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EU-MERCOSUR: ईयू-मर्कोसुर व्यापार समझौता जनवरी तक टला, किसानों के विरोध और फ्रांस-इटली की आपत्ति से रुकी डील

वर्ल्ड डेस्क, अमर उजाला, ब्रसेल्स Published by: शिवम गर्ग Updated Fri, 19 Dec 2025 07:53 AM IST
सार

EU-MERCOSUR Trade Deal Delayed: यूरोपीय संघ ने दक्षिण अमेरिकी ब्लॉक मर्कोसुर के साथ बहुप्रतीक्षित मुक्त व्यापार समझौते पर हस्ताक्षर जनवरी तक टाल दिए हैं। किसानों के विरोध और फ्रांस-इटली की आपत्तियों ने डील पर ब्रेक लगा दिया।

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EU-Mercosur free trade agreement has been postponed until January in hindi
यूरोपीय संघ और अमेरिका का झंडा - फोटो : Freepik AI
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विस्तार
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यूरोपीय संघ और दक्षिण अमेरिकी व्यापारिक समूह (मर्कोसुर) के बीच होने वाला बहुप्रतीक्षित मुक्त व्यापार समझौता एक बार फिर टल गया है। यूरोपीय आयोग ने पुष्टि की है कि इस समझौते पर अब जनवरी में हस्ताक्षर किए जाएंगे। इससे पहले इसे इस सप्ताहांत ब्राजील में अंतिम रूप दिए जाने की उम्मीद थी। यह देरी ऐसे समय में हुई है, जब किसानों के तीखे विरोध, खासकर फ्रांस और इटली की आखिरी वक्त की आपत्तियों ने इस डील को संकट में डाल दिया।

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किसानों का गुस्सा, ब्रसेल्स की सड़कों पर बवाल
गुरुवार को ब्रसेल्स में सैकड़ों किसान ट्रैक्टरों के साथ सड़कों पर उतर आए। उन्होंने यूरोपीय संघ की प्रमुख इमारतों के आसपास रास्ते जाम कर दिए, टायर जलाए और पुलिस से झड़पें हुईं। हालात काबू में करने के लिए पुलिस को आंसू गैस और वॉटर कैनन का इस्तेमाल करना पड़ा। फ्रांसीसी किसान आर्मंड शेवरॉन (23) ने कहा हम अपनी रोजी-रोटी बचाने के लिए लड़ रहे हैं। किसानों का कहना है कि यह समझौता यूरोप के कृषि क्षेत्र को नुकसान पहुंचाएगा और सस्ते आयात से उनकी आय पर असर पड़ेगा।
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फ्रांस-इटली की आपत्तियां बनीं रोड़ा
फ्रांस लंबे समय से इस डील का विरोध कर रहा है। राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने साफ कहा कि किसानों की अनदेखी कर कोई समझौता स्वीकार नहीं किया जा सकता। वहीं, इटली की प्रधानमंत्री जॉर्जिया मेलोनी ने भी इसे जल्दबाजी में किया गया फैसला बताया। यूरोपीय आयोग की अध्यक्ष उर्सुला वॉन डेर लेयेन इस समझौते को आगे बढ़ाना चाहती हैं, लेकिन इसके लिए उन्हें यूरोपीय संघ के कम से कम दो-तिहाई देशों का समर्थन चाहिए।

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780 मिलियन लोगों का बाजार, लेकिन बढ़ती अनिश्चितता
विशेषज्ञों के मुताबिक, अगर यह समझौता लागू होता है तो यह 780 मिलियन लोगों के बाजार को कवर करेगा और दुनिया के करीब 25% GDP को जोड़ देगा। इसके तहत दोनों क्षेत्रों के बीच ज्यादातर वस्तुओं पर लगने वाले शुल्क धीरे-धीरे खत्म हो जाएंगे। हालांकि, देरी से यूरोपीय संघ की वैश्विक व्यापारिक साख को नुकसान पहुंच सकता है, खासकर ऐसे वक्त में जब अमेरिका और चीन के साथ व्यापारिक तनाव बढ़ रहा है।

चीन और अमेरिका के मुकाबले की रणनीति
इस डील के समर्थक इसे चीन और अमेरिका के प्रभाव के खिलाफ एक रणनीतिक कदम मानते हैं। जर्मनी के चांसलर फ्रेडरिक मर्ज ने चेतावनी दी कि अगर समझौता टला या रद्द हुआ, तो वैश्विक व्यापार में यूरोप की साख कमजोर होगी।

दक्षिण अमेरिका में नाराजगी
ब्राजील के राष्ट्रपति लूला दा सिल्वा इस देरी से खासे नाराज दिखे। उन्होंने कहा कि अगर अब यह समझौता नहीं हुआ, तो उनके कार्यकाल में ब्राजील कोई नया समझौता नहीं करेगा। अर्जेंटीना के राष्ट्रपति जेवियर माइलेई ने भी इस डील का समर्थन किया है।

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