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Cattle Smuggling Case: दिल्ली हाईकोर्ट में अनुब्रत मंडल याचिका पर हुई सुनवाई, अदालत ने ईडी से मांगा जवाब
न्यूज डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली
Published by: Jeet Kumar
Updated Tue, 30 May 2023 05:42 PM IST
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सार
दिल्ली हाईकोर्ट ने मंगलवार को उनकी याचिका पर सुनवाई करते हुए प्रवर्तन निदेशालय से जवाब मांगा है। अनुब्रत मंडल याचिका में दावा किया कि पश्चिम बंगाल में पशु तस्करी से जुड़े धनशोधन के मामले में जेल में उनकी हिरासत अवैध है।

अनुब्रत मंडल
- फोटो : Twitter

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विस्तार
पशु तस्करी मामले में तिहाड़ जेल में बंद तृणमूल कांग्रेस नेता अनुब्रत मंडल को फिलहाल कहीं से राहत मिलने के आसार दिख नहीं रहे हैं। हालांकि दिल्ली हाईकोर्ट ने मंगलवार को उनकी याचिका पर सुनवाई करते हुए प्रवर्तन निदेशालय से जवाब मांगा है। अनुब्रत मंडल याचिका में दावा किया कि पश्चिम बंगाल में पशु तस्करी से जुड़े धनशोधन के मामले में जेल में उनकी हिरासत अवैध है।
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कोर्ट के समक्ष अनुब्रत मंडल के वकील ने तर्क दिया कि उन्हें न्यायिक हिरासत में भेजने का कोई वैध न्यायिक आदेश नहीं था। जस्टिस सिद्धार्थ मृदुल और तलवंत सिंह की पीठ ने मंडल की बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका पर नोटिस जारी किया और उनके वकीलों से कहा कि पहले यह दिखाएं कि याचिका सुनवाई योग्य है। पीठ ने याचिका पर अपनी प्रतिक्रिया दर्ज करने के लिए जांच एजेंसी को पांच कार्य दिवस दिए और मामले को 9 जून को आगे के विचार के लिए सूचीबद्ध किया।
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ईडी के वकील अनुपम एस शर्मा ने कहा कि अभियुक्त की न्यायिक हिरासत कानूनी थी और ट्रायल कोर्ट के न्यायाधीश द्वारा हस्ताक्षरित हिरासत वारंट के अनुसार थी, और इसलिए मंडल की बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका सुनवाई योग्य नहीं थी।
मंडल की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता दयान कृष्णन ने तर्क दिया कि बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका उच्च न्यायालय द्वारा बनाए रखने योग्य थी जब रिमांड अवैध है या यांत्रिक तरीके से अनुमति दी गई है। उनके वकील ने कहा कि ईडी ने पूछताछ के बाद निचली अदालत में पेश किया गया था इसके बाद उनको विशेष रूप से न्यायिक हिरासत में नहीं भेजा गया था, लेकिन तिहाड़ जेल ले जाया गया जो कि वैध नहीं है।
बता दें कि एक बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका एक ऐसे व्यक्ति को अदालत में पेश करने के लिए दायर की जाती है जो अवैध हिरासत या गैरकानूनी हिरासत में है।
पिछले साल से तिहाड़ जेल में हैं अनुब्रत मंडल
याचिका में तिहाड़ जेल में अवैध हिरासत से अनुब्रत मंडल की रिहाई के लिए प्रार्थना की गई है। मंडल को सीबीआई ने इस मामले में पिछले साल 11 अगस्त को गिरफ्तार किया था। उन्हें ईडी ने पिछले साल 17 नवंबर को गिरफ्तार किया था और 8 मार्च से 14 दिनों के लिए धन शोधन रोधी जांच एजेंसी की हिरासत में भेज दिया गया था। ईडी के मुताबिक, बीएसएफ के तत्कालीन कमांडेंट सतीश कुमार के खिलाफ कोलकाता में सीबीआई द्वारा प्राथमिकी दर्ज करने के बाद उसने मनी लॉन्ड्रिंग का मामला दर्ज किया।
सीबीआई की प्राथमिकी में आरोप लगाया गया है कि मंडल, कुमार, अन्य लोक सेवकों और निजी व्यक्तियों के साथ, करोड़ों रुपये के पशु तस्करी रैकेट में शामिल थे। अनुब्रत मंडल पश्चिम बंगाल के सत्तारूढ़ टीएमसी की मुखिया और मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के करीबी माने जाते हैं। वहीं उनकी बेटी सुकन्या मंडल को भी धनशोधन मामले में गिरफ्तार किया जा चुका है।