राहुल गांधी के वो वफादार जिन्होंने अनुच्छेद 370 पर मोदी सरकार का किया समर्थन
मोदी सरकार ने जम्मू-कश्मीर से विशेष राज्य का दर्जा वापस लेने का निर्णय लिया और राज्य को दो केंद्र शासित प्रदेशों में विभाजित कर दिया। केंद्र के इस फैसले के समर्थन में 'टीम राहुल' के कई सदस्यों ने बयान दिए। जबकि संसद में कांग्रेस के एक धड़े ने इसका विरोध किया, जिसका नेतृत्व सोनिया गांधी, गुलाम नबी आजाद और अधीर रंजन चौधरी कर रहे थे।
अनुच्छेद 370 को हटाने का समर्थन करने वाले कांग्रेसी नेताओं ने इसकी वजह लोगों की भावनाओं को बताया। इसी मुद्दे पर बुलाई गई कांग्रेस कार्यसमिति की बैठक में भी अधिकतर युवा नेताओं ने अनुच्छेद 370 हटाने के समर्थन में आवाज उठाई जबकि पुराने नेताओं ने इसका विरोध किया।
आने वाले दिनों में हो सकता है कि भाजपा के खिलाफ कांग्रेस की वैचारिक और राजनीतिक लड़ाई का नेतृत्व इन्हीं में से किसी नेता को मिले। इस सूची में ज्योतिरादित्य सिंधिया, मिलिंद देवड़ा, दीपेंद्र हुड्डा, जितिन प्रसाद, आरपीएन सिंह, ज्योति मिर्धा, रणजीत रंजन और अदिति सिंह शामिल हैं।
#जम्मूकश्मीर और #लद्दाख को लेकर उठाए गए कदम और भारत देश मे उनके पूर्ण रूप से एकीकरण का मैं समर्थन करता हूँ। संवैधानिक प्रक्रिया का पूर्ण रूप से पालन किया जाता तो बेहतर होता, साथ ही कोई प्रश्न भी खड़े नही होते। लेकिन ये फैसला राष्ट्र हित मे लिया गया है और मैं इसका समर्थन करता हूँ।
— Jyotiraditya M. Scindia (@JM_Scindia) August 6, 2019
Abolishing Article 370 of the Indian Constitution could well be dubbed Modi Sarkar 2.0’s demonetisation moment.
— Milind Deora मिलिंद देवरा (@milinddeora) August 5, 2019
For the sake of peace & development in Jammu & Kashmir, I hope this decision plays out more favourably than demonetisation did
Deepender Singh Hooda, Congress on #Article370: My opinion is that in today's situation Article 370 is no more relevant. When the Article was imposed Nehru ji had said that it is temporary. I think for the unity of the country & development of Kashmiris, it is the right decision. pic.twitter.com/D4dLmFSlVb
— ANI (@ANI) August 7, 2019