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S Y Qureshi: पूर्व मुख्य चुनाव आयुक्त ने एग्जिट पोल पर उठाए सवाल, कहा- EC की आंखों के सामने हो रही अवैध गतिविध

न्यूज डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली Published by: शुभम कुमार Updated Tue, 19 Nov 2024 11:27 PM IST
सार

पूर्व चुनाव आयुक्त एस वाई कुरैशी ने चुनावी एग्जिट पोल को अवैध बताया है। उन्होंने कहा कि जब पहले चरण के मतदान से लेकर अंतिम चरण के मतदान के आधे घंटे बाद तक एग्जिट पोल जारी करने पर  प्रतिबंध है तो ये पोल कैसे आयोजित किए जा रहे हैं। 

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Former Chief Election Commissioner raised questions on exit polls, said- illegal activities are happening
एसवाई कुरैशी - फोटो : एएनआई (फाइल)
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विस्तार
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पूर्व मुख्य चुनाव आयुक्त एस वाई कुरैशी का बड़ा दावा सामने आया है। जिसमें उन्होंने एग्जिट पोल पूरी तरह से अवैध बताया है। उन्होंने कहा कि एग्जिट पोल पूरी तरह से अवैध है और ये सब चुनाव आयोग (ईसी) की नजरों के सामने हो रहे हैं। जी. वी. जी. कृष्णमूर्ति स्मारक में लैक्चर के दौरान उन्होंने सवाल उठाया कि जब पहले चरण के मतदान से लेकर अंतिम चरण के मतदान के आधे घंटे बाद तक एग्जिट पोल जारी करने पर  प्रतिबंध है तो ये पोल कैसे आयोजित किए जा रहे हैं। 
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एग्जिट पोल पर उठाए सवाल
एग्जिट पोल को लेकर उन्होंने कहा कि यदि प्रतिबंधिक समय के दौरान एग्जिट पोल नहीं किए जा सकते तो मतदान खत्म होने के तुरंत बाद ये परिणाम कैसे दिखाए जा सकते हैं। उन्होंने कहा कि यह स्पष्ट अवैधता हो रही है, और यह चुनाव आयोग की आंखों के सामने हो रहा है। उन्होंने जनप्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 की धारा 126 (ए) में 2009 में किए गए संशोधन पर जोर दिया। जिसके तहत निषिद्ध अवधि के दौरान एग्जिट पोल के परिणामों को प्रकाशित और प्रसारित करने पर प्रतिबंध लगाया गया है। 
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चुनावी बांड पर भी बोले कुरैशी
कुरैशी ने चुनावी बांड के मामले का भी जिक्र किया और कहा कि छह साल बाद सुप्रीम कोर्ट ने इसे असंवैधानिक घोषित किया। उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के पास समय नहीं था और इस मुद्दे को लंबे समय तक टाल दिया गया। इसके साथ ही उन्होंने चुनाव सुधारों में न्यायपालिका के योगदान को सराहते हुए कहा कि इन सुधारों के तहत उम्मीदवारों को उनके खिलाफ आपराधिक मामलों और संपत्ति व देनदारी का खुलासा करना अनिवार्य किया गया। 

भारत को त्रुटिपूर्ण लोकतंत्र वाली रिपोर्ट का दिया हवाला
भारत को त्रुटिपूर्ण लोकतंत्र बताने वाली एक रिपोर्ट का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि शुरुआत में वह इससे नाराज थे और इसे पश्चिमी साजिश समझते थे। लेकिन जब उन्होंने अध्ययन किया तो उन्हें इस रिपोर्ट के कारण समझ में आए खासकर महिलाओं की कम हिस्सेदारी और सांसदों में आपराधिक इतिहास की संख्या को लेकर। इसके साथ ही कुरैशी ने कहा हम एक दोषपूर्ण लोकतंत्र हैं लेकिन इसके लिए हमें खुद को ही दोषी मानना चाहिए।
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