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Karnataka: 'सीएम सिद्धारमैया का बयान हमारे लिए वेद वाक्य..', राज्य में नेतृत्व परिवर्तन की अटकलों पर शिवकुमार
न्यूज डेस्क, अमर उजाला, चिकबल्लापुर (कर्नाटक)
Published by: निर्मल कांत
Updated Mon, 24 Nov 2025 06:45 PM IST
सार
Karnataka: कर्नाटक के उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार ने कहा कि मुख्यमंत्री सिद्धारमैया का बयान उनके लिए 'वेद वाक्य' जैसा है। उनका यह बयान तब आया है, जब राज्य में नेतृत्व परिवर्तन की अटकलें एक बार फिर तेज हो गई हैं।
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कर्नाटक के उप मुख्यमंत्री डी.के. शिवकुमार
- फोटो : एएनआई (फाइल)
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विस्तार
कर्नाटक के उप मुख्यमंत्री डीके शिवकुमार ने सोमवार को कहा कि मुख्यमंत्री सिद्धारमैया का बयान उनके लिए 'वेद वाक्य' (पूरी तरह पवित्र और अंतिम) जैसा है। यह बात उन्होंने तब कही, जब राज्य में नेतृत्व परिवर्तन की अटकलें फिर तेज हो गई हैं।
शिवकुमार सिद्धारमैया के उस बयान पर प्रतिक्रिया दे रहे थे, जिसमें उन्होंने कहा था कि अगर पार्टी हाईकमान फैसला करता है, तो वह मुख्यमंत्री पद पर बने रहेंगे। मुख्यमंत्री ने यह भी कहा था कि नेतृत्व को लेकर अंतिम फैसला पार्टी हाईकमान का होता है वह और उनके उपमुख्यमंत्री को उसे स्वीकार करना होगा। पत्रकारों की ओर से गए सवाल पर शिवकुमार ने कहा, 'एक बार उन्होंने (सिद्धारमैया) कह दिया, तो वह हमारे लिए वेद वाक्य है।'
20 नवंबर को खत्म हुआ आधा कार्यकाल
राज्य की कांग्रेस सरकार के पांच साल के कार्यकाल का आधा 20 नवंबर को पूरा हो गया है। ऐसे में राज्य में नेतृत्व परिवर्तन की अटकलों के बीच सत्तारूढ़ पार्टी के भीतर शक्ति संघर्ष बढ़ गया है। इन अटकलों को 2023 में दोनों नेताओं के बीच हुए कथित 'सत्ता साझेदारी' के समझौते की खबरों ने और हवा दी है, जिसके अनुसार मुख्यमंत्री पद का कार्यकाल दोनों के बीच बारी-बारी से तय हो सकता था। दोपहर से पहले दोनों नेता एक ही मंच पर दिखाई दिए, जहां सिद्धारमैया ने 'हाइटेक रेशम कोकून बाजार' का शुभारंभ किया। उन्होंने करीब दो हजार करोड़ रुपये की विकास परियोजनाएं का भी शुभारंभ किया और सामाजिक सुरक्षा योजनाओं के लाभ लाभार्थियों में वितरित किए।
ये भी पढ़ें: बंगाल के राज्यपाल बोस बोले- भारत-बांग्लादेश सीमा की ओर पलायन कर रहे लोग; चेन्नई में VCK ने किया प्रदर्शन
विधायकों की खरीद-फरोख्त भाजपा की संस्कृति: शिवकुमार
शिवकुमार ने कर्नाटक में कांग्रेस के विभिन्न गुटों के बीच 'खरीद-फरोख्त' के भाजपा के आरोपों पर भी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने पलटवार करते हुए कहा कि यह तो भाजपा की संस्कृति है। उन्होंने कहा, भाजपा नेताओं ने पहले ही मान किया है कि उनके दल में मुख्यमंत्री बनने के लिए कितने हजार करोड़ रुपये देने पड़ते हैं। विधानसभा में दस्तावेजों के साथ इस पर चर्चा भी हुई थी कि उन्होंने अतीत में अन्य दलों के विधायकों को खरीदने के लिए कितने करोड़ दिए थे। शायद वे अब वही याद कर रहे हैं जो उन्होंने किया था।
ये भी पढ़ें: कर्नाटक में सीएम पद को लेकर सियासी घमासान, सिद्धारमैया बोले- हाई कमान के फैसले का करेंगे पालन
मंत्री केजे जॉर्ज ने शिवकुमार के साथ बैठक पर दी सफाई
