{"_id":"68cd016d8512d3489c01c82b","slug":"congress-must-be-realistic-rjd-accommodative-in-seat-sharing-talks-for-bihar-polls-dipankar-2025-09-19","type":"story","status":"publish","title_hn":"सीट बंटवारे पर इंडिया ब्लॉक में घमासान: दीपंकर बोले- पिछले चुनाव से सबक ले कांग्रेस, लचीलापन दिखाए राजद","category":{"title":"India News","title_hn":"देश","slug":"india-news"}}
सीट बंटवारे पर इंडिया ब्लॉक में घमासान: दीपंकर बोले- पिछले चुनाव से सबक ले कांग्रेस, लचीलापन दिखाए राजद
न्यूज डेस्क, अमर उजाला, कोलकाता।
Published by: निर्मल कांत
Updated Fri, 19 Sep 2025 12:38 PM IST
विज्ञापन
सार
भाकपा (माले) लिबरेशन ने कहा कि कांग्रेस को बिहार में सीट बंटवारे को लेकर हकीकत समझनी चाहिए और पिछली हार से सबक लेना चाहिए। पार्टी के नेता दीपंकर भट्टाचार्य ने राजद से भी अपील की कि वह छोटे दलों के लिए सीट बंटवारे में लचीलापन दिखाए, क्योंकि इस बार इंडिया ब्लॉक में नए दल भी शामिल हो सकते हैं। उन्होंने साफ किया कि अगर विपक्षी गठबंधन जीता, तो तेजस्वी यादव ही मुख्यमंत्री पद का चेहरा होंगे।

दीपंकर भट्टाचार्य
- फोटो : एएनआई (फाइल)
विज्ञापन
विस्तार
बिहार में विपक्षी गठबंधन का हिस्सा बनी भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी-लेनिनवादी) लिबरेशन ने उम्मीद जताई है कि कांग्रेस इस बार सीट बंटवारे की बातचीत में ज्यादा यथार्थवादी रुख अपनाएगी। पार्टी महासचिव दीपंकर भट्टाचार्य ने कहा कि कांग्रेस को 2020 के विधानसभा चुनाव से सबक लेना चाहिए, जब उसने अपनी क्षमता से ज्यादा सीट मांग ली थीं, लेकिन प्रदर्शन बहुत कमजोर रहा।
दीपंकर भट्टाचार्य ने कहा कि राष्ट्रीय जनता दल (राजद) भी छोटे दलों के लिए सीटों को लेकर ज्यादा लचीलापन दिखाए, क्योंकि इस बार विपक्षी गठबंधन 'इंडिया' में नए दलों के आने की संभावना है, जिससे गठबंधन बड़ा हो सकता है। भट्टाचार्य ने बताया कि उनकी पार्टी इस बार 243 में से कम से कम 40 सीट पर चुनाव लड़ना चाहती है, जबकि 2020 में उसने केवल 19 सीट पर चुनाव लड़ा था। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि अगर इंडिया ब्लॉक सत्ता में आता है, तो तेजस्वी यादव ही मुख्यमंत्री पद का चेहरा होंगे और इसमें कोई शक नहीं है।
ये भी पढ़ें: 'चुनाव का चौकीदार जागता रहा, चोरी देखता रहा...', राहुल गांधी ने फिर चुनाव आयोग पर साधा निशाना
उन्होंने कहा, 'बातचीत जारी है.. एसआईआर आंदोलन के कारण थोड़ी देरी हुई, क्योंकि इसमें काफी समय और उर्जा लगी। लेकिन मुझे उम्मीद है कि इस महीने के अंत तक तस्वीर साफ हो जाएगी।' कांग्रेस की हालिया 'मतदाता अधिकार यात्रा' के बाद ज्यादा सीटों की मांग पर भट्टाचार्य ने कहा, मैंने देखा कि कुख कांग्रेस नेता करीब 70 सीट मांग रहे हैं। लेकिन पिछली बार उन्होंने 70 सीट पर चुनाव लड़ा और केवल 19 सीट जीत सके।
उन्होंने 2015 के चुनाव का उदाहरण देते हुए कहा कि उस समय कांग्रेस ने 40 सीट पर चुनाव लड़ा था, तो उसने 27 सीट पर जीत हासिल की थीं, जो कि एक शानदार प्रदर्शन था। लेकिन 2020 में 70 सीट पर चुनाव लड़कर बहुत ज्यादा बोझ उठा बैठे। इसलिए उन्हें इस बार संतुलित रुख अपनाना चाहिए। भट्टाचार्य ने कहा, 'अगर कांग्रेस पिछली बार से कम सीट पर चुनाव लड़े, लेकिन बेहतर प्रदर्शन करे, तो यह उनके लिए और पूरे इंडिया ब्लॉक के लिए बेहतर होगा।'
ये भी पढ़ें: उमर खालिद की याचिका पर अब 22 सितंबर को होगी सुनवाई, दिल्ली हाईकोर्ट के फैसले को दी है चुनौती
