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Karnataka Congress Crisis: Chief Ministerial post dispute reaches its peak in Karnataka, third option discusse
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Karnataka Congress Crisis: कर्नाटक में मुख्यमंत्री पद विवाद पहुंचा चरम पर, तीसरे विकल्प की चर्चा!
वीडियो डेस्क, अमर उजाला डॉट कॉम Published by: भास्कर तिवारी Updated Thu, 27 Nov 2025 05:37 PM IST
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कर्नाटक में कांग्रेस की शानदार जीत के बाद, मुख्यमंत्री पद के लिए सिद्धारमैया (जो एक अनुभवी ओबीसी नेता हैं) और डी. के. शिवकुमार (जो प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष और वोक्कालिगा समुदाय से आते हैं) के बीच कड़ी प्रतिस्पर्धा थी। कई दिनों के विचार-विमर्श के बाद, पार्टी आलाकमान ने सिद्धारमैया को मुख्यमंत्री और शिवकुमार को उपमुख्यमंत्री बनाया। हालांकि, उस समय यह चर्चा जोरों पर थी कि दोनों नेताओं के बीच एक ढाई-ढाई साल का सत्ता-साझाकरण फॉर्मूला तय हुआ है, जिसके तहत सिद्धारमैया पहले ढाई साल मुख्यमंत्री रहेंगे और उसके बाद शिवकुमार पद संभालेंगे। कांग्रेस पार्टी ने कभी भी आधिकारिक तौर पर इस समझौते की पुष्टि नहीं की है, लेकिन शिवकुमार खेमा लगातार इस कथित गुप्त समझौते की याद दिलाता रहा है।
सिद्धारमैया सरकार का ढाई साल का कार्यकाल नवंबर 2025 में पूरा होने के बाद, शिवकुमार के समर्थक विधायक और विधान परिषद सदस्य (MLCs) कथित तौर पर इस समझौते को लागू करवाने के लिए कांग्रेस आलाकमान पर दबाव बनाने के लिए दिल्ली पहुँचे हैं। शिवकुमार ने भी सार्वजनिक रूप से एक "गुप्त समझौते" की बात कही है, जिस पर पांच-छह पार्टी नेताओं ने सहमति व्यक्त की थी, हालांकि उन्होंने अधिक विवरण देने से इनकार कर दिया। दूसरी ओर, सिद्धारमैया और उनके समर्थक इस तरह के किसी भी समझौते से इनकार करते रहे हैं और सिद्धारमैया ने पूरे पांच साल तक मुख्यमंत्री बने रहने की मंशा जाहिर की है। इस आंतरिक खींचतान के बीच, कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने इस विवाद को स्वीकार करते हुए इसे सुलझाने के लिए "दवा" देने की बात कही है, जिसके बाद आलाकमान (सोनिया गांधी, राहुल गांधी और खड़गे) के जल्द ही बैठक करने की संभावना है। यह विवाद अब सियासी लॉबिंग के साथ-साथ जातीय समीकरण (सिद्धारमैया ओबीसी/अहिंदा नेता, शिवकुमार वोक्कालिगा नेता) पर भी केंद्रित होता जा रहा है।
कर्नाटक में सत्ता परिवर्तन की चर्चाएं एक बार फिर जोर पकड़ रही हैं। कांग्रेस सरकार ने 20 नवंबर को अपने पांच साल के कार्यकाल का आधा सफर पूरा कर लिया है और इसी के साथ राज्य में राजनीतिक हलचल भी बढ़ गई है। लंबे समय से यह संकेत मिलते रहे हैं कि मुख्यमंत्री सिद्धारमैया और उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार के बीच “ढाई-ढाई साल की सत्ता साझेदारी” की समझ बनी थी, हालांकि कांग्रेस ने इसे कभी औपचारिक रूप से स्वीकार नहीं किया। अब जब आधा कार्यकाल पूरा हो गया है, सवाल फिर वही है सीएम की कुर्सी किसे मिलेगी?
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने बेंगलुरु में पत्रकारों से इस मुद्दे पर खुलकर प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा कि वह सभी नेताओं को बुलाकर चर्चा करेंगे। इस बैठक में राहुल गांधी, मुख्यमंत्री सिद्धारमैया, उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार और अन्य वरिष्ठ नेता शामिल रहेंगे। खरगे ने साफ किया कि कांग्रेस का हाईकमान सामूहिक सहमति से निर्णय लेगा।
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