सब्सक्राइब करें
Hindi News ›   Delhi ›   Due to Office tension youth below 40 suffering with paralysis attack, read the symptoms

40 साल से कम उम्र के युवा हो रहे इस खतरनाक बीमारी के शिकार, ऑफिस का तनाव पड़ रहा भारी

अमित शर्मा, अमर उजाला, नई दिल्ली Published by: Harendra Chaudhary Updated Mon, 14 Oct 2019 07:54 PM IST
विज्ञापन
Due to Office tension youth below 40 suffering with paralysis attack, read the symptoms
Tension
विज्ञापन

तनाव अब जिंदगी का खतरनाक हिस्सा बनता जा रहा है। बच्चों में पढ़ाई या प्रतियोगिता में बेहतर प्रदर्शन करने का तनाव हो या कार्यालय, पारिवारिक जिंदगी या आर्थिक समस्याओं को लेकर तनाव, हम हर समय किसी न किसी बात को लेकर तनाव में रहते हैं। लेकिन यह तनाव अब हमें ऐसी खतरनाक बीमारियां सौंप रहा है, जो हमारी जिंदगी पर भारी पड़ने लगी हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि तनाव हमें लकवा (Paralysis) जैसी गंभीर बीमारियों की चपेट में भी ला सकता ,है जो अभी तक सामान्य तौर पर अधिक उम्र के लोगों को हुआ करता था।

loader
Trending Videos

हर चौथा मरीज 40 साल से कम उम्र का

एक अनुमान के मुताबिक लकवे का हर चौथा मरीज अब चालीस साल से कम उम्र का पाया जा रहा है। युवाओं के इस बीमारी की चपेट में आने के पीछे तनाव और अव्यवस्थित जीवन शैली को प्रमुख माना जा रहा है। भारत के उत्तर-पूर्वी राज्यों में लकवे की सबसे ज्यादा समस्या देखी जाती है। इसके पीछे खानपान और आनुवांशिक कारण प्रमुख कारक हो सकते हैं। हर 20 सेकंड में लकवा एक नए व्यक्ति को अपनी गिरफ्त में लेता है, जबकि हर दो मिनट में इसके कारण एक व्यक्ति की मौत हो जाती है।  

विज्ञापन
विज्ञापन

गलत तरीके से वर्कआउट भी वजह

युवाओं में इस तरह की समस्या आने के पीछे बदलती जीवन शैली भी बड़ी वजह मानी जा रही है। धूम्रपान, स्वस्थ्य आहार न खाना, तैलीय पदार्थों का अधिक उपयोग जैसी समस्याएं भी युवाओं में लकवे के खतरे को बढ़ा रही हैं। खून का किसी भी कारण से मोटा होना लकवे को दावत देने जैसा है। इसी प्रकार रक्त नलिकाओं में वसा जमा हो जाने के कारण रक्त प्रवाह में आई बाधा भी लकवे को निमंत्रण देती है। जिम में गलत तरीके से वर्कआउट करना या डांस के समय गलत तरीके से किसी अंग पर दबाव पड़ना भी लकवे का कारण बन सकता है।  

क्या हैं लक्षण

ऑल इंडिया इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज (एम्स) अस्पताल की विशेषज्ञ डॉ. एमवी पद्मा श्रीवास्तव ने कहा कि लकवे की स्थिति में कुछ अचानक दिखने वाले लक्षण सामने आते हैं। जैसे किसी व्यक्ति को अचानक चलने में परेशानी का होना, या अचानक एक आंख से कम दिखना या दिखाई देना बंद हो जाना या अचानक बोलने की क्षमता कम या खत्म हो जाना इत्यादि। ऐसे अचानक दिखने वाले लक्षण दिखने पर तुरंत ही मरीज को नजदीकी अस्पताल में ले जाया जाना चाहिए।

ऑपरेशन की जरुरत कम

पद्मश्री विजेता डॉ. एमवी पद्मा श्रीवास्तव ने कहा कि लकवे के ज्यादातर मामलों में ऑपरेशन की आवश्यकता नहीं होती। लेकिन किसी भाग में रक्त का थक्का बनने की स्थिति में ऑपरेशन करने की जरुरत पड़ जाती है। भारत में कुछ विशेष प्रकार के स्ट्रोक की समस्याएं देखने को मिलती हैं, जबकि दुनिया में इस तरह की समस्याएं कम होती हैं। लकवे की समस्या का सबसे बड़ा कारण रक्त प्रवाह में आई बाधा या रक्त नलिकाओं का किसी कारण से फट जाना होता है। इसलिए अपनी जीवन शैली के द्वारा कोशिश की जानी चाहिए कि रक्तस्राव सामान्य बना रहे। किसी भी कारण से लकवे का एक भी लक्षण दिखे, तो इसके लिए तत्काल नजदीकी अस्पताल से संपर्क करना चाहिए।

 

विज्ञापन
विज्ञापन

रहें हर खबर से अपडेट, डाउनलोड करें Android Hindi News apps, iOS Hindi News apps और Amarujala Hindi News apps अपने मोबाइल पे|
Get all India News in Hindi related to live update of politics, sports, entertainment, technology and education etc. Stay updated with us for all breaking news from India News and more news in Hindi.

विज्ञापन
विज्ञापन

एड फ्री अनुभव के लिए अमर उजाला प्रीमियम सब्सक्राइब करें

Next Article

एप में पढ़ें

Followed