2020 में महागठबंधन में राजद, कांग्रेस और वाम दल शामिल थे। उन्होंने कड़ी टक्कर दी थी, लेकिन बहुमत से चूक गए थे। कई राजनीतिक विश्लेष्कों ने इसका कारण कांग्रेस का खराब प्रदर्शन बताया था। राजद ने 144 सीट में 75 सीट हासिल की थीं, जबकि कांग्रेस केवल 19 सीट पर सिमट गई थी। वहीं, भाकपा (माले) लिबरेशन ने 19 में 12 सीट पर जीत हासिल कर सबको चौंका दिया था और भाकपा व माकपा को दो-दो सीट मिली थीं। भट्टाचार्य ने कहा कि राजद और कांग्रेस को सीटों में लचीलापन दिखाना होगा, क्योंकि गठबंधन में नए साथी भी शामिल हो रहे हैं।

दीपंकर भट्टाचार्य ने कहा कि राष्ट्रीय जनता दल (राजद) भी छोटे दलों के लिए सीटों को लेकर ज्यादा लचीलापन दिखाए, क्योंकि इस बार विपक्षी गठबंधन 'इंडिया' में नए दलों के आने की संभावना है, जिससे गठबंधन बड़ा हो सकता है। भट्टाचार्य ने बताया कि उनकी पार्टी इस बार 243 में से कम से कम 40 सीट पर चुनाव लड़ना चाहती है, जबकि 2020 में उसने केवल 19 सीट पर चुनाव लड़ा था। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि अगर इंडिया ब्लॉक सत्ता में आता है, तो तेजस्वी यादव ही मुख्यमंत्री पद का चेहरा होंगे और इसमें कोई शक नहीं है।
विज्ञापन
विज्ञापन
ये भी पढ़ें: 'चुनाव का चौकीदार जागता रहा, चोरी देखता रहा...', राहुल गांधी ने फिर चुनाव आयोग पर साधा निशाना
उन्होंने कहा, 'बातचीत जारी है.. एसआईआर आंदोलन के कारण थोड़ी देरी हुई, क्योंकि इसमें काफी समय और उर्जा लगी। लेकिन मुझे उम्मीद है कि इस महीने के अंत तक तस्वीर साफ हो जाएगी।' कांग्रेस की हालिया 'मतदाता अधिकार यात्रा' के बाद ज्यादा सीटों की मांग पर भट्टाचार्य ने कहा, मैंने देखा कि कुख कांग्रेस नेता करीब 70 सीट मांग रहे हैं। लेकिन पिछली बार उन्होंने 70 सीट पर चुनाव लड़ा और केवल 19 सीट जीत सके।
उन्होंने 2015 के चुनाव का उदाहरण देते हुए कहा कि उस समय कांग्रेस ने 40 सीट पर चुनाव लड़ा था, तो उसने 27 सीट पर जीत हासिल की थीं, जो कि एक शानदार प्रदर्शन था। लेकिन 2020 में 70 सीट पर चुनाव लड़कर बहुत ज्यादा बोझ उठा बैठे। इसलिए उन्हें इस बार संतुलित रुख अपनाना चाहिए। भट्टाचार्य ने कहा, 'अगर कांग्रेस पिछली बार से कम सीट पर चुनाव लड़े, लेकिन बेहतर प्रदर्शन करे, तो यह उनके लिए और पूरे इंडिया ब्लॉक के लिए बेहतर होगा।'
ये भी पढ़ें: उमर खालिद की याचिका पर अब 22 सितंबर को होगी सुनवाई, दिल्ली हाईकोर्ट के फैसले को दी है चुनौती
2020 में महागठबंधन में राजद, कांग्रेस और वाम दल शामिल थे। उन्होंने कड़ी टक्कर दी थी, लेकिन बहुमत से चूक गए थे। कई राजनीतिक विश्लेष्कों ने इसका कारण कांग्रेस का खराब प्रदर्शन बताया था। राजद ने 144 सीट में 75 सीट हासिल की थीं, जबकि कांग्रेस केवल 19 सीट पर सिमट गई थी। वहीं, भाकपा (माले) लिबरेशन ने 19 में 12 सीट पर जीत हासिल कर सबको चौंका दिया था और भाकपा व माकपा को दो-दो सीट मिली थीं। भट्टाचार्य ने कहा कि राजद और कांग्रेस को सीटों में लचीलापन दिखाना होगा, क्योंकि गठबंधन में नए साथी भी शामिल हो रहे हैं।
विज्ञापन
रहें हर खबर से अपडेट, डाउनलोड करें Android Hindi News apps, iOS Hindi News apps और Amarujala Hindi News apps अपने मोबाइल पे|
Get all India News in Hindi related to live update of politics, sports, entertainment, technology and education etc. Stay updated with us for all breaking news from India News and more news in Hindi.
विज्ञापन
विज्ञापन