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CBI: नोटबंदी के दौरान शशिकला ने पुराने नोट देकर खरीदी चीनी मिल, 450 करोड़ रुपये नकदी का हुआ था इस्तेमाल
न्यूज डेस्क, अमर उजाला, चेन्नई
Published by: राहुल कुमार
Updated Sat, 06 Sep 2025 08:31 PM IST
सार
तमिलनाडु की पूर्व मुख्यमंत्री जयललिता की करीबी सहयोगी शशिकला ने वर्ष 2016 में नोटबंदी के दौरान 450 करोड़ रुपये के पुराने नोटों से एक शुगर फैक्ट्री खरीदी थी। इस मामले में सीबीआई ने मद्रास हाई कोर्ट के निर्देश पर पद्मादेवी शुगर लिमिटेड के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है।
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वीके शशिकला
- फोटो : ANI
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विस्तार
तमिलनाडु की दिवंगत मुख्यमंत्री जे. जयललिता की करीबी सहयोगी वीके शशिकला को लेकर सीबीआई ने बड़ा खुलासा किया है। सीबीआई की ओर से दर्ज एफआईआर में दावा किया गया है कि शशिकला ने 2016 की नोटबंदी के दौरान 450 करोड़ रुपये पुराने नोट देकर कांचीपुरम की एक शुगर फैक्टरी खरीदी थी।
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यह मामला पद्मादेवी शुगर लिमिटेड (पीएसएल) से जुड़ा है, जिसे 2020 में भारतीय ओवरसीज बैंक (आईओबी) ने धोखाधड़ी घोषित कर दिया था। बैंक का आरोप है कि कंपनी ने 120 करोड़ रुपये का घाटा पहुंचाया। हालांकि, शशिकला का नाम एफआईआर में आरोपी के रूप में शामिल नहीं है, लेकिन इसमें दर्ज बैंक शिकायत और आयकर विभाग के दस्तावेजों में उनकी भूमिका का जिक्र है।
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नोटबंदी में पटेल ग्रुप को 450 करोड़ रुपये नकद दिए
आयकर विभाग ने 2017 में शशिकला से जुड़े मामलों में छापे मारे थे। उस दौरान मिले दस्तावेजों में यह सामने आया कि नोटबंदी के दौरान पटेल ग्रुप को 450 करोड़ रुपये नकद दिए गए थे ताकि उनकी मिल खरीदी जा सके।
बैंक की शिकायत में कहा गया कि पीएसएल के वित्तीय मामलों का प्रबंधन करने वाले हितेश शिवगन पटेल ने हलफनामे में स्वीकार किया कि उन्हें कांचीपुरम स्थित शुगर फैक्ट्री की बिक्री के एवज में 450 करोड़ रुपये पुराने नोटों में मिले थे।इस सौदे के लिए हितेश शिवगन पटेल, उनके पिता शिवगन पटेल और भाई दिनेश पटेल के बीच समझौता ज्ञापन हुआ था। आयकर विभाग ने इसे बेनामी संपत्ति करार दिया क्योंकि भुगतान के बावजूद संपत्ति और शेयर पटेल समूह के पास ही थे, जबकि असली लाभार्थी शशिकला बताई गईं।
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शशिकला की मुश्किलें बढ़ीं
सीबीआई ने जुलाई 2025 में जांच अपने हाथ में ली और अगस्त में तमिलनाडु के छह ठिकानों पर छापे मारे। इनमें चेन्नई, तिरुचिरापल्ली, तेनकासी और कुछ कंपनियों जैसे ऐपू होटल्स लिमिटेड और ओटियम वुड इंडस्ट्रीज के दफ्तर भी शामिल थे। बता दें कि जयललिता का निधन 5 दिसंबर 2016 को हुआ था। उनके बाद शशिकला एआईएडीएमके में सबसे प्रभावशाली नेता बनकर उभरी थीं। हालांकि भ्रष्टाचार और आय से अधिक संपत्ति मामलों के चलते उन्हें जेल जाना पड़ा था। नवीनतम एफआईआर से शशिकला की मुश्किलें फिर बढ़ सकती हैं।