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Messi Kolkata Chaos Probe: 'मेसी को छूना-गले लगना पसंद नहीं', SIT से बोले आयोजक- अव्यवस्था से नाराज होकर निकले
न्यूज डेस्क, अमर उजाला, कोलकाता
Published by: पवन पांडेय
Updated Sat, 20 Dec 2025 07:09 PM IST
सार
इस पूरे मामले की जांच के लिए पश्चिम बंगाल सरकार ने वरिष्ठ आईपीएस अधिकारियों की एक विशेष जांच टीम गठित की है, जो तोड़फोड़, सुरक्षा में चूक, प्रवेश नियमों के उल्लंघन और आयोजकों व अधिकारियों की भूमिका की गहन जांच कर रही है।
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मेसी के कोलकाता दौरे पर मचे बवाल की जांच जारी
- फोटो : ANI
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विस्तार
कोलकाता के साल्ट लेक स्टेडियम में 13 दिसंबर को आयोजित कार्यक्रम के दौरान अर्जेंटीना के दिग्गज फुटबॉलर लियोनल मेसी कथित तौर पर असहज और नाराज हो गए थे। इस कार्यक्रम के मुख्य आयोजक सतद्रु दत्ता ने विशेष जांच टीम (एसआईटी) से पूछताछ में यह जानकारी दी है। एसआईटी से जुड़े एक सूत्र के अनुसार, दत्ता ने बताया कि मेसी को मंच पर लोगों द्वारा पीछे से छूना या गले लगाना बिल्कुल पसंद नहीं आया। उनके विदेशी सुरक्षा अधिकारियों ने पहले ही यह चेतावनी दी थी कि मेसी से शारीरिक दूरी बनाए रखी जाए। इसके बावजूद भीड़ पर कोई असर नहीं पड़ा, और बार-बार की गई सार्वजनिक घोषणाओं के बाद भी लोग नहीं रुके।
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खेल मंत्री आरूप बिस्वास भी मेसी के करीब दिखे थे
सतद्रु दत्ता ने जांचकर्ताओं को बताया कि जिस तरह मेसी को चारों ओर से घेर लिया गया और उन्हें गले लगाया गया, वह विश्व कप विजेता खिलाड़ी के लिए पूरी तरह अस्वीकार्य था। इसी वजह से मेसी तय समय तक कार्यक्रम में नहीं रुके और पहले ही वहां से चले गए। कार्यक्रम के दौरान पश्चिम बंगाल के खेल मंत्री आरूप बिस्वास भी मेसी के काफी करीब देखे गए थे। तस्वीरों और वीडियो में उन्हें मेसी के साथ कमर में हाथ डालकर फोटो खिंचवाते हुए देखा गया। आरोप है कि उन्होंने अपने प्रभाव का इस्तेमाल कर अपने रिश्तेदारों और निजी परिचितों को मेसी तक पहुंच दिलाई। बढ़ती आलोचना के बीच आरूप बिस्वास ने जांच पूरी होने तक खेल मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया है।
मैदान में इतनी बड़ी संख्या में लोग कैसे पहुंचे?
