Tamil Nadu: केंद्र सरकार ने मदुरै और कोयंबटूर के लिए मेट्रो प्रस्ताव लौटाया, स्टालिन बोले- ये बदले की कार्रवाई
केंद्र सरकार की तरफ से तमिलनाडु के दो शहरों, मदुरै और कोयंबटूर के लिए मेट्रो का प्रस्ताव लौटाए जाने के बाद सीएम स्टालिन ने करारा हमला बोला है। इस दौरान उन्होंने कहा कि उनकी सरकार और दोनों शहरों के लोग मिलकर केंद्र की प्रतिशोधी नीति को नाकाम करेंगे और मदुरै व कोयंबटूर में मेट्रो रेल बनवाकर रहेंगे।
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केंद्र ने क्या कहा?
रिपोर्टों के अनुसार, केंद्रीय आवास एवं शहरी कार्य मंत्रालय ने राज्य सरकार की डीपीआर (डिटेल्ड प्रोजेक्ट रिपोर्ट) लौटा दी है। मंत्रालय का कहना है कि मेट्रो रेल पॉलिसी 2017 के मुताबिक, सिर्फ उन्हीं शहरों को केंद्रीय मदद दी जा सकती है जिनकी आबादी 2011 की जनगणना के अनुसार 20 लाख से ज्यादा हो। जबकि कोयंबटूर की आबादी- लगभग 15.84 लाख और मदुरै की आबादी- लगभग 15 लाख है। इस आधार पर दोनों शहर पात्रता से बाहर बताए गए।
स्टालिन का सवाल- फिर भाजपा-शासित राज्यों को मंजूरी कैसे?
सीएम स्टालिन ने कहा कि नीति का एक जैसा उपयोग नहीं हो रहा है। उन्होंने सवाल उठाया कि जब आगरा, भोपाल और पटना, जहां आबादी 20 लाख से कम है, को मेट्रो मंजूर हो सकती है, तो मदुरै और कोयंबटूर को क्यों नहीं? उन्होंने इसे भेदभावपूर्ण रवैया और विपक्ष-शासित राज्यों को सजा देने जैसा बताया।
'கோயில் நகர்' மதுரைக்கும், 'தென்னிந்திய மான்செஸ்டர்' கோவைக்கும் "NO METRO" என நிராகரித்துள்ளது ஒன்றிய பா.ஜ.க. அரசு!
— M.K.Stalin - தமிழ்நாட்டை தலைகுனிய விடமாட்டேன் (@mkstalin) November 19, 2025
அனைவருக்கும் பொதுவானதாகச் செயல்படுவதுதான் அரசுக்கான இலக்கணம். அதற்கு மாறாக, பா.ஜ.க.வைத் தமிழ்நாட்டு மக்கள் நிராகரிப்பதற்காக இப்படி பழிவாங்குவது கீழ்மையான போக்கு.… pic.twitter.com/PEoQKCBMRY
ये बदले की राजनीति है- स्टालिन
सीएम स्टालिन ने आगे कहा कि सरकार जनता की सेवा के लिए होती है, लेकिन केंद्र प्रतिशोध की भावना से काम कर रहा है और यह रवैया लोकतांत्रिक मूल्यों के खिलाफ है। उन्होंने कहा कि मदुरै और कोयंबटूर जैसे तेजी से बढ़ते शहर आधुनिक मेट्रो सिस्टम के हकदार हैं, और केंद्र का नो मेट्रो जवाब उनकी आकांक्षाओं को ठेस पहुंचाता है।
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राज्य का दावा- मेट्रो की तैयारी पूरी थी
तमिलनाडु सरकार ने फरवरी से दिसंबर 2024 के बीच दोनों शहरों के लिए, डीपीआर, कॉम्प्रिहेंसिव मोबिलिटी प्लान, अल्टरनेटिव एनालिसिस रिपोर्ट, केंद्र को भेजी थी। मार्च 2025 में केंद्र ने संसद में कहा था कि प्रोजेक्ट्स पर विचार हो रहा है, लेकिन अब इन्हें खारिज कर दिया गया।