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सियासत: 'शिवसेना-कांग्रेस कट्टर विरोधी रहे, लेकिन बदले की भावना से काम नहीं किया'; PM पर उद्धव ठाकरे का निशाना

न्यूज डेस्क, अमर उजाला Published by: पवन पांडेय Updated Tue, 20 Aug 2024 06:32 PM IST
सार

उद्धव ठाकरे ने एक बार फिर केंद्रीय एजेंसियों के दुरुपयोग और दुर्भावनापूर्ण राजनीतिक इरादों वाली कार्रवाई को लेकर चिंता जताई है। उन्होंने कहा, शिवसेना और कांग्रेस एक-दूसरे के कट्टर विरोधी थे, लेकिन उन्होंने कभी एक-दूसरे के प्रति बदले की भावना से काम नहीं किया।

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Bal Thackeray criticised Rajiv but central agencies did not harass Sena: Uddhav at Cong event
पीएम मोदी पर उद्धव ठाकरे का निशाना - फोटो : ANI
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विस्तार
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महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने कहा, उनके पिता बाल ठाकरे ने पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की आलोचना की थी, लेकिन केंद्रीय एजेंसियों ने कभी शिवसेना कार्यकर्ताओं को परेशान नहीं किया। उद्धव ठाकरे ने कांग्रेस के सद्भावना दिवस कार्यक्रम में पीएम मोदी के नेतृत्व वाली सरकार पर जमकर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि राजीव गांधी की सरकार ने चुनौतियों का डटकर सामना किया लेकिन वर्तमान सरकार मणिपुर और कश्मीर में हिंसा की समस्याओं पर मौन रही।
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कांग्रेस के सद्भावना दिवस कार्यक्रम में बरसे उद्धव
कांग्रेस मुंबई की तरफ से आयोजित सद्भावना दिवस कार्यक्रम में बोलते हुए शिवसेना (उद्धव बालासाहब ठाकरे) प्रमुख उद्धव ठाकरे ने कहा कि प्रधानमंत्री के रूप में राजीव गांधी कभी भी चुनौतियों का सामना करने से पीछे नहीं हटे, जबकि मौजूदा सरकार मणिपुर और कश्मीर में हिंसा भड़कने पर भी चिंतित नहीं थी।
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2019 में एनडीए से अलग हुई थी अविभाजित शिवसेना
कभी भाजपा की सबसे पुरानी सहयोगी पार्टी रही शिवसेना 2019 में एनडीए गठबंधन से अलग हो गई थी, वहीं 2022 में राज्य के मौजूदा मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने पार्टी के 39 अन्य विधायकों के साथ बगावत किया। जिसकी वजह से राज्य में तत्कालीन महा विकास अघाड़ी सरकार गिर गई थी और शिवसेना दो हिस्सों में बंट गई थी। इसके बाद एकनाथ शिंदे भाजपा के समर्थन से राज्य के नए मुख्यमंत्री बने। 

56 साल बाद हुआ था शिवसेना का विभाजन
वहीं इस विभाजन के बाद चुनाव आयोग ने फैसला करते हुए एकनाथ शिंदे गुट को शिवसेना का सही उत्तराधिकारी घोषित करते हुए पार्टी का मूल नाम और चुनाव चिन्ह धनुष और तीर सौंप दिया था। वहीं इस बदलाव के बाद उद्धव ठाकरे के गुट को नया नाम शिवसेना (उद्धव बालासाहब ठाकरे) मिला था।


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