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Madras HC: 'रैली से संपत्ति को नुकसान हुआ तो करनी होगी भरपाई...', अदालत ने सरकार को नियम बनाने के दिए निर्देश

न्यूज डेस्क, अमर उजाला, चेन्नई। Published by: निर्मल कांत Updated Fri, 19 Sep 2025 11:57 AM IST
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सार

Madras HC: मद्रास हाईकोर्ट ने कहा कि राजनीतिक दलों को रैली या सभा करने से पहले सुरक्षा राशि जमा करनी चाहिए, जिससे सार्वजनिक या निजी संपत्ति को नुकसान होने पर उसकी भरपाई की जा सके। कोर्ट ने राज्य सरकार को 24 सितंबर तक इस पर स्पष्ट दिशानिर्देश पेश करने को कहा है। यह फैसला अभिनेता विजय की पार्टी टीवीके की याचिका पर सुनवाई करते हुए दिया गया।

Madras HC orders framing of guidelines to penalise political parties for damage to public property
मद्रास हाईकोर्ट - फोटो : एएनआई
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मद्रास हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को निर्देश दिया कि वह राजनीतिक दलों की जमा सुरक्षा राशि वसूलने के लिए दिशानिर्देश बनाए, जब भी वे सार्वजनिक सभाएं या इस तरह के आयोजन करना चाहते हैं। इस राशि का उपयोग पार्टी कार्यकर्ताओं द्वारा सार्वजनिक व निजी संपत्तियों को हुए नुकसान की भरपाई के लिए किया जाएगा। 
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जस्टिस एन. सतीश कुमार ने अतिरिक्त लोक अभियोजक ई. राज तिलक ने कहा कि वह 24 सितंबर तक ऐसे दिशानिर्देशों की रिपोर्ट पेश करें, जो उन सभी राजनीतिक दलों और अन्य संगठनों/संघों पर लागू हों, जो सार्वजनिक बैठकें, रैली आदि आयोजित करना चाहते हैं। 
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कोर्ट ने यह निर्देश उन घटनाओं को ध्यान में रखते हुए जारी किया, जिनमें राजनीतिक दलों के बड़े जमावड़ों के दौरान सार्वजनिक या निजी संपत्ति को नुकसान पहुंचा था। साथ ही इस तथ्य को भी ध्यान में रखा गया कि प्रभावित लोगों को अक्सर हुए नुकसान की भरपाई नहीं मिल पाती। हालांकि, जज ने कहा कि तमिलनाडु संपत्ति (क्षति और हानि निवारण) अधिनियम, 1992 मुख्य रूप से सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान से बचाने के लिए था, लेकिन इसे 1994 में संशोधित कर निजी संपत्तियों को भी इसके दायरे में लाया गया। 

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जज ने लिखा, इस अधिनियम और उसमें संशोधन का मूल उद्देश्य राजनीतिक दलों या किसी भी अन्य समूह को, जो प्रदर्शन या बड़ी जनसभा आयोजित करते हैं, जिम्मेदार ठहराना है कि अगर सार्वजिक या निजी संपत्ति को नुकसान होता है तो वे प्रभावितों को मुआवजा दें। जस्टिस कुमार ने कहा, अधिनियम के प्रावधान मुआवजे की व्यवस्था करते हैं, लेकिन हालिया वर्षों में इसका सही तरीके से पालन नहीं हुआ। इसलिए ऐसे बड़े जमावड़ों के दौरान होने वाले नुकसान की भरपाई के लिए कोर्ट का मानना है कि कड़ी शर्तें लगाई जानी चाहिए,जिसमें एक राशि जमान कराना अनिवार्य हो। 
 
कोर्ट ने ये टिप्पणियां अभिनेता सी. जोसेफ विजय की पार्टी टीवीके की ओर से दायर याचिका पर अंतरिम आदेश पारित करते हुए कीं। याचिका में उनके चुनाव प्रचार अभियान के लिए अनुमति देने में भेदभाव का आरोप लगाया गया था। पार्टी ने पुलिस पर आरोप लगाया था कि उसके चुनावी अभियानों के आयोजन लिए कठोर शर्तों लगाई जाती हैं। 

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वरिष्ठ वकील वी. राघवाचारी ने बताया कि तिरुचि पुलिस ने 13 सितंबर को विजय के चुनाव अभियान के लिए 23 शर्तें लगाई थीं, जिनमें एक शर्त यह थी कि गर्भवती महिलाएं, वृद्ध और विकलांग व्यक्ति कार्यक्रम में भाग न लें। उन्होंने सवाल उठाया कि पार्टी किसी को अपने कार्यक्रम में आने से कैसे रोक सकती है। 

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