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जेट एयरवेज: वेतन नहीं तो काम नहीं, एक अप्रैल से विमान नहीं उड़ाएंगे