US Green Card: अमेरिका में ग्रीन कार्ड लॉटरी प्रोग्राम निलंबित, ब्राउन विवि और MIT में गोलीबारी पर ट्रंप सख्त
राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने ग्रीन कार्ड लॉटरी कार्यक्रम को निलंबित कर दिया है। यह फैसला ब्राउन यूनिवर्सिटी और MIT से जुड़ी फायरिंग के संदिग्ध के अमेरिका में प्रवेश के बाद लिया गया।
विस्तार
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने गुरुवार को ग्रीन कार्ड लॉटरी (डाइवर्सिटी वीजा प्रोग्राम) को निलंबित कर दिया। यह वही कार्यक्रम है, जिसके जरिए ब्राउन यूनिवर्सिटी और एमआईटी में हुई शूटिंग का आरोपी अमेरिका आया था। अमेरिका की गृह सुरक्षा मंत्री क्रिस्टी नोएम ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर बताया कि राष्ट्रपति ट्रंप के निर्देश पर उन्होंने अमेरिकी नागरिकता और आव्रजन सेवा को इस कार्यक्रम को अस्थायी रूप से रोकने का आदेश दिया है। क्रिस्टी नोएम ने कहा इस खतरनाक व्यक्ति को कभी भी हमारे देश में आने की इजाजत नहीं दी जानी चाहिए थी।
सुरक्षा पर उठे सवाल
ट्रंप ने इस फैसले को राष्ट्रीय सुरक्षा से जोड़ते हुए कहा कि ग्रीन कार्ड लॉटरी जैसे कार्यक्रमों के जरिए अमेरिका में आने वालों की पृष्ठभूमि की गहन जांच जरूरी है। उनका मानना है कि मौजूदा प्रणाली में खामियां हैं, जिनका गलत फायदा उठाया जा सकता है।
गौरतलब है कि ट्रंप लंबे समय से डाइवर्सिटी वीजा लॉटरी के खिलाफ रहे हैं। नोएम की हालिया घोषणा इस बात का नया उदाहरण है कि किस तरह त्रासदी का इस्तेमाल इमिग्रेशन नीतियों को आगे बढ़ाने के लिए किया जाता है। नवंबर में नेशनल गार्ड के सदस्यों पर हुई घातक हमले में एक अफगान शख्स को बंदूकधारी के रूप में पहचाने जाने के बाद, ट्रंप प्रशासन ने अफगानिस्तान और अन्य देशों से आने वाले आव्रजन पर कड़े नियम लागू किए।
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साथ ही, ट्रंप कानूनी तरीके से आने वाले आव्रजन को सीमित या समाप्त करने की कोशिश कर रहे हैं। चाहे वह कानून में स्थापित हो, जैसे डाइवर्सिटी वीजा लॉटरी, या संविधान में दर्ज हो, जैसे अमेरिका में जन्म लेने वाले किसी भी व्यक्ति को नागरिकता का अधिकार। हाल ही में सुप्रीम कोर्ट ने उनके जन्मजात नागरिकता चुनौती मामले को सुनने पर सहमति दी है।
क्या है ग्रीन कार्ड लॉटरी?
ग्रीन कार्ड लॉटरी, जिसे आधिकारिक तौर पर डाइवर्सिटी वीजा प्रोग्राम कहा जाता है, हर साल हजारों लोगों को अमेरिका में स्थायी निवास का अवसर देता है। इसका उद्देश्य उन देशों के नागरिकों को मौका देना है, जहां से अमेरिका में कम संख्या में प्रवासी आते हैं।
डाइवर्सिटी वीजा प्रोग्राम के तहत हर साल लॉटरी के जरिए करीब 50 हजार ग्रीन कार्ड उन देशों के लोगों को दिए जाते हैं, जिनकी अमेरिका में आबादी कम है। इनमें अफ्रीका के कई देश शामिल हैं। साल 2025 की वीजा लॉटरी के लिए करीब 2 करोड़ लोगों ने आवेदन किया था। इनमें से 1.31 लाख से ज्यादा लोगों का चयन हुआ, जिसमें विजेताओं के जीवनसाथी भी शामिल थे। चयन के बाद सभी आवेदकों की सुरक्षा जांच होती है, तभी उन्हें अमेरिका में प्रवेश की अनुमति मिलती है।
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