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Aravalli: कांग्रेस के दावे पर सरकार का पलटवार, भूपेंद्र यादव बोले- गहलोत से पूछिए, किसने बर्बाद की पर्वतमाला

न्यूज डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली Published by: देवेश त्रिपाठी Updated Thu, 25 Dec 2025 03:28 PM IST
सार

पर्यावरण एवं वन मंत्रालय ने भारतीय वानिकी अनुसंधान एवं शिक्षा परिषद को पूरे अरावली क्षेत्र में अतिरिक्त क्षेत्रों और जोन की पहचान करने का निर्देश दिया है। जहां केंद्र की ओर से पहले से ही खनन के लिए प्रतिबंधित क्षेत्रों के अलावा खनन पर प्रतिबंध लगाया जाना चाहिए।

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aravalli controversy Environment Minister Bhupender Yadav attacks Congress Jairam Ramesh over mining claims
केंद्रीय पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव ने कांग्रेस के आरोपों का जवाब दिया। - फोटो : ANI
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विस्तार
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केंद्रीय पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव ने गुरुवार को कांग्रेस की ओर से लगाए गए उन आरोपों को खारिज कर दिया कि पहाड़ियों की परिभाषा बदलने से अरावली के 90 प्रतिशत से ज्यादा हिस्से को संरक्षित नहीं किया जाएगा। उन्होंने कहा कि कांग्रेस इसलिए 'घबराई' हुई है क्योंकि सरकार ने अरावली में खनन पर पूर्ण प्रतिबंध लगा दिया है।
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कांग्रेस ने गुरुवार को दावा किया कि पर्वतीय पर्वत श्रृंखला की परिभाषा बदलने के बाद अरावली के 90 प्रतिशत से अधिक हिस्से को संरक्षित नहीं किया जाएगा। कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने कहा कि इससे खनन और अन्य गतिविधियों के लिए रास्ता खुल जाएगा।
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केंद्रीय मंत्री भूपेंद्र यादव ने जयराम रमेश की पोस्ट का जवाब देते हुए कहा, 'एफएसआई की ओर से किए गए किसी भी अध्ययन में आपकी कही गई बातों का कोई प्रमाण नहीं है। लेकिन मुझे पता है कि एफएसआई की ओर से स्पष्ट खंडन जारी करने के बावजूद आप ये झूठ क्यों फैला रहे हैं।' 

केंद्रीय मंत्री ने कांग्रेस से पूछा सवाल
भूपेंद्र यादव ने कहा, 'शायद आपकी 'पर्यावरणविद् वाली छवि' तब विश्वसनीय साबित होती जब आप अपने पार्टी सहयोगी अशोक गहलोत से पूछते कि अरावली पर्वतमाला को किसने नष्ट किया।'

भाजपा सांसद ने कहा, 'आप और आपके गुट के लोग इसलिए घबराए हुए हैं क्योंकि हमने गुजरात से दिल्ली तक अरावली में खनन पर पूर्ण प्रतिबंध लगा दिया है। हम आपको अशोक गहलोत को या आपकी पार्टी के किसी भी सदस्य को पवित्र अरावली को फिर कभी लूटने नहीं देंगे। आपकी पार्टी ने जो कुछ भी नष्ट किया है, उसके पुनर्निर्माण के लिए हम काम करते रहेंगे।'

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कांग्रेस ने केंद्र सरकार पर लगाए थे गंभीर आरोप
जयराम रमेश ने सरकार पर पर्यावरण संरक्षण कानूनों को कमजोर करके और प्रदूषण संबंधी मानदंडों में ढील देकर पारिस्थितिक संतुलन पर सुनियोजित हमला करने का आरोप लगाया। गौरतलब है कि नई परिभाषा के अनुसार अरावली पहाड़ी एक ऐसी भू-आकृति है जिसकी ऊंचाई उसके आसपास के भूभाग से कम से कम 100 मीटर अधिक हो। 

अरावली पर्वतमाला दो या दो से अधिक ऐसी पहाड़ियों का समूह है, जो एक दूसरे से 500 मीटर की दूरी के भीतर स्थित हों। अरावली पर्वतमाला की बदली हुई परिभाषा को लेकर हुए विवाद के बाद केंद्र ने बुधवार को राज्यों को निर्देश जारी कर पर्वत श्रृंखला के भीतर नए खनन पट्टे देने पर पूर्ण प्रतिबंध लगाने को कहा है।

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