सब्सक्राइब करें
Hindi News ›   India News ›   CM Siddaramaiah says, 'govt CS have been instructed to review the state's move to restrict RSS activities.

RSS पर सख्ती की मांग: सीएम सिद्धारमैया ने समीक्षा के दिए आदेश; प्रियांक खरगे बोले- दो दिन से मिल रही धमकियां

न्यूज डेस्क, अमर उजाला, बागलकोट Published by: पवन पांडेय Updated Tue, 14 Oct 2025 09:35 AM IST
विज्ञापन
सार

Ban On RSS: कर्नाटक में आरएसएस पर पाबंदी की मांग पर मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा- मुख्य सचिवों को इस मुद्दे की पूरी समीक्षा करने के निर्देश दिए गए हैं। जिस तरह से तमिलनाडु में संघ की गतिविधियों पर रोक लगी है, वैसे कर्नाटक में रोक लगाया जाएगा।

CM Siddaramaiah says, 'govt CS have been instructed to review the state's move to restrict RSS activities.
सिद्धारमैया, सीएम, कर्नाटक - फोटो : ANI
विज्ञापन

विस्तार
Follow Us

कर्नाटक में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की गतिविधियों पर रोक लगाने की मांग को लेकर राजनीति गरमा गई है। राज्य के ग्रामीण विकास मंत्री प्रियांक खरगे ने सरकार से आग्रह किया है कि संघ की गतिविधियों पर सख्ती से रोक लगाई जाए। अब इस मामले पर मुख्यमंत्री सिद्धारमैया का बयान सामने आया है।


यह भी पढ़ें - RSS: केरल में इंजीनियर की आत्महत्या मामले में आरएसएस ने की जांच की मांग, जारी किया बयान; जानें पूरा मामला
विज्ञापन
विज्ञापन


मुख्य सचिवों को समीक्षा के दिए गए निर्देश- सीएम
मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने कहा कि राज्य के मुख्य सचिवों को इस मुद्दे की पूरी समीक्षा करने के निर्देश दिए गए हैं। उन्होंने बताया कि तमिलनाडु सरकार ने पहले ही सरकारी स्थानों पर संघ की गतिविधियों पर रोक लगाई हुई है। उसी मॉडल को कर्नाटक में भी लागू करने की दिशा में कदम बढ़ रहे हैं। सीएम सिद्धारमैया ने कहा कि, 'मंत्री प्रियांक खरगे ने पत्र लिखा है। उन्होंने कहा है कि आरएसएस सरकारी परिसरों का इस्तेमाल कर रहा है और उसे रोकने के लिए वही किया जाए, जो तमिलनाडु सरकार ने किया है।'

तमिलनाडु की तरह कर्नाटक में लगाएंगे रोक- सिद्धारमैया
सीएम सिद्धारमैया ने कहा, 'संघ सरकारी जगहों का इस्तेमाल अपनी गतिविधियों के लिए कर रहा है। ऐसा नहीं होना चाहिए। जैसे तमिलनाडु में रोक लगाई गई है, वैसे ही कर्नाटक में भी इसे रोका जाएगा।' उन्होंने साफ कहा कि सरकारी भवनों और सार्वजनिक संपत्तियों का इस्तेमाल किसी भी संगठन को राजनीतिक या वैचारिक कार्यक्रमों के लिए करने की अनुमति नहीं दी जाएगी। इसके लिए कानूनी प्रक्रिया और प्रशासनिक आदेशों की समीक्षा की जा रही है।

