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ED: 'नौ' ठिकानों पर दबिश के बाद भी चकमा देता रहा 'एमडी'; ईडी ने खुफिया इनपुट पर किया गिरफ्तार, गुप्त सौदा कर..

डिजिटल ब्यूरो, अमर उजाला, नई दिल्ली। Published by: ज्योति भास्कर Updated Sat, 20 Dec 2025 03:26 PM IST
सार

एक हाईप्रोफाइल मामले में अपराध को अंजाम देने वाला शातिर नौ ठिकानों पर दबिश के बाद भी ईडी जैसी केंद्रीय एजेंसी को चकमा देने में सफल रहा। अंत में ईडी की हैदराबाद यूनिट के अफसरों ने खुफिया इनपुट के आधार पर 18 दिसंबर की शाम को चेन्नई से काकरला श्रीनिवास नाम के इस शख्स को गिरफ्तार किया। जानिए पूरा मामला

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ED Action MD evades authorities even after raids on nine locations arresting done on intelligence inputs
ED (सांकेतिक) - फोटो : Adobe Stock
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मैसर्स जयथ्री इंफ्रास्ट्रक्चर इंडिया प्राइवेट लिमिटेड के प्रबंध निदेशक 'एमडी' काकरला श्रीनिवास, ईडी को लगातार गच्चा दे रहा था। हालांकि साइबरबाद स्थित केपीएचबी पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया था, लेकिन वह जमानत पर रिहा हो गया। उसके बाद ईडी उसे ढूंढती रही, मगर उसका कहीं भी कोई सुराग नहीं मिल सका। घर खरीदारों और निवेशकों के साथ धोखाधड़ी करने वाले 'एमडी' को गिरफ्तार करने के लिए ईडी ने 'नौ' ठिकानों पर दबिश दी थी, लेकिन वह नहीं मिला। इसके बाद ईडी ने 'खुफिया' इनपुट के आधार पर आरोपी काकरला श्रीनिवास को गिरफ्तार कर लिया। वहां पर भी आरोपी श्रीनिवास, एक गुप्त सौदा करने आया था। 

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प्रवर्तन निदेशालय (ईडी), हैदराबाद क्षेत्रीय कार्यालय ने धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए), 2002 के तहत चल रही जांच के सिलसिले में 18.12.2025 को मेसर्स जयथ्री इंफ्रास्ट्रक्चर इंडिया प्राइवेट लिमिटेड के प्रबंध निदेशक काकरला श्रीनिवास को गिरफ्तार किया है। साइबराबाद पुलिस द्वारा मेसर्स जयथ्री इंफ्रास्ट्रक्चर इंडिया प्राइवेट लिमिटेड, उसके प्रबंध निदेशक काकरला श्रीनिवास, मेसर्स जयथ्री रिलायबिलिटीज इंडिया प्राइवेट लिमिटेड और अन्य के खिलाफ आईपीसी, 1860 और तेलंगाना राज्य वित्तीय संस्थानों के जमाकर्ताओं के संरक्षण अधिनियम, 1999 की विभिन्न धाराओं के तहत केस दर्ज किए गए थे। ईडी ने पुलिस की इन्हीं एफआईआर के आधार पर इस केस की जांच शुरू की थी। 
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उक्त एफआईआर, घर खरीदारों और निवेशकों द्वारा दायर शिकायतों के आधार पर दर्ज की गई थीं। इनमें रियल एस्टेट विकास के बहाने एकत्र की गई धनराशि में धोखाधड़ी, आपराधिक विश्वासघात और गबन का आरोप लगाया गया था। पीड़ितों को प्री-लॉन्च फ्लैट, वाणिज्यिक इकाइयां, मेट्रो स्टेशन पर स्टॉल और सुनिश्चित किराये के लाभ का वादा किया गया था, जो कभी पूरा नहीं हुआ। ईडी की जांच में पता चला है कि काकरला श्रीनिवास ने घर खरीदारों को धोखा देकर कुल 61 करोड़ रुपये की अपराध से प्राप्त धनराशि (पीओसी) अर्जित की थी। 

बैंक खातों के विश्लेषण से पता चला है कि पीओसी को कई बैंक खातों के माध्यम से ट्रांसफर किया गया था, जिसके बाद समूह कंपनियों, निदेशकों, परिवार के सदस्यों को धनराशि हस्तांतरित की गई। बड़ी मात्रा में नकद निकासी भी की गई। इस धनराशि का उपयोग अचल संपत्तियों के अधिग्रहण, असंबंधित देनदारियों के भुगतान और प्रॉक्सी संस्थाओं के माध्यम से धन के संचलन के लिए भी किया गया था, जिससे इसके वास्तविक स्रोत और स्वामित्व को छिपाया जा सके। 

काकरला श्रीनिवास को 21.05.2025 को साइबरबाद स्थित केपीएचबी पुलिस स्टेशन द्वारा एफआईआर संख्या 647/2023 के तहत गिरफ्तार किया गया था। 18.07.2025 को जमानत पर रिहा कर दिया गया था। इसके बाद वह फरार हो गया। उसके आवासीय और कार्यालय पते पर कई बार समन जारी किए जाने के बावजूद उसका पता नहीं चल पाया। जांच के दौरान, उसे ढूंढने के प्रयास किए गए। हालांकि, वह नौं स्थानों पर नहीं मिला। आठ स्थानों पर तलाशी ली गई, जिससे आपत्तिजनक दस्तावेज बरामद हुए। उनसे पता चलता है कि रसीद के प्रमाण पत्र को अन्य व्यक्तियों/संस्थाओं को हस्तांतरित और डायवर्ट किया गया था।

हालांकि, उक्त तलाशी अभियान के दौरान भी काकरला श्रीनिवास का पता नहीं चल सका। समय के साथ जुटाई गई जानकारी और विकसित खुफिया जानकारी से संकेत मिलता है कि काकरला श्रीनिवास 18.12.2025 को चेन्नई में कुछ लोगों से कुछ संपत्तियों की गुप्त बिक्री/खरीद के संबंध में मिलने वाला था। इसके बाद ईडी हैदराबाद जोनल कार्यालय के अधिकारियों ने 18.12.2025 की शाम को टावर्स क्लब, अन्ना नगर, चेन्नई से काकरला श्रीनिवास को गिरफ्तार किया। काकरला श्रीनिवास को 19.12.2025 को विशेष पीएमएलए न्यायालय के समक्ष पेश किया गया। न्यायालय ने उन्हें 31.12.2025 तक न्यायिक हिरासत में भेज दिया है। केस में आगे की जांच जारी है।

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