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CRPF: डीजी ने शहीद के पिता के पांव छू कर जीता दिल, लिया नक्सल विरोधी अभियान में सफलता प्राप्ति का आशीर्वाद
डिजिटल ब्यूरो, अमर उजाला, नई दिल्ली
Published by: राहुल कुमार
Updated Thu, 03 Apr 2025 08:43 PM IST
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सार
एंटी नक्सली ऑपरेशन के दौरान बलिदान हुए सीआरपीएफ के उप-निरीक्षक सुनील कुमार मंडल के घर सीआरपीएफ डीजी जीपी सिंह पहुंचे। उन्होंने अपने साथी के परिवार के सदस्यों से मुलाकत की और अपनी संवेदनाएं व्यक्त की।

सीआरपीएफ डीजी जीपी सिंह
- फोटो : अमर उजाला
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विस्तार
सीआरपीएफ डीजी जीपी सिंह ने बल में एक नई परंपरा की शुरुआत की है। वे खुद सीआरपीएफ के शहीदों के घर पर जा रहे हैं। शहीद के परिजनों के साथ आत्मीयता के भाव से मुलाकात करते हैं। उन्हें हर संभव मदद का भरोसा देते हैं। साथ ही डीजी जीपी सिंह कहते हैं, यह बल सदा वीर परिवार के साथ खड़ा रहेगा। इस कड़ी में गुरुवार को जीपी सिंह, पश्चिम बंगाल में सीआरपीएफ के वीर बलिदानी उप-निरीक्षक, सुनील कुमार मंडल के घर पर पहुंचे। सीआरपीएफ डीजी ने शहीद के पिता के पांव छू कर वहां मौजूद सभी लोगों का दिल जीत लिया। उन्होंने शहीद सुनील कुमार के पिता पिता खुदीराम मंडल से नक्सल विरोधी अभियान में सफलता प्राप्ति का आशीर्वाद भी प्राप्त किया।


सीआरपीएफ डीजी जीपी सिंह
- फोटो : अमर उजाला
सर्च प्रक्रिया के दौरान बलिदान हुए उप-निरीक्षक सुनील कुमार मंडल
डीजी ने कहा, वीर बलिदानी उप-निरीक्षक सुनील कुमार मंडल का यह बलिदान देश सदैव स्मरण करेगा। हम यह सुनिश्चित करने का प्रण लेते हैं कि देश से इस व्याधि को अतिशीघ्र जड़ से समाप्त करेंगे। उन्होंने पश्चिम मेदिनीपुर (पश्चिम बंगाल) स्थित शहीद सुनील कुमार के आवास पर उनके परिजनों से मुलाकात की। बता दें कि 22 मार्च को सीआरपीएफ की 193 बटालियन टीम, झारखंड के छोटा नागरा क्षेत्र में सर्च ऑपरेशन पर निकली थी। टीम में 43 पर्सनल सीआरपीएफ के और तीन कर्मी, झारखंड पुलिस के थे। सर्च प्रक्रिया के दौरान आईईडी विस्फोट हुआ।
डीजी ने कहा, वीर बलिदानी उप-निरीक्षक सुनील कुमार मंडल का यह बलिदान देश सदैव स्मरण करेगा। हम यह सुनिश्चित करने का प्रण लेते हैं कि देश से इस व्याधि को अतिशीघ्र जड़ से समाप्त करेंगे। उन्होंने पश्चिम मेदिनीपुर (पश्चिम बंगाल) स्थित शहीद सुनील कुमार के आवास पर उनके परिजनों से मुलाकात की। बता दें कि 22 मार्च को सीआरपीएफ की 193 बटालियन टीम, झारखंड के छोटा नागरा क्षेत्र में सर्च ऑपरेशन पर निकली थी। टीम में 43 पर्सनल सीआरपीएफ के और तीन कर्मी, झारखंड पुलिस के थे। सर्च प्रक्रिया के दौरान आईईडी विस्फोट हुआ।
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बलिदानी के परिवार से मिले अधिकारी
- फोटो : अमर उजाला
इसमें उप-निरीक्षक सुनील कुमार मंडल, जख्मी हो गए। मौके पर 193 बटालियन के मेडिकल अफसर ने घायल एसआई को प्राथमिक सहायता मुहैया कराई। इसके बाद उन्हें हेलिकॉप्टर के जरिए रांची के अस्पताल में भर्ती कराया गया। वहां पर इलाज के दौरान एसआई सुनील कुमार को बचाया नहीं जा सका। वे शहादत को प्राप्त हुए। पश्चिम बंगाल के वेस्ट मिदनापुर के गच्छुपरा के रहने वाले सुनील कुमार 1991 में सीआरपीएफ का हिस्सा बने थे।

