{"_id":"69282db2f21a6a9bd9081607","slug":"cal-hc-asks-school-service-commission-to-publish-omr-sheets-of-slst-2025-candidates-2025-11-27","type":"story","status":"publish","title_hn":"West Bengal: 'SLST 2025 उम्मीदवारों की ओएमआर शीट करें जारी', स्कूल सेवा आयोग को कलकत्ता हाईकोर्ट का निर्देश","category":{"title":"India News","title_hn":"देश","slug":"india-news"}}
West Bengal: 'SLST 2025 उम्मीदवारों की ओएमआर शीट करें जारी', स्कूल सेवा आयोग को कलकत्ता हाईकोर्ट का निर्देश
न्यूज डेस्क, अमर उजाला, कोलकाता
Published by: पवन पांडेय
Updated Thu, 27 Nov 2025 04:23 PM IST
सार
याचिकाकर्ताओं की ओर से पेश वकील सुदीप्तो दासगुप्ता ने अदालत को बताया कि एसएलएसटी 2025 परीक्षा में कई ऐसे उम्मीदवार सफल हुए हैं, जिनके नाम 2016 की भर्ती घोटाले से जुड़े दागी उम्मीदवारों की सूची में आते हैं। उनका आरोप है कि ऐसे उम्मीदवार सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बावजूद दोबारा परीक्षा देने और चयन प्रक्रिया में शामिल हो रहे हैं।
विज्ञापन
कलकत्ता हाई कोर्ट
- फोटो : ANI
विज्ञापन
विस्तार
कलकत्ता हाईकोर्ट ने गुरुवार को पश्चिम बंगाल स्कूल सर्विस कमीशन (डब्ल्यूबीएसएससी) को एक बड़ा निर्देश देते हुए कहा कि वह एसएलएसटी 2025 परीक्षा देने वाले सभी उम्मीदवारों की ओएमआर शीट्स सार्वजनिक करे, ताकि भर्ती प्रक्रिया पूरी तरह पारदर्शी और निष्पक्ष हो।
यह भी पढ़ें - Kerala: सोशल मीडिया पोस्ट में सीएम विजयन पर बम से हमले की धमकी दी, खुद को नन कहने वाली महिला पर केस दर्ज
शुरुआत से ही पारदर्शिता जरूरी है- कोर्ट
न्यायमूर्ति अमृता सिन्हा ने सुनवाई के दौरान कहा कि शुरुआत से ही पारदर्शिता जरूरी है, ताकि किसी भी तरह की गड़बड़ी या अवैध नियुक्ति की गुंजाइश न रहे। अदालत ने डब्ल्यूबीएसएससी को आदेश दिया कि नौवीं-10वीं और 11वीं-12वीं कक्षा के उम्मीदवारों की ओएमआर शीट्स वेबसाइट पर डाल दी जाएं, जिससे कोई भी उम्मीदवार या पक्ष किसी प्रकार की शिकायत न कर सके। इसके साथ ही अदालत ने 2016 की एसएलएसटी भर्ती में पैनल की अवधि खत्म होने के बाद जिन उम्मीदवारों को शिक्षक के रूप में नियुक्त किया गया था, उनकी सूची भी अदालत में पेश करने का निर्देश दिया। अदालत ने बताया कि 2016 एसएलएसटी में कक्षा 11-12 का पैनल नवंबर 2018 में और कक्षा 9-10 का पैनल मार्च 2019 में ही समाप्त हो चुका था।
10 दिसंबर को मामले की अगली सुनवाई
याचिकाकर्ताओं की ओर से पेश वकील सुदीप्तो दासगुप्ता ने अदालत को बताया कि डब्ल्यूबीएसएससी ने सिर्फ उन उम्मीदवारों को दागी बताया है, जिनकी ओएमआर शीट में मिलान नहीं हुआ। जबकि उन लोगों के नाम सूची में शामिल नहीं किए गए हैं, जिन्हें पैनल की अवधि समाप्त होने के बाद अवैध रूप से नौकरी दी गई थी।
यह भी पढ़ें - Karnataka: 'अगर हाईकमान बुलाएगा तो दिल्ली जाएंगे', कर्नाटक में नेतृत्व परिवर्तन की चर्चाओं के बीच सीएम का बयान