सीएम के निर्देश पर प्रियांक खरगे की प्रतिक्रिया
मंत्री प्रियांक खरगे ने सीएम सिद्धारमैया की तरफ से मुख्य सचिवों को सरकारी स्थानों पर आरएसएस की गतिविधियों को प्रतिबंधित करने के तमिलनाडु सरकार के कदम की समीक्षा करने के निर्देश पर कहा, 'मुझे नहीं पता कि तमिलनाडु में क्या मॉडल है लेकिन कर्नाटक में संविधान का मॉडल है, ये जो लोग लाठी लेकर मार्च कर रहे हैं, ये सब बंद होना चाहिए, अगर करना है तो अपने घर में करो, अपने नेताओं के घर में करो, उनकी कृषि भूमि में करो, सार्वजनिक स्थानों पर, सरकारी स्कूलों में क्यों कर रहे हो? अगर ये सिद्धांत और तत्व इतने अच्छे हैं तो भाजपा नेताओं के बच्चे शाखा में क्यों नहीं पढ़ते? वे गौरक्षक क्यों नहीं बनते? क्या धर्म का नशा केवल एससी, एसटी, पिछड़े, ओबीसी के लिए है? हमारा एकमात्र उद्देश्य है कि सरकारी स्कूलों में केवल शिक्षा हो।'
 
पिछले दो दिन से मिल रही धमकियां- प्रियांक
वहीं मंत्री प्रियांक खरगे ने ट्वीट कर बताया कि, 'पिछले दो दिनों से मेरे फोन की घंटी बजती रही है। मुझे और मेरे परिवार को धमकियों, डराने-धमकाने और सबसे गंदी गालियों से भरे फोन आ रहे हैं, सिर्फ इसलिए क्योंकि मैंने सरकारी स्कूलों, कॉलेजों और सार्वजनिक संस्थानों में आरएसएस की गतिविधियों पर सवाल उठाने और उन्हें रोकने की हिम्मत की थी। लेकिन मैं न तो विचलित हूं और न ही हैरान... अगर उन्हें लगता है कि धमकियां और व्यक्तिगत ताने मुझे चुप करा देंगे, तो वे गलतफहमी में हैं। यह अभी शुरू हुआ है। अब समय आ गया है कि बुद्ध, बसवन्ना और बाबासाहेब के सिद्धांतों पर आधारित एक समाज का निर्माण किया जाए, जो समानता, तर्क और करुणा पर आधारित हो और इस देश को सबसे खतरनाक वायरस से मुक्त किया जाए।'



यह भी पढ़ें - WHO: भारत के तीन कफ सिरप को लेकर चेतावनी जारी, इनमें MP में बच्चों की मौत का कथित कारण बना कोल्ड्रिफ भी

प्रियांक खरगे ने RSS पर क्या लगाया था आरोप
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे के बेटे और मंत्री प्रियांक खरगे ने कहा था, 'अगर एक संगठन सरकारी जगहों का इस्तेमाल अपने विचार फैलाने के लिए करता है तो यह उचित नहीं है। सरकार को इस पर सख्त कदम उठाना चाहिए।' प्रियांक खरगे ने सीएम को लिखे अपने पत्र में कहा कि आरएसएस सरकारी और सहायता प्राप्त स्कूलों के साथ-साथ सार्वजनिक स्थानों पर भी अपनी शाखाएं चला रहा है, जहां नारे लगाए जाते हैं और बच्चों व युवाओं के मन में नकारात्मक विचार भरे जाते हैं।' उन्होंने यह भी कहा कि आरएसएस दुनिया का सबसे गुप्त संगठन है, जिसने खुद को रजिस्टर्ड नहीं कराया है, लेकिन फिर भी उसे सैकड़ों करोड़ रुपये का धन मिलता है। मंत्री ने कहा, 'यह दुनिया का सबसे गोपनीय संगठन है। इतनी गोपनीयता क्यों। ये लोग कौन हैं। आरएसएस प्रमुख के संबोधन का सीधा प्रसारण क्यों होना चाहिए? उनका योगदान क्या है? वे मुझे अपने 100 साल के इतिहास में अपने दस योगदान बताएं।' उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा आरएसएस की कठपुतली है।
विज्ञापन
विज्ञापन

रहें हर खबर से अपडेट, डाउनलोड करें Android Hindi News apps, iOS Hindi News apps और Amarujala Hindi News apps अपने मोबाइल पे|
Get all India News in Hindi related to live update of politics, sports, entertainment, technology and education etc. Stay updated with us for all breaking news from India News and more news in Hindi.

विज्ञापन
विज्ञापन

एड फ्री अनुभव के लिए अमर उजाला प्रीमियम सब्सक्राइब करें

Next Article

एप में पढ़ें

Followed