह रहे नेपाली समाज के हरि प्रसाद का कहना है कि नेपाल में बेकाबू होते हालात के बीच शहर में रह रहे नेपाली चिंतित हैं। नेपाल में अपने स्वजनों से संपर्क कर वहां की स्थिति का जानकारी ले रहे हैं। हरि प्रसाद का कहना है कि नेपाल के घटनाक्रम के लिए वहां की सरकार की नीतियां जिम्मेदार हैं। नेपाल में उत्पीड़न, भ्रष्टाचार और युवा वर्ग की अनदेखी के विरुद्ध आक्रोश भड़का है। नेपाली समाज के पूर्व अध्यक्ष शिवलाल का कहना है कि नेपाल में चल रहे हिंसक आंदोलन के बीच हिमाचल में रह रहे लोग परिजनों की सुरक्षा को लेकर परेशान हैं। नेपाल में जल्द शांति व स्थिति में सुधार के लिए प्रार्थना की जा रही है।
एचआरटीसी के मंडलीय प्रबंधक शिमला देवासेन नेगी ने बताया कि टनकपुर जाने वाली बसों में इन दिनों ऑक्यूपेंसी बहुत कम चल रही है। नेपाल में हिंसा के कारण माहौल बहुत खराब है। सेब सीजन के लिए आए नेपाली दिवाली से पहले वापस लौटते हैं। उम्मीद है तब तक स्थिति सामान्य हो जाएगी।
नेपाल के हालात को देखते हुए हिमाचल प्रदेश की खुफिया एजेंसियां सतर्क हो गई हैं। राज्य पुलिस की सीआईडी इंटेलिजेंस विंग को सक्रिय कर संवेदनशील और सीमावर्ती क्षेत्रों में विशेष निगरानी रखने के निर्देश दिए गए हैं। सुरक्षा एजेंसियों को अलर्ट मोड में रखा गया है ताकि किसी भी संदिग्ध गतिविधि को समय रहते रोका जा सके। प्रदेश की सीमाओं और संवेदनशील इलाकों में तैनात पुलिस बल को भी सतर्क रहने के निर्देश दिए गए हैं। पड़ोसी देश के हालात का असर अक्सर तस्करी और आपराधिक गतिविधियों में बढ़ोतरी के रूप में दिखता है। इसलिए विशेष टीमों को लगातार निगरानी और खुफिया रिपोर्ट जुटाने का जिम्मा दिया गया है। हिमाचल में पहले से ही अंतरराज्यीय सीमाओं पर सुरक्षा जांच कड़ी कर दी गई है।