कोर्ट में याचिकाकर्ताओं की दलील
याचिकाकर्ताओं का कहना है कि सुप्रीम कोर्ट साफ कह चुका है कि कोई भी दागी उम्मीदवार दोबारा भर्ती प्रक्रिया में शामिल नहीं हो सकता। अगर कोई गलती से शामिल हो भी जाता है, तो उसकी उम्मीदवारी जांच के बाद रद्द होनी चाहिए। अदालत के इस आदेश के बाद डब्ल्यूबीएसएससी की पारदर्शिता और पुराने नियुक्ति घोटाले को लेकर बहस फिर तेज हो गई है। इस मामले पर अब सबकी निगाहें 10 दिसंबर की अगली सुनवाई पर टिकी हैं।
Trending Videos
यह भी पढ़ें - Kerala: सोशल मीडिया पोस्ट में सीएम विजयन पर बम से हमले की धमकी दी, खुद को नन कहने वाली महिला पर केस दर्ज
विज्ञापन
विज्ञापन
शुरुआत से ही पारदर्शिता जरूरी है- कोर्ट
न्यायमूर्ति अमृता सिन्हा ने सुनवाई के दौरान कहा कि शुरुआत से ही पारदर्शिता जरूरी है, ताकि किसी भी तरह की गड़बड़ी या अवैध नियुक्ति की गुंजाइश न रहे। अदालत ने डब्ल्यूबीएसएससी को आदेश दिया कि नौवीं-10वीं और 11वीं-12वीं कक्षा के उम्मीदवारों की ओएमआर शीट्स वेबसाइट पर डाल दी जाएं, जिससे कोई भी उम्मीदवार या पक्ष किसी प्रकार की शिकायत न कर सके। इसके साथ ही अदालत ने 2016 की एसएलएसटी भर्ती में पैनल की अवधि खत्म होने के बाद जिन उम्मीदवारों को शिक्षक के रूप में नियुक्त किया गया था, उनकी सूची भी अदालत में पेश करने का निर्देश दिया। अदालत ने बताया कि 2016 एसएलएसटी में कक्षा 11-12 का पैनल नवंबर 2018 में और कक्षा 9-10 का पैनल मार्च 2019 में ही समाप्त हो चुका था।
10 दिसंबर को मामले की अगली सुनवाई
याचिकाकर्ताओं की ओर से पेश वकील सुदीप्तो दासगुप्ता ने अदालत को बताया कि डब्ल्यूबीएसएससी ने सिर्फ उन उम्मीदवारों को दागी बताया है, जिनकी ओएमआर शीट में मिलान नहीं हुआ। जबकि उन लोगों के नाम सूची में शामिल नहीं किए गए हैं, जिन्हें पैनल की अवधि समाप्त होने के बाद अवैध रूप से नौकरी दी गई थी।
यह भी पढ़ें - Karnataka: 'अगर हाईकमान बुलाएगा तो दिल्ली जाएंगे', कर्नाटक में नेतृत्व परिवर्तन की चर्चाओं के बीच सीएम का बयान
कोर्ट में याचिकाकर्ताओं की दलील
याचिकाकर्ताओं का कहना है कि सुप्रीम कोर्ट साफ कह चुका है कि कोई भी दागी उम्मीदवार दोबारा भर्ती प्रक्रिया में शामिल नहीं हो सकता। अगर कोई गलती से शामिल हो भी जाता है, तो उसकी उम्मीदवारी जांच के बाद रद्द होनी चाहिए। अदालत के इस आदेश के बाद डब्ल्यूबीएसएससी की पारदर्शिता और पुराने नियुक्ति घोटाले को लेकर बहस फिर तेज हो गई है। इस मामले पर अब सबकी निगाहें 10 दिसंबर की अगली सुनवाई पर टिकी हैं।
विज्ञापन
रहें हर खबर से अपडेट, डाउनलोड करें Android Hindi News apps, iOS Hindi News apps और Amarujala Hindi News apps अपने मोबाइल पे|
Get all India News in Hindi related to live update of politics, sports, entertainment, technology and education etc. Stay updated with us for all breaking news from India News and more news in Hindi.
विज्ञापन
विज्ञापन