चुनाव आयोग का दावा, वोटिंग के दौरान सबसे कम खराब हुईं ईवीएम मशीनें
मुख्य निर्वाचन आयोग ने मध्यप्रदेश विधानसभा चुनावों में मतदान के दौरान बड़ी संख्या में ईवीएम मशीनें खराब होने की खबरों को बेबुनियाद बताया है। आयोग का कहना है कि संख्या और बूथों के हिसाब से इन चुनावों में सबसे कम मशीनें खराब मध्यप्रदेश और मिजोरम में शाम पांच बजे तक 75 फीसदी वोट पड़े।
मध्य प्रदेश कांग्रेस के नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया ने आयोग को पत्र लिख कर कहा था कि बड़ी संख्या में मशीनें खराब होने की वजह से मतदान देरी से शुरू हुआ। उप चुनाव आयुक्त संदीप जैन ने बताया कि मध्य प्रदेश चुनावों में 65 हजार 341 बूथों पर 65 हजार 366 सेंट्रल यूनिट, 78 हजार 869 बैलेट यूनिट इस्तेमाल हुई थीं।
इनमें से मात्र 211 बैलेट यूनिट (27 प्र.श.), 214 सेंट्रल यूनिट (33 प्र.श.) और 812 वीवीपैट (1.24 प्र.श.) मशीनों में शिकायत मिली, जिन्हें या तो तुरंत ठीक कर दिया गया या बदल दिया गया। इन चुनावों में लेटेस्ट एम3 मशीनों की इस्तेमाल किया गया था।
अधिकांशत: बटन न दबने या केबल की समस्या थी
उप चुनाव आयुक्त ने बताया कि अधिकांश यूनिटों में या तो केबल की समस्या थी, या बटन नहीं दब रहे थे। उन्होंने बताया कि सेक्टर ऑफिसर के पास दो अतिरिक्त मशीनें रिजर्व में होती हैं, और शिकायत मिलते ही वे तुरंत बदल देते हैं। ज्यादा वीवीपैट खराब होने के पीछे जैन ने वजह बताई।
उन्होंने कहा कि जब भी बैलट यूनिट या सेंट्रल यूनिट में खराबी आती है, तो वीवीपैट को भी बदलना पड़ता है, जिसकी वजह से वीपीपैट बदलने के ज्यादातर मामले सामने आते हैं। उन्होंने बताया कि पिछले चुनावों की सीख और अधिकारियों को मशीनों की बेहतर ट्रेनिंग देने से कम दिक्कतों का सामना करना पड़ा।
जैन ने बताया कि मिजोरम में 32 हजार 575 बूथ थे, जहां पर मात्र .51 प्रतिशत बैलेट यूनिट, .51 प्रतिशत सेंट्रल यूनिट और 2.63 प्रतिशत वीवीपैट में दिक्कतें आईं। उन्होंने बताया कि छत्तीसगढ़ में प्रथम चरण में 4336 वीवीपैट मशीनों में से केवल 84 वीवीपैट (1.9 प्र.श.) और 47 सेंट्र्ल यूनिट में दिक्कतें आईं।
वहीं, दूसरे चरण में 19 हजार 336 ईवीएम मशीनों के अलावा 25 प्रतिशत ईवीएम रिजर्व में रखी गई थीं। जिसमें 114 बैलेट यूनिट (.44 प्रतिशत), 89 सेंट्रल यूनिट (.46 प्रतिशत) और 359 वीवीपैट यूनिट (1.66 प्रतिशत) में खराबी पाई गई थी।