नारी सशक्तीकरण: छात्राओं को सिखाए जाएंगे आत्मरक्षा के गुर, स्कूलों में 45 मिनट की लगेगी कक्षा; जानें डिटेल में
हिमाचल प्रदेश के सरकारी स्कूलों में छात्राओं को मार्शल आर्ट्स, डिफेंस तकनीक, कराटे, सेल्फ-सेफ्टी के गुर सिखाए जाएंगे। पढ़ें पूरी खबर...
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हिमाचल सरकार स्कूली छात्राओं को आत्मरक्षा के गुर सिखाकर सशक्त बनाएगी। सरकारी स्कूलों में छात्राओं को मार्शल आर्ट्स, डिफेंस तकनीक, कराटे, सेल्फ-सेफ्टी के गुर सिखाए जाएंगे। इसको लेकर स्कूलों में 45 मिनट का पीरियड होगा। शारीरिक शिक्षकों को भी कौशल की जानकारी दी जाएगी।
हिमाचल में कई स्कूल जंगलों और दुर्गम क्षेत्रों में हैं। छात्राएं कई किलोमीटर पैदल चलकर स्कूल पहुंचती हैं। ऐसे में सरकार यह कदम उठा रही है। यह प्रशिक्षण छठी से 12वीं कक्षा तक की छात्राओं को दिया जाएगा। सरकार इसे पाठ्यक्रम का हिस्सा बनाएगी।
इसके लिए स्कूल स्तर पर आत्मरक्षा प्रशिक्षण शुरू होगा। छात्राओं को बताया जाएगा कि कठिन परिस्थितियों में वे खुद को कैसे सुरक्षित रखें और असामाजिक तत्वों से प्रभावी ढंग से कैसे निपटें। महिलाओं के प्रति हिंसा और लैंगिक भेदभाव केवल भारत नहीं, बल्कि वैश्विक समस्या है। ऐसे में आत्मरक्षा प्रशिक्षण और भी महत्वपूर्ण हो जाता है। योजना का उद्देश्य छात्राओं में आत्म सम्मान की भावना बढ़ाना, अनियमित उपस्थिति को कम करना और खेल के रूप में कराटे को बढ़ावा देना भी है। प्रशिक्षण के दौरान छोटी-मोटी चुनौतियों से निपटने की जानकारी भी दी जाएगी। स्कूल के शारीरिक शिक्षा शिक्षकों को कौशलों के बारे में बताया जाएगा।
स्कूली छात्राओं को सशक्त बनाया जाना है। इसके चलते इस योजना को सरकारी स्कूलों में शुरू किया जा रहा है। मार्शल आर्ट्स, डिफेंस तकनीक, कराटे, सेल्फ-सेफ्टी आदि की तकनीक सिखाई जाएगी। छात्राओं का मान सम्मान बढ़ाने के लिए सरकार इसे पाठ्यक्रम का भी हिसा बनाया जाएगा। -राजेश शर्मा, निदेशक समग्र शिक्षा