उप-निरीक्षक सुनील कुमार मंडल का परिवार
- फोटो : अमर उजाला
शहीद एसआई सुनील कुमार के आश्रितों को सीआरपीएफ और राज्य सरकार की तरफ से एक तय राशि दिए जाने का प्रावधान है। जैसे 15 दिन में एक्स ग्रेसिया सेंट्रल के तहत 35 लाख रुपये दिए जाते हैं। एक्स ग्रेसिया ड्यूटी स्टेट के तहत 10 लाख रुपये और एक्स ग्रेसिया होम स्टेट के अंतर्गत दो लाख रुपये प्रदान किए जाते हैं। इन दोनों मामलों में राज्य सरकार की पॉलिसी के मुताबिक राशि दी जाती है। रिस्क फंड के तौर पर 30 लाख रुपये और सीडब्लूएफ के तहत पांच लाख रुपये दिए जाने का प्रावधान है। इस राशि के भुगतान के लिए सात दिन का समय निर्धारित है।
मेडिकल अलाउंस के तौर पर एक हजार रुपये प्रतिमाह या सीजीएचएस कार्ड मिलता है। डीसीआरजी के तहत 25 लाख रुपये दिए जाने का प्रावधान है। यह राशि एसएसए जारी होने के तीन दिन बाद मुहैया कराई जाती है। लीव एन्कैशमेंट के तौर पर लगभग 777036 रुपये मिलने का प्रावधान है। यह राशि पीपीओ जारी होने के तीस दिन बाद मिलती है। भारत के वीर फंड से 25 लाख रुपये मिलते हैं। यह राशि तीन माह में दिए जाने का प्रावधान है। विवाहित शहीद के माता पिता के लिए बीकेवी से 10 लाख रुपये मिलेंगे। सीएपीएसपी के तहत एक करोड़ दस लाख रुपये मिलते हैं। क्लेम रिसिप्ट मिलने के 15 दिन बाद यह राशि प्रदान की जाती है। इनके अलावा बच्चों की पढ़ाई के दौरान कई दूसरे फायदे भी मिलते हैं।
मेडिकल अलाउंस के तौर पर एक हजार रुपये प्रतिमाह या सीजीएचएस कार्ड मिलता है। डीसीआरजी के तहत 25 लाख रुपये दिए जाने का प्रावधान है। यह राशि एसएसए जारी होने के तीन दिन बाद मुहैया कराई जाती है। लीव एन्कैशमेंट के तौर पर लगभग 777036 रुपये मिलने का प्रावधान है। यह राशि पीपीओ जारी होने के तीस दिन बाद मिलती है। भारत के वीर फंड से 25 लाख रुपये मिलते हैं। यह राशि तीन माह में दिए जाने का प्रावधान है। विवाहित शहीद के माता पिता के लिए बीकेवी से 10 लाख रुपये मिलेंगे। सीएपीएसपी के तहत एक करोड़ दस लाख रुपये मिलते हैं। क्लेम रिसिप्ट मिलने के 15 दिन बाद यह राशि प्रदान की जाती है। इनके अलावा बच्चों की पढ़ाई के दौरान कई दूसरे फायदे भी मिलते हैं।