इसी बीच, सिद्धारमैया के करीबी माने जाने वाले वरिष्ठ मंत्री केजे जॉर्ज ने हाल ही में शिवकुमार के साथ हुई देर रात की बैठक पर स्पष्टीकरण दिया। उन्होंने कहा कि उसमें केवल सरकारी कामकाज और बंगलूरू नगर निगम के आगामी चुनाव पर चर्चा हुई थी। उन्होंने नेतृत्व परिवर्तन पर बात करने या मध्यस्थ की भूमिका निभाने से साफ इनकार किया। यादगिर में पत्रकारों से बात करते हुए उन्होंने कहा, शिवकुमार उप मुख्यमंत्री हैं, पार्टी के साथी हैं और हम मिलते रहते हैं, इसमें क्या गलत है? मैंने शिवकुमार से सरकारी कामों पर और आगामी बंगलूरू नगर निगम चुनाव को लेकर चर्चा की है। कांग्रेस ने मुझे (नेतृत्व मुद्दे पर) कोई जिम्मेदारी नहीं दी है। एक सवाल के जवाब में जॉर्ज ने कहा, पार्टी में कोई बगावत नहीं है जिसे शांत करने की जरूरत पड़े। हम सभी कांग्रेस परिवार का हिस्सा हैं।
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शिवकुमार सिद्धारमैया के उस बयान पर प्रतिक्रिया दे रहे थे, जिसमें उन्होंने कहा था कि अगर पार्टी हाईकमान फैसला करता है, तो वह मुख्यमंत्री पद पर बने रहेंगे। मुख्यमंत्री ने यह भी कहा था कि नेतृत्व को लेकर अंतिम फैसला पार्टी हाईकमान का होता है वह और उनके उपमुख्यमंत्री को उसे स्वीकार करना होगा। पत्रकारों की ओर से गए सवाल पर शिवकुमार ने कहा, 'एक बार उन्होंने (सिद्धारमैया) कह दिया, तो वह हमारे लिए वेद वाक्य है।'
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20 नवंबर को खत्म हुआ आधा कार्यकाल
राज्य की कांग्रेस सरकार के पांच साल के कार्यकाल का आधा 20 नवंबर को पूरा हो गया है। ऐसे में राज्य में नेतृत्व परिवर्तन की अटकलों के बीच सत्तारूढ़ पार्टी के भीतर शक्ति संघर्ष बढ़ गया है। इन अटकलों को 2023 में दोनों नेताओं के बीच हुए कथित 'सत्ता साझेदारी' के समझौते की खबरों ने और हवा दी है, जिसके अनुसार मुख्यमंत्री पद का कार्यकाल दोनों के बीच बारी-बारी से तय हो सकता था। दोपहर से पहले दोनों नेता एक ही मंच पर दिखाई दिए, जहां सिद्धारमैया ने 'हाइटेक रेशम कोकून बाजार' का शुभारंभ किया। उन्होंने करीब दो हजार करोड़ रुपये की विकास परियोजनाएं का भी शुभारंभ किया और सामाजिक सुरक्षा योजनाओं के लाभ लाभार्थियों में वितरित किए।
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विधायकों की खरीद-फरोख्त भाजपा की संस्कृति: शिवकुमार
शिवकुमार ने कर्नाटक में कांग्रेस के विभिन्न गुटों के बीच 'खरीद-फरोख्त' के भाजपा के आरोपों पर भी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने पलटवार करते हुए कहा कि यह तो भाजपा की संस्कृति है। उन्होंने कहा, भाजपा नेताओं ने पहले ही मान किया है कि उनके दल में मुख्यमंत्री बनने के लिए कितने हजार करोड़ रुपये देने पड़ते हैं। विधानसभा में दस्तावेजों के साथ इस पर चर्चा भी हुई थी कि उन्होंने अतीत में अन्य दलों के विधायकों को खरीदने के लिए कितने करोड़ दिए थे। शायद वे अब वही याद कर रहे हैं जो उन्होंने किया था।
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मंत्री केजे जॉर्ज ने शिवकुमार के साथ बैठक पर दी सफाई
इसी बीच, सिद्धारमैया के करीबी माने जाने वाले वरिष्ठ मंत्री केजे जॉर्ज ने हाल ही में शिवकुमार के साथ हुई देर रात की बैठक पर स्पष्टीकरण दिया। उन्होंने कहा कि उसमें केवल सरकारी कामकाज और बंगलूरू नगर निगम के आगामी चुनाव पर चर्चा हुई थी। उन्होंने नेतृत्व परिवर्तन पर बात करने या मध्यस्थ की भूमिका निभाने से साफ इनकार किया। यादगिर में पत्रकारों से बात करते हुए उन्होंने कहा, शिवकुमार उप मुख्यमंत्री हैं, पार्टी के साथी हैं और हम मिलते रहते हैं, इसमें क्या गलत है? मैंने शिवकुमार से सरकारी कामों पर और आगामी बंगलूरू नगर निगम चुनाव को लेकर चर्चा की है। कांग्रेस ने मुझे (नेतृत्व मुद्दे पर) कोई जिम्मेदारी नहीं दी है। एक सवाल के जवाब में जॉर्ज ने कहा, पार्टी में कोई बगावत नहीं है जिसे शांत करने की जरूरत पड़े। हम सभी कांग्रेस परिवार का हिस्सा हैं।
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