{"_id":"6946d7434439f9f6680086ea","slug":"nine-foreign-nationals-including-children-booked-for-illegal-stay-work-at-udupi-resort-2025-12-20","type":"story","status":"publish","title_hn":"Foreign Nationals In Karnataka: उडुपी के रिसॉर्ट में नौ अवैध विदेशी पकड़े गए, तीन बच्चे भी; ऐसे हुआ पर्दाफाश","category":{"title":"India News","title_hn":"देश","slug":"india-news"}}
Foreign Nationals In Karnataka: उडुपी के रिसॉर्ट में नौ अवैध विदेशी पकड़े गए, तीन बच्चे भी; ऐसे हुआ पर्दाफाश
न्यूज डेस्क, अमर उजाला, उडुपी
Published by: पवन पांडेय
Updated Sat, 20 Dec 2025 10:37 PM IST
सार
उडुपी के एक निजी रेस्तरां में अवैध रूप से रहने और काम करने के आरोप में तीन बच्चों सहित नौ विदेशी नागरिकों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है। यह मामला तब सामने आया जब एक गर्भवती महिला इलाज के लिए प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पहुंची। उसकी पहचान पर संदेह होने पर पुलिस को सूचना दी गई।
विज्ञापन
सांकेतिक तस्वीर
- फोटो : Adobe Stock
विज्ञापन
विस्तार
कर्नाटक के उडुपी जिले में एक निजी रिसॉर्ट में अवैध रूप से रह रहे और काम करने के आरोप में तीन नाबालिग बच्चों सहित नौ विदेशी नागरिकों के खिलाफ पुलिस ने मामला दर्ज किया है। इस मामले का खुलासा 19 दिसंबर को उस समय सामने आया, जब बारकुर प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के कर्मचारियों ने ब्रह्मावर पुलिस को सूचना दी कि एक गर्भवती महिला इलाज के लिए आई है। प्राथमिक जांच के दौरान महिला की पहचान और रहन-सहन को लेकर पुलिस को संदेह हुआ, जिसके बाद वरिष्ठ अधिकारियों को सूचित किया गया।
यह भी पढ़ें - Cybercrime: म्यांमार में ‘साइबर गुलामी’ से सात भारतीय आजाद, MBVV पुलिस की बड़ी कार्रवाई; तोड़ा ठगी का नेटवर्क
पूछताछ में खुद को नेपाल का निवासी बताया
पुलिस के अनुसार, सूचना मिलते ही पुलिस उपनिरीक्षक अशोक मलाबाघी अपनी टीम के साथ रिसॉर्ट पहुंचे। जांच के दौरान वहां तीन पुरुष, तीन महिलाएं और तीन नाबालिग बच्चे रहते हुए पाए गए। पुलिस ने जिन लोगों की पहचान की है, उनमें रिपक दमाई, सुनीता दमाई, उर्मिला, कैलाश दमाई, कपिल दमाई और सुनीता दमाई शामिल हैं। पूछताछ में उन्होंने खुद को नेपाल का निवासी बताया।
वैध दस्तावेज न मिलने पर पुलिस ने दर्ज किया केस
हालांकि, पुलिस के अनुसार ये लोग पासपोर्ट, वीजा या भारत में काम करने की अनुमति से जुड़े कोई वैध दस्तावेज पेश नहीं कर सके। इसके बाद ब्रह्मावर पुलिस ने इमिग्रेशन और फॉरेनर्स एक्ट, 2025 की धारा 3 और 21 के तहत मामला दर्ज किया है।
वीजा नियमों के उल्लंघन की हो रही जांच- एसपी
उडुपी जिले के पुलिस अधीक्षक हरिराम शंकर ने बताया कि नेपाल के नागरिकों को भारत आने के लिए पासपोर्ट की जरूरत नहीं होती, लेकिन उन्हें अपनी राष्ट्रीयता साबित करने के लिए पहचान पत्र दिखाना अनिवार्य होता है, जो ये लोग नहीं कर सके। उन्होंने कहा कि मामले की जांच कानून के दायरे में रहकर की जा रही है। पुलिस अब इन लोगों की राष्ट्रीयता और इमिग्रेशन स्थिति की पुष्टि कर रही है और यह भी जांच की जा रही है कि क्या वे रिसॉर्ट में वीजा नियमों का उल्लंघन कर काम कर रहे थे।