एसआईटी यह भी जांच कर रही है कि मैदान के भीतर इतनी बड़ी संख्या में लोग कैसे पहुंच गए। दत्ता ने दावा किया कि शुरुआत में केवल 150 ग्राउंड पास जारी किए गए थे, लेकिन एक 'बहुत प्रभावशाली व्यक्ति' के स्टेडियम पहुंचते ही यह संख्या तीन गुना कर दी गई। दत्ता के मुताबिक, उस व्यक्ति के आने के बाद पूरे कार्यक्रम की योजना बिगड़ गई और भीड़ पर नियंत्रण संभव नहीं रहा। वित्तीय लेन-देन को लेकर भी कई अहम जानकारियां सामने आई हैं। दत्ता ने बताया कि मेसी को भारत दौरे के लिए 89 करोड़ रुपये दिए गए, जबकि 11 करोड़ रुपये टैक्स के रूप में भारतीय सरकार को चुकाए गए। इस तरह कुल खर्च करीब 100 करोड़ रुपये रहा। इसमें से लगभग 30 प्रतिशत रकम प्रायोजकों से और 30 प्रतिशत टिकट बिक्री से आई।
यह भी पढ़ें - पेट्रापोल-बेनापोल सीमा: भारतीय ट्रक ड्राइवरों की स्थिति की समीक्षा को लेकर अहम बैठक, सुरक्षा का जताया भरोसा
एसआईटी अधिकारियों ने दत्ता के जमे हुए बैंक खातों में 20 करोड़ रुपये से अधिक की राशि भी पाई है। दत्ता का कहना है कि यह पैसा कोलकाता और हैदराबाद में हुए मेसी कार्यक्रमों की टिकट बिक्री और प्रायोजन से मिला था, जिसकी जांच की जा रही है। शुक्रवार को दत्ता के घर पर छापेमारी के दौरान कई दस्तावेज भी जब्त किए गए। गौरतलब है कि इस कार्यक्रम के लिए हजारों दर्शकों ने महंगे टिकट खरीदे थे, लेकिन मैदान पर मची अव्यवस्था के कारण दर्शक दीर्घा से मेसी ठीक से दिखाई नहीं दिए। इससे नाराज कुछ प्रशंसकों ने बाद में स्टेडियम में तोड़फोड़ भी की।
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खेल मंत्री आरूप बिस्वास भी मेसी के करीब दिखे थे
सतद्रु दत्ता ने जांचकर्ताओं को बताया कि जिस तरह मेसी को चारों ओर से घेर लिया गया और उन्हें गले लगाया गया, वह विश्व कप विजेता खिलाड़ी के लिए पूरी तरह अस्वीकार्य था। इसी वजह से मेसी तय समय तक कार्यक्रम में नहीं रुके और पहले ही वहां से चले गए। कार्यक्रम के दौरान पश्चिम बंगाल के खेल मंत्री आरूप बिस्वास भी मेसी के काफी करीब देखे गए थे। तस्वीरों और वीडियो में उन्हें मेसी के साथ कमर में हाथ डालकर फोटो खिंचवाते हुए देखा गया। आरोप है कि उन्होंने अपने प्रभाव का इस्तेमाल कर अपने रिश्तेदारों और निजी परिचितों को मेसी तक पहुंच दिलाई। बढ़ती आलोचना के बीच आरूप बिस्वास ने जांच पूरी होने तक खेल मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया है।
मैदान में इतनी बड़ी संख्या में लोग कैसे पहुंचे?
एसआईटी यह भी जांच कर रही है कि मैदान के भीतर इतनी बड़ी संख्या में लोग कैसे पहुंच गए। दत्ता ने दावा किया कि शुरुआत में केवल 150 ग्राउंड पास जारी किए गए थे, लेकिन एक 'बहुत प्रभावशाली व्यक्ति' के स्टेडियम पहुंचते ही यह संख्या तीन गुना कर दी गई। दत्ता के मुताबिक, उस व्यक्ति के आने के बाद पूरे कार्यक्रम की योजना बिगड़ गई और भीड़ पर नियंत्रण संभव नहीं रहा। वित्तीय लेन-देन को लेकर भी कई अहम जानकारियां सामने आई हैं। दत्ता ने बताया कि मेसी को भारत दौरे के लिए 89 करोड़ रुपये दिए गए, जबकि 11 करोड़ रुपये टैक्स के रूप में भारतीय सरकार को चुकाए गए। इस तरह कुल खर्च करीब 100 करोड़ रुपये रहा। इसमें से लगभग 30 प्रतिशत रकम प्रायोजकों से और 30 प्रतिशत टिकट बिक्री से आई।
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एसआईटी अधिकारियों ने दत्ता के जमे हुए बैंक खातों में 20 करोड़ रुपये से अधिक की राशि भी पाई है। दत्ता का कहना है कि यह पैसा कोलकाता और हैदराबाद में हुए मेसी कार्यक्रमों की टिकट बिक्री और प्रायोजन से मिला था, जिसकी जांच की जा रही है। शुक्रवार को दत्ता के घर पर छापेमारी के दौरान कई दस्तावेज भी जब्त किए गए। गौरतलब है कि इस कार्यक्रम के लिए हजारों दर्शकों ने महंगे टिकट खरीदे थे, लेकिन मैदान पर मची अव्यवस्था के कारण दर्शक दीर्घा से मेसी ठीक से दिखाई नहीं दिए। इससे नाराज कुछ प्रशंसकों ने बाद में स्टेडियम में तोड़फोड़ भी की।
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