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West Bengal: 'बंगाल के बिना भारत को आजादी नहीं मिलती', बंगाली भाषा विवाद के बीच ममता बनर्जी का बयान

न्यूज डेस्क, अमर उजाला, कोलकाता Published by: बशु जैन Updated Thu, 14 Aug 2025 03:04 PM IST
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सार

कोलकाता में कन्याश्री योजना की 12वीं वर्षगांठ पर हुए समारोह में मुख्यमंत्री ने कहा कि बंगाल आशा की किरण है। यह विविधता के बीच एकता का प्रतीक है। राष्ट्रगान, राष्ट्रगीत और जय हिंद का नारा सभी बंगालियों की रचनाएं हैं।

'India would not have got independence without Bengal', Mamata Banerjee said amid Bengali language controversy
कन्यश्री योजना के वर्षगांठ समारोह में पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी। - फोटो : PTI
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विस्तार
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बंगाली भाषा विवाद के बीच पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने गुरुवार को बड़ा बयान दिया। उन्होंने कहा कि अगर बंगाल नहीं होता तो भारत को आजादी नहीं मिलती। क्योंकि रवींद्रनाथ टैगोर और सुभाष चंद्र बोस जैसी हस्तियां यहीं पैदा हुई थीं। उन्होंने देश के भाग्य को आकार देने में अहम योगदान दिया। कोलकाता में कन्याश्री योजना की 12वीं वर्षगांठ पर हुए समारोह में मुख्यमंत्री ने कहा कि बंगाल आशा की किरण है। यह विविधता के बीच एकता का प्रतीक है।
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ममता बनर्जी ने कहा कि राष्ट्रगान, राष्ट्रगीत और जय हिंद का नारा सभी बंगालियों की रचनाएं हैं। आप पाएंगे कि सेलुलर जेल (पोर्ट ब्लेयर में) के लगभग 70 प्रतिशत कैदी बंगाली थे। पंजाब के स्वतंत्रता सेनानी दूसरे स्थान पर थे। ममता बनर्जी का यह बयान उस वक्त आया जब टीएमसी बंगाली अस्मिता (गौरव) को लेकर अभियान चला रही है। साथ ही भाजपा शासित राज्यों में पश्चिम बंगाल के प्रवासी श्रमिकों के उत्पीड़न का आरोप लगा रही है।
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'विभाजन के बाद जो लोग देश में आए वे सभी नागरिक'
ममता बनर्जी ने छात्राओं से कहा कि कल स्वतंत्रता दिवस है। मैं सभी से संकीर्णता और विभाजनकारी विचारों को त्यागने का आग्रह करती हूं। बंगाल विविधता के बीच सद्भाव और एकता का प्रतीक है। हम मजबूत और एकजुट हैं। विभाजन के बाद जो लोग देश में आये, वे सभी नागरिक हैं।

उन्होंने कहा कि कल ही मैंने पढ़ा कि एक पिता अपने बेटे के साथ एक खेल आयोजन में गए थे, लेकिन बंगाली में बोलने की वजह से उन्हें नोएडा के एक होटल में ठहरने की अनुमति नहीं दी गई। अगर हम आपकी भाषाओं का सम्मान कर सकते हैं, तो आप हमारी भाषाओं का सम्मान क्यों नहीं कर सकते?

केंद्र सरकार पर बोला हमला
सीएम ममता बनर्जी ने कहा कि बंगाल को केंद्र से बजट नहीं मिल रहा है। उच्च शिक्षा में छात्रवृत्ति पर अंकुश लगाया जा रहा है। यूजीसी ने शोध गतिविधियों को फंड देना लगभग बंद कर दिया है। राज्य सरकार अब उन शैक्षणिक प्रयासों को प्रायोजित कर रही है। सीएम ने कहा कि अंग्रेजी सहित कई भाषाएं सीखने की जरूरत है, लेकिन मातृभाषा को नहीं भूलना चाहिए। बंगाली की मिठास सर्वव्यापी है।

'93 लाख छात्राओं को मिला कन्याश्री योजना का लाभ'
ममता बनर्जी ने कहा कि अब तक 93 लाख छात्राओं ने कन्याश्री'योजना का लाभ उठाया है। इस योजना का उद्देश्य बाल विवाह को रोकना है और अगले साल यह संख्या एक करोड़ को पार कर जाएगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारी सरकार ने इस योजना के क्रियान्वयन पर 17,000 करोड़ रुपये खर्च किए हैं।

उन्होंने कहा कि कन्याश्री के कारण प्राथमिक, माध्यमिक और उच्चतर माध्यमिक स्तर पर स्कूल छोड़ने की दर में कमी आई है। प्राथमिक स्तर पर स्कूल छोड़ने की दर शून्य है। सरकार का उद्देश्य युवाओं को आत्मनिर्भर बनाना और उन्हें अपने पैरों पर खड़ा होने में मदद करना है। कन्याश्री योजना के तहत 13 से 18 वर्ष की आयु वर्ग की गरीब स्कूली छात्राओं को प्रतिवर्ष 1,000 रुपये तथा वयस्क होने पर 25,000 रुपये की एकमुश्त सहायता दी जाती है।

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