यह भी पढ़ें - Local Body Elections: महाराष्ट्र के 23 नगर निकायों में मतदान संपन्न, दोपहर तक 47% वोटिंग; 21 दिसंबर को मतगणना
रिसॉर्ट प्रबंधन की भूमिका की भी जांच
पुलिस रिसॉर्ट प्रबंधन की भूमिका की भी जांच कर रही है। यदि यह पाया गया कि प्रबंधन ने जानबूझकर बिना अनुमति विदेशी नागरिकों को ठहरने या काम करने दिया, तो उनके खिलाफ भी कार्रवाई की जाएगी। फिलहाल सभी संदिग्ध विदेशी नागरिकों से पूछताछ जारी है और जांच पूरी होने के बाद कानूनी प्रक्रिया के तहत आगे की कार्रवाई, जिसमें निर्वासन (डिपोर्टेशन) भी शामिल हो सकती है, की जाएगी।
Trending Videos
यह भी पढ़ें - Cybercrime: म्यांमार में ‘साइबर गुलामी’ से सात भारतीय आजाद, MBVV पुलिस की बड़ी कार्रवाई; तोड़ा ठगी का नेटवर्क
विज्ञापन
विज्ञापन
पूछताछ में खुद को नेपाल का निवासी बताया
पुलिस के अनुसार, सूचना मिलते ही पुलिस उपनिरीक्षक अशोक मलाबाघी अपनी टीम के साथ रिसॉर्ट पहुंचे। जांच के दौरान वहां तीन पुरुष, तीन महिलाएं और तीन नाबालिग बच्चे रहते हुए पाए गए। पुलिस ने जिन लोगों की पहचान की है, उनमें रिपक दमाई, सुनीता दमाई, उर्मिला, कैलाश दमाई, कपिल दमाई और सुनीता दमाई शामिल हैं। पूछताछ में उन्होंने खुद को नेपाल का निवासी बताया।
वैध दस्तावेज न मिलने पर पुलिस ने दर्ज किया केस
हालांकि, पुलिस के अनुसार ये लोग पासपोर्ट, वीजा या भारत में काम करने की अनुमति से जुड़े कोई वैध दस्तावेज पेश नहीं कर सके। इसके बाद ब्रह्मावर पुलिस ने इमिग्रेशन और फॉरेनर्स एक्ट, 2025 की धारा 3 और 21 के तहत मामला दर्ज किया है।
वीजा नियमों के उल्लंघन की हो रही जांच- एसपी
उडुपी जिले के पुलिस अधीक्षक हरिराम शंकर ने बताया कि नेपाल के नागरिकों को भारत आने के लिए पासपोर्ट की जरूरत नहीं होती, लेकिन उन्हें अपनी राष्ट्रीयता साबित करने के लिए पहचान पत्र दिखाना अनिवार्य होता है, जो ये लोग नहीं कर सके। उन्होंने कहा कि मामले की जांच कानून के दायरे में रहकर की जा रही है। पुलिस अब इन लोगों की राष्ट्रीयता और इमिग्रेशन स्थिति की पुष्टि कर रही है और यह भी जांच की जा रही है कि क्या वे रिसॉर्ट में वीजा नियमों का उल्लंघन कर काम कर रहे थे।
यह भी पढ़ें - Local Body Elections: महाराष्ट्र के 23 नगर निकायों में मतदान संपन्न, दोपहर तक 47% वोटिंग; 21 दिसंबर को मतगणना
रिसॉर्ट प्रबंधन की भूमिका की भी जांच
पुलिस रिसॉर्ट प्रबंधन की भूमिका की भी जांच कर रही है। यदि यह पाया गया कि प्रबंधन ने जानबूझकर बिना अनुमति विदेशी नागरिकों को ठहरने या काम करने दिया, तो उनके खिलाफ भी कार्रवाई की जाएगी। फिलहाल सभी संदिग्ध विदेशी नागरिकों से पूछताछ जारी है और जांच पूरी होने के बाद कानूनी प्रक्रिया के तहत आगे की कार्रवाई, जिसमें निर्वासन (डिपोर्टेशन) भी शामिल हो सकती है, की जाएगी।