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चिंताजनक: जानलेवा बन रहीं डॉक्टर की सलाह बिना ली जाने वाली यौनवर्धक दवाएं, भारत में 7000+ करोड़ का बाजार
अमर उजाला नेटवर्क, नई दिल्ली
Published by: दीपक कुमार शर्मा
Updated Wed, 17 Sep 2025 04:33 AM IST
सार
भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) और भारतीय औषधि महानियंत्रक (डीसीजीआई) के विशेषज्ञ मानते हैं कि इन दवाओं का बिना डॉक्टर की सलाह के सेवन सीधे दिल, गुर्दे और मानसिक स्वास्थ्य पर गंभीर असर डालता है। बावजूद इसके, विज्ञापनों और सोशल मीडिया प्रचार के चलते बड़ी संख्या में लोग इन्हें तुरंत असर वाली दवाओं की तरह खरीद रहे हैं और बीमारियों की गिरफ्त में आ रहे हैं।
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सांकेतिक तस्वीर
- फोटो : Freepik
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विस्तार
भारत में खुलेआम मेडिकल स्टोर और ऑनलाइन मंचों पर बिक रहीं यौन क्षमता बढ़ाने वाली दवाएं और सप्लीमेंट्स इस्तेमाल करने वालों के लिए जानलेवा होते जा रहे हैं।
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भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) और भारतीय औषधि महानियंत्रक (डीसीजीआई) के विशेषज्ञ मानते हैं कि इन दवाओं का बिना डॉक्टर की सलाह के सेवन सीधे दिल, गुर्दे और मानसिक स्वास्थ्य पर गंभीर असर डालता है। बावजूद इसके, विज्ञापनों और सोशल मीडिया प्रचार के चलते बड़ी संख्या में लोग इन्हें तुरंत असर वाली दवाओं की तरह खरीद रहे हैं और बीमारियों की गिरफ्त में आ रहे हैं। यौन वर्धक दवाओं और सप्लीमेंट्स का बाजार देश में बेहद तेजी से बढ़ रहा है। आईएमएआरसी ग्रुप और इंडियन फार्मा एक्सपोर्ट प्रमोशन काउंसिल (फार्मेक्सिल) की रिपोर्ट्स के अनुसार 2024 तक यह बाजार 7,000 करोड़ रुपये से अधिक का हो चुका था। हर साल इसमें औसतन 10 से 12% की वृद्धि हो रही है। इसमें प्रिस्क्रिप्शन दवाओं के अलावा हर्बल और स्टैमिना बूस्टर नाम से बेचे जाने वाले उत्पाद शामिल हैं। तेजी से बढ़ते बाजार की वजह लोगों की अनियमित जीवन शैली है। अनुमान है कि इसमें अवैध-अनियंत्रित कारोबार की हिस्सेदारी 40% से अधिक है, यानी करीब 3,000 करोड़ रुपये का कारोबार बिना लाइसेंस और बगैर वैज्ञानिक प्रमाण के चल रहा है।
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स्वास्थ्य मंत्रालय के केंद्रीय दवा मानक नियंत्रण संगठन (सीडीएससीओ) की रिपोर्ट के अनुसार यौन वर्धक दवाओं के विज्ञापन 2020 के बाद से दोगुने हो गए हैं। इन्हें सुरक्षित हर्बल या क्लिनिकली टेस्टेड कहकर बेचा जा रहा है। विशेषज्ञों के मुताबिक इन दावों का वैज्ञानिक आधार कमजोर है और ज्यादातर उत्पादों में सिल्डेनाफिल (वियाग्रा जैसी दवा), टाडालाफिल या स्टेरॉयड जैसे तत्व मिलाए जाते हैं, जो खतरनाक होते हैं। एम्स, नई दिल्ली के कार्डियोलॉजिस्ट डॉ. नीरज पांडेय के मुताबिक दिल की बीमारी या उच्च रक्तचाप के मरीज अगर ऐसी दवाएं लेते हैं तो उन्हें हार्टअटैक या स्ट्रोक का खतरा बढ़ जाता है।
नियामक सख्ती की कमी
हालांकि ड्रग्स एंड मैजिक रेमेडीज (आपत्तिजनक विज्ञापन) अधिनियम, 1954 के तहत यौन वर्धक दवाओं का विज्ञापन प्रतिबंधित है, लेकिन इंटरनेट पर खुलेआम प्रचार किया जा रहा है। भारतीय खाद्य सुरक्षा एवं मानक प्राधिकरण (एफएसएसएआई) ने भी कई हर्बल सप्लीमेंट्स में मिलावट पकड़ी है। एफएसएसएआई ने 2024 में पाया कि हर्बल यौन वर्धक उत्पाद के नाम पर बिक रही 90% कंपनियां नियमों का पालन नहीं कर रहीं। हाल में कुछ उत्पादों को बाजार से वापस मंगाया गया था।
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अमेरिका दुनिया का सबसे बड़ा बाजार
वैश्विक स्तर पर ऐसी दवाओं का सबसे बड़ा बाजार अमेरिका है। रिपोर्ट के अनुसार अमेरिका का बाजार 2024 में लगभग 40,000 करोड़ रुपये से ज्यादा का था, जो दुनिया के कुल कारोबार का सबसे बड़ा हिस्सा है। इसके बाद यूरोप खासकर जर्मनी, फ्रांस, ब्रिटेन और एशिया में चीन व भारत तेजी से उभरते बाजार हैं।
सुरक्षित विकल्प
- दवा लेने से पहले डॉक्टर से सलाह लें।
- टेस्टोस्टेरोन या अन्य हार्मोन की जांच कराएं
- जीवनशैली में सुधार-नियमित व्यायाम, धूम्रपान-शराब से दूरी, पर्याप्त नींद।
- काउंसलिंग और थेरेपी की मदद लें।
- सिर्फ लाइसेंस प्राप्त और टेस्टेड प्रोडक्ट ही लें, मिलावटी नहीं।