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Tamil Nadu: केंद्र सरकार ने मदुरै और कोयंबटूर के लिए मेट्रो प्रस्ताव लौटाया, स्टालिन बोले- ये बदले की कार्रवाई

न्यूज डेस्क, अमर उजाला, चेन्नई Published by: पवन पांडेय Updated Wed, 19 Nov 2025 12:25 PM IST
सार

केंद्र सरकार की तरफ से तमिलनाडु के दो शहरों, मदुरै और कोयंबटूर के लिए मेट्रो का प्रस्ताव लौटाए जाने के बाद सीएम स्टालिन ने करारा हमला बोला है। इस दौरान उन्होंने कहा कि उनकी सरकार और दोनों शहरों के लोग मिलकर केंद्र की प्रतिशोधी नीति को नाकाम करेंगे और मदुरै व कोयंबटूर में मेट्रो रेल बनवाकर रहेंगे।

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CM Stalin calls Union govt's 'no metro' decision for Madurai, Coimbatore as 'act of revenge'
तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन - फोटो : Ani Photos
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तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने बुधवार को केंद्र की भाजपा सरकार पर तीखा हमला बोला। उन्होंने आरोप लगाया कि केंद्र ने मदुरै और कोयंबटूर के मेट्रो रेल प्रोजेक्ट इसलिए खारिज किए हैं क्योंकि तमिलनाडु ने चुनावों में भाजपा को नकारा है। स्टालिन ने इसे जनता से बदला लेने जैसा कदम बताया। सीएम स्टालिन ने एक्स पर पोस्ट करते हुए कहा कि मदुरै- जिसे 'मंदिरों का शहर' कहा जाता है और कोयंबटूर- जिसे 'दक्षिण भारत का मैनचेस्टर' कहा जाता है- दोनों को मेट्रो की जरूरत है। लेकिन केंद्र ने कमजोर और तर्कहीन कारणों के आधार पर इन प्रोजेक्ट्स को ठुकरा दिया।
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केंद्र ने क्या कहा?
रिपोर्टों के अनुसार, केंद्रीय आवास एवं शहरी कार्य मंत्रालय ने राज्य सरकार की डीपीआर (डिटेल्ड प्रोजेक्ट रिपोर्ट) लौटा दी है। मंत्रालय का कहना है कि मेट्रो रेल पॉलिसी 2017 के मुताबिक, सिर्फ उन्हीं शहरों को केंद्रीय मदद दी जा सकती है जिनकी आबादी 2011 की जनगणना के अनुसार 20 लाख से ज्यादा हो। जबकि कोयंबटूर की आबादी- लगभग 15.84 लाख और मदुरै की आबादी- लगभग 15 लाख है। इस आधार पर दोनों शहर पात्रता से बाहर बताए गए।

स्टालिन का सवाल- फिर भाजपा-शासित राज्यों को मंजूरी कैसे?
सीएम स्टालिन ने कहा कि नीति का एक जैसा उपयोग नहीं हो रहा है। उन्होंने सवाल उठाया कि जब आगरा, भोपाल और पटना, जहां आबादी 20 लाख से कम है, को मेट्रो मंजूर हो सकती है, तो मदुरै और कोयंबटूर को क्यों नहीं? उन्होंने इसे भेदभावपूर्ण रवैया और विपक्ष-शासित राज्यों को सजा देने जैसा बताया।



ये बदले की राजनीति है- स्टालिन
सीएम स्टालिन ने आगे कहा कि सरकार जनता की सेवा के लिए होती है, लेकिन केंद्र प्रतिशोध की भावना से काम कर रहा है और यह रवैया लोकतांत्रिक मूल्यों के खिलाफ है। उन्होंने कहा कि मदुरै और कोयंबटूर जैसे तेजी से बढ़ते शहर आधुनिक मेट्रो सिस्टम के हकदार हैं, और केंद्र का नो मेट्रो जवाब उनकी आकांक्षाओं को ठेस पहुंचाता है।

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राज्य का दावा- मेट्रो की तैयारी पूरी थी
तमिलनाडु सरकार ने फरवरी से दिसंबर 2024 के बीच दोनों शहरों के लिए, डीपीआर, कॉम्प्रिहेंसिव मोबिलिटी प्लान, अल्टरनेटिव एनालिसिस रिपोर्ट, केंद्र को भेजी थी। मार्च 2025 में केंद्र ने संसद में कहा था कि प्रोजेक्ट्स पर विचार हो रहा है, लेकिन अब इन्हें खारिज कर दिया गया।
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