सब्सक्राइब करें
Hindi News ›   India News ›   supreme Court news updates vodafone idea plea hearing agr demand

Supreme Court: वोडाफोन-आइडिया की याचिका पर 26 सितंबर को होगी सुनवाई, एजीआर रद्द करने की मांग

न्यूज डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली Published by: नितिन गौतम Updated Fri, 19 Sep 2025 12:10 PM IST
विज्ञापन
supreme Court news updates vodafone idea plea hearing agr demand
सुप्रीम कोर्ट - फोटो : अमर उजाला
विज्ञापन
दूरसंचार क्षेत्र की प्रमुख कंपनी वोडाफोन-आइडिया की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट 26 सितंबर को सुनवाई करेगा। वोडाफोन-आइडिया ने साल 2016-17 तक के अतिरिक्त एजीआर को रद्द करने की मांग  और इस संबंध में याचिका दायर की थी। मुख्य न्यायाधीश बी आर गवई, न्यायमूर्ति के विनोद चंद्रन और न्यायमूर्ति एन वी अंजारिया की पीठ ने दूरसंचार कंपनी की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता मुकुल रोहतगी और केंद्र की ओर से सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता की दलीलों पर गौर करने के बाद याचिका पर विचार के लिए अगले शुक्रवार की तारीख तय की।
loader


कंपनी ने 8 सितंबर को एक नई याचिका दायर कर दूरसंचार विभाग (DoT) को 3 फरवरी, 2020 के 'कटौती सत्यापन दिशानिर्देशों' के अनुसार वित्त वर्ष 2016-17 तक की अवधि के सभी AGR बकाया का 'व्यापक पुनर्मूल्यांकन और समाधान' करने का निर्देश देने का अनुरोध किया है। इस साल की शुरुआत में, भारती एयरटेल और वोडाफ़ोन आइडिया सहित दूरसंचार कंपनियों को झटका देते हुए, सर्वोच्च न्यायालय ने अपने 2021 के आदेश की समीक्षा करने से इनकार कर दिया था, जिसमें उनके द्वारा देय AGR बकाया की गणना में कथित गलतियों को सुधारने की उनकी याचिकाओं को खारिज कर दिया गया था।
विज्ञापन
विज्ञापन

 

वरवर राव की याचिका सुप्रीम कोर्ट से खारिज 
सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को सामाजिक कार्यकर्ता और कवि पी. वरवर राव की उस याचिका पर सुनवाई से इनकार कर दिया, जिसमें उन्होंने जमानत की शर्तों में संशोधन की मांग की थी। राव 2018 के भीमा-कोरेगांव हिंसा मामले में आरोपी हैं। राव ने उस शर्त को हटाने की गुहार लगाई थी, जिसके तहत उन्हें ग्रेटर मुंबई क्षेत्र से बाहर जाने के लिए ट्रायल कोर्ट से पूर्व अनुमति लेनी पड़ती है।

न्यायमूर्ति जेके माहेश्वरी और न्यायमूर्ति विजय विश्नोई की पीठ ने इस याचिका पर विचार करने से इनकार करते हुए मामला खारिज कर दिया। अदालत ने टिप्पणी की, सरकार उनके स्वास्थ्य का ख्याल रखेगी या फिर वही अदालत जाए। हमें दिलचस्पी नहीं है। राव की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता आनंद ग्रोवर ने कहा कि कार्यकर्ता को चार साल से जमानत मिली हुई है, लेकिन उनकी सेहत लगातार बिगड़ रही है। उन्होंने बताया कि पहले उनकी पत्नी उनकी देखभाल करती थीं, लेकिन अब वह हैदराबाद में रहने लगी हैं। वर्तमान में उनकी देखभाल करने वाला कोई नहीं है और मुकदमे के जल्द निपटने की भी संभावना नहीं है।

विज्ञापन
विज्ञापन

रहें हर खबर से अपडेट, डाउनलोड करें Android Hindi News apps, iOS Hindi News apps और Amarujala Hindi News apps अपने मोबाइल पे|
Get all India News in Hindi related to live update of politics, sports, entertainment, technology and education etc. Stay updated with us for all breaking news from India News and more news in Hindi.

विज्ञापन
विज्ञापन

एड फ्री अनुभव के लिए अमर उजाला प्रीमियम सब्सक्राइब करें

Next Article

एप में पढ़ें

Followed