Rahul Gandhi: 'चुनाव का चौकीदार जागता रहा, चोरी देखता रहा...', राहुल गांधी ने फिर चुनाव आयोग पर साधा निशाना
राहुल गांधी ने शुक्रवार को एक बार फिर से चुनाव आयोग पर करारा हमला बोला है। उन्होंने आयोग पर तंज कसते हुए कहा कि, चुनाव का चौकीदार जागता रहा, चोरी देखता रहा, चोरों को बचाता रहा। विस्तार से पढ़ें खबर.....

विस्तार

कांग्रेस सांसद और लोकसभा में नेता विपक्ष राहुल गांधी ने शुक्रवार को एकबार फिर से चुनाव आयोग पर निशाना साधा है। राहुल गांधी ने चुनाव आयोग का नाम लिए बिना कहा कि चुनाव का चौकीदार जागता रहा, चोरी देखता रहा। उनकी यह टिप्पणी वोट चोरी के मुद्दे पर अपने हमले को तेज करने के एक दिन बाद आई है। जिसमें उन्होंने मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार पर "लोकतंत्र को नष्ट करने वालों" को रक्षा करने का आरोप लगाया था।
सुबह 4 बजे उठो,
36 सेकंड में 2 वोटर मिटाओ,
फिर सो जाओ - ऐसे भी हुई वोट चोरी!
चुनाव का चौकीदार जागता रहा, चोरी देखता रहा, चोरों को बचाता रहा।#VoteChoriFactory pic.twitter.com/pLSKAXH1Euविज्ञापनविज्ञापन
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) September 19, 2025
राहुल गांधी ने कल की अपनी प्रेस कॉन्फ्रेंस का 36 सेकेंड का वीडियो साझा करते हुए लिखा कि सुबह 4 बजे उठो, 36 सेकंड में 2 वोटर मिटाओ, फिर सो जाओ - ऐसे भी हुई वोट चोरी! चुनाव का चौकीदार जागता रहा, चोरी देखता रहा, चोरों को बचाता रहा। गांधी 36 सेकंड के वीडियो में कथित "वोट चोरी" की कार्यप्रणाली के बारे में बता रहे हैं।
इससे पहले गुरुवार शाम को एक पोस्ट में राहुल गांधी ने एक्स पर लिखा था कि देश के युवा, देश के छात्र, देश की जेन जी, संविधान की रक्षा करेंगे, लोकतंत्र की रक्षा करेंगे और वोट चोरी रोकेंगे। मैं हमेशा उनके साथ खड़ा हूं। जय हिंद!"
प्रेस वार्ता के बाद राहुल गांधी ने देर शाम सोशल मीडिया पर कहा कि मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार को बहाने बनाना बंद करके। सबूत कर्नाटक सीआईडी को तुरंत देने चाहिए। राहुल ने कहा कि जब कांग्रेस के अलंद के उम्मीदवार ने धोखाधड़ी का पर्दाफाश किया, तो स्थानीय चुनाव आयोग के अधिकारी ने प्राथमिकी दर्ज की, लेकिन सीआईडी जांच को सीईसी ने रोक दिया।
कर्नाटक सीआईडी ने 18 महीनों में 18 पत्र लिखकर सभी सबूत मांगे, लेकिन सीईसी ने उन्हें रोक दिया।कर्नाटक चुनाव आयोग ने जांच के लिए ईसीआई से कई बार अनुरोध किया, लेकिन सीईसी ने उसे भी रोक दिया।नाम डिलीट करने वाले डेस्टिनेशन आईपी, डिवाइस पोर्ट और ओटीपी के विवरण को छिपाया गया है सीईसी ने इसे रोक दिया। अगर यह वोट चोरी पकड़ी नहीं जाती और 6,018 वोट डिलीट हो जाते, तो कांग्रेस का उम्मीदवार चुनाव हार सकता था।
आयोग ने आरोपों का किया खंड़न
राहुल गांधी की वोट चोरी फैक्टरी प्रेस वार्ता के 30 मिनट के भीतर की चुनाव आयोग ने इन आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया था। इसके लिए चुनाव आयोग द्वारा सोशल मीडिया पर जारी पोस्ट में इन्हें गलत बताया और इन आरोपों का खंडन किया था। चुनाव आयोग ने कहा था कि जैसा भ्रम प्रचारित किया जा रहा है। किसी भी आम आदमी के मत को ऑनलाइन हटाया नहीं जा सकता है। इसके लिए बकायदा प्रक्रिया है, जिसका पालन किया जाना आवश्यक है। जिसका भी वोट कटेगा उसे अपनी बात कहने का मौका दिया जाता है। बिना सुनवाई के विलोपन संभव ही नहीं है।
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चुनाव आयोग ने कहा था कि उनके संज्ञान का मामला है कि 2023 के विधानसभा चुनावों में कर्नाटक के अलंद में कुछ मतों को हटाने के असफल प्रयास किए गए थे। इस मामले में जांच के लिए चुनाव आयोग ने ही प्राथमिकी दर्ज कराई थी। चुनाव आयोग ने कहा कि अलंद विधानसभी सीट पर 2018 में भाजपा के सुभाष गुट्टेदार की जीत हुई। जबकि 2023 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के बीआर पाटिल की जीत हुई। आयोग के सूत्रों ने कहा यह मामला 2023 का था, उस पर आयोग पहले ही कार्रवाई कर चुका है, ऐसे में उनके द्वारा लगाए गए सभी आरोप, मुख्य चुनाव आयुक्त की छवि को खराब करने के लिए लगाए गए कुत्सित प्रयास हैं। राहुल गांधी ने कहा था कि फर्जी आईडी बनाकर मतदाताओं के नाम मतदाता सूची से डिलीट किए गए। उन्होंने आरोप लगाया था कि मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार वोट चोरों की रक्षा कर रहे हैं। उन्हें बचा रहे हैं। उन्होंने लक्षित करके महिलाओं, दलितों, ओबीसी और आदिवासी मतदाताओं को मत काटने का भी आरोप लगाया।