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EPF Interest Rate: कर्मचारी भविष्य निधि के खाते में जमा राशि पर 8.25% की ब्याज दर बरकरार, सरकार ने लगाई मुहर

न्यूज डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली Published by: पवन पांडेय Updated Sat, 24 May 2025 03:16 PM IST
सार

EPF Interest Rate: केंद्र सरकार ने वित्तीय वर्ष 2024-25 के लिए कर्मचारी भविष्य निधि के खाते में जमा राशि पर 8.25% की ब्याज दर को मंजूरी दे दी है। इसके लिए बकायदा अधिसूचना भी जारी कर दी गई है। अब ईपीएफओ ग्राहकों के खातों में इसके हिसाब से ब्याज जमा करेगा।

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Govt ratifies interest rate of 8.25 pc on employees' provident fund for 2024-25 fiscal News in Hindi
pf epfo new - फोटो : Amar Ujala
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विस्तार
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वित्त वर्ष 2024-25 के लिए पीएफ खाते में जमा राशि पर मिलने वाला ब्याज दर 8.25% बरकरार रखने के ईपीएफओ के फैसले को केंद्र सरकार ने मंजूरी दे दी है। इससे पहले कर्मचारी भविष्य निधि संगठन के सेंट्रल बोर्ड ऑफ ट्रस्टी ने 28 फरवरी को मीटिंग में ब्याज दर को 8.25% बरकरार रखने का फैसला किया था। इससे पहले वित्त-वर्ष 2023-24 के लिए ब्याज दर को 8.15% से 0.10% बढ़ाकर 8.25% किया गया था। वहीं 2022-23 में 8.10% से 0.05% बढ़ाकर 8.15% किया गया था।
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पीएफ अकाउंट में किस हिसाब से जमा होती है राशि?
ईपीएफओ एक्ट के तहत कर्मचारी की बेसिक सैलरी+महंगाई भत्ता का 12 फीसदी पीएफ अकाउंट में जाता है। वहीं, कंपनी भी कर्मचारी की बेसिक सैलरी+महंगाई भत्ता का 12 फीसदी जमा करती है। कंपनी के 12 फीसदी हिस्से में से 3.67% पीएफ अकाउंट में जाता है और बाकी 8.33 फीसदी पेंशन स्कीम में जाता है। वहीं कर्मचारी के हिस्से का सारा पैसा पीएफ अकाउंट में जाता है।
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पिछले वर्षों में कैसा रहा ब्याज दर?
इससे पहले 2022 में ईपीएफओ ने 2021-22 के लिए अपने सात करोड़ से अधिक ग्राहकों के लिए ईपीएफ पर ब्याज को घटाकर चार दशक से अधिक के निचले स्तर 8.1 फीसदी कर दिया था। 2020-21 में यह ब्याज दर 8.5 प्रतिशत थी। इससे पहले 2020-21 के लिए ईपीएफ पर 8.10 प्रतिशत ब्याज दर 1977-78 के बाद से सबसे कम थी। उस वक्त ईपीएफ ब्याज दर सिर्फ आठ प्रतिशत थी।

2020 से पहले कैसा था ब्याज दर?
जबकि, ईपीएफओ ने 2019-20 के लिए भविष्य निधि जमा पर ब्याज दर को घटाकर सात साल के निचले स्तर 8.5 प्रतिशत कर दिया था, जो 2018-19 के लिए 8.65 प्रतिशत था। ईपीएफओ ने 2016-17 में अपने ग्राहकों को 8.65 प्रतिशत और 2017-18 में 8.55 प्रतिशत ब्याज दर प्रदान की थी। 2015-16 में ब्याज दर थोड़ी अधिक यानी 8.8 प्रतिशत थी। रिटायरमेंट फंड निकाय ने 2013-14 और 2014-15 में 8.75 प्रतिशत ब्याज दिया था, जो 2012-13 के 8.5 प्रतिशत से अधिक था। वर्ष 2011-12 में ब्याज दर 8.25 प्रतिशत थी।

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ईपीएफ से जुड़ी अहम बातें  
  • ईपीएफ पर ब्याज दर हर साल बदली जाती है।
  • सरकार की मंजूरी के बाद ही ब्याज खातों में जोड़ा जाता है।
  • ईपीएफ का पैसा सुरक्षित निवेश ऑप्शन माना जाता है।
  • ईपीएफ धनराशि चेक करने के लिए UMANG ऐप या ईपीएफओ की वेबसाइट का इस्तेमाल कर सकते हैं।

कैसे तय होती है ईपीएफ ब्याज दर?
ईपीएफओ की सेंट्रल बोर्ड ऑफ ट्रस्टीज (सीबीटी) ब्याज दर पर फैसला करती है और फिर इसे वित्त मंत्रालय के पास मंजूरी के लिए भेजा जाता है। जब सरकार इस पर सहमति दे देती है, तब यह ब्याज ईपीएफओ ग्राहकों के खातों में जमा किया जाता है।

ईपीएफ ब्याज दर कम होने का असर  
पिछले कुछ सालों में ईपीएफ ब्याज दर में गिरावट आई है, जिससे कई कर्मचारियों को रिटायरमेंट बचत पर कम रिटर्न मिला है। ईपीएफ एक दीर्घकालिक बचत विकल्प है, जहां कर्मचारियों की सैलरी का एक हिस्सा जमा होता है और कंपनी भी उसमें योगदान देती है। लेकिन ब्याज दर घटने से रिटर्न पर असर पड़ता है।

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