{"_id":"57b8bbeb4f1c1bc6656eae27","slug":"army-operation-getting-fail-on-kashmir-unrest","type":"story","status":"publish","title_hn":"घाटी में सेना की आशंका- कर्फ्यू में पाक आतंकी कर रहे हैं अपनी पैठ मजबूत","category":{"title":"India News","title_hn":"भारत","slug":"india-news"}}
घाटी में सेना की आशंका- कर्फ्यू में पाक आतंकी कर रहे हैं अपनी पैठ मजबूत
अमर उजाला ब्यूरो/ नई दिल्ली
Updated Sun, 21 Aug 2016 01:52 AM IST
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कश्मीर में 43 दिन से चल रहे कर्फ्यू से सिर्फ आम जनता ही नहीं, बल्कि सेना और सुरक्षा बल की आतंकवाद विरोधी कार्रवाई भी बुरी तरह प्रभावित हो रही है। सुरक्षा तंत्र के लिए सिरदर्दी बनी हुई है कि कर्फ्यू के माहौल में पाकिस्तान समर्थित आतंकी तंत्र घाटी में अपनी पैठ मजबूत कर रहा है, क्योंकि विश्वसनीय खुफिया सूचनाओं की कमी से न तो सेना और न ही अर्धसैनिक बल आतंक विरोधी कार्रवाई कर पा रहे हैं।
कश्मीर के हालात को काबू करने में जुटे राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) अजीत डोभाल के स्तर पर इस समस्या की काट निकालने पर गंभीर मंत्रणा चल रही है। सूत्रों के मुताबिक, यह स्थिति घाटी में सुरक्षा तंत्र के लिए दोधारी तलवार साबित हो रहा है। खुफिया सूचनाओं पर काम करने के बजाय पूरा तंत्र अफवाहों और प्रदर्शनकारियों से जुझने में लगा है। उधर, पाकिस्तान सीमा पार से आतंकियों के घुसपैठ कराने में कोई कसर नहीं छोड़ रहा।
सेना के उच्च पदस्थ अधिकारी ने अमर उजाला को बताया कि कर्फ्यू के चलते खुफिया सूचनाएं नहीं आ पा रही हैं। ऐसे में आतंकियों को अपनी पैठ मजबूत करने का सुनहरा मौका मिल रहा होगा। सूत्रों के मुताबिक, सुरक्षा तंत्र ने घाटी के भीतर आखिरी ऑपरेशन 9 जुलाई को किया था जिसमें हिजबुल आतंकी बुरहान बानी और उसके दो साथी मारे गए थे। उसके बाद से सीमा पर ही कुछ आतंकवाद विरोधी कार्रवाई हुई है। घाटी के भीतर ऐसी कार्रवाई नहीं हो पा रही है।
सेना सूत्रों के मुताबिक घाटी में मौजूदा हालात पर काबू पा भी लिया गया तो समस्या खत्म नहीं होगी। घुसपैठ कर रहे आतंकियों में से कितनंों ने घाटी में अपना ठिकाना मजबूत कर लिया है यह फिलहाल किसी को नहीं मालूम।
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कश्मीर के हालात को काबू करने में जुटे राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) अजीत डोभाल के स्तर पर इस समस्या की काट निकालने पर गंभीर मंत्रणा चल रही है। सूत्रों के मुताबिक, यह स्थिति घाटी में सुरक्षा तंत्र के लिए दोधारी तलवार साबित हो रहा है। खुफिया सूचनाओं पर काम करने के बजाय पूरा तंत्र अफवाहों और प्रदर्शनकारियों से जुझने में लगा है। उधर, पाकिस्तान सीमा पार से आतंकियों के घुसपैठ कराने में कोई कसर नहीं छोड़ रहा।
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सेना के उच्च पदस्थ अधिकारी ने अमर उजाला को बताया कि कर्फ्यू के चलते खुफिया सूचनाएं नहीं आ पा रही हैं। ऐसे में आतंकियों को अपनी पैठ मजबूत करने का सुनहरा मौका मिल रहा होगा। सूत्रों के मुताबिक, सुरक्षा तंत्र ने घाटी के भीतर आखिरी ऑपरेशन 9 जुलाई को किया था जिसमें हिजबुल आतंकी बुरहान बानी और उसके दो साथी मारे गए थे। उसके बाद से सीमा पर ही कुछ आतंकवाद विरोधी कार्रवाई हुई है। घाटी के भीतर ऐसी कार्रवाई नहीं हो पा रही है।
सेना सूत्रों के मुताबिक घाटी में मौजूदा हालात पर काबू पा भी लिया गया तो समस्या खत्म नहीं होगी। घुसपैठ कर रहे आतंकियों में से कितनंों ने घाटी में अपना ठिकाना मजबूत कर लिया है यह फिलहाल किसी को नहीं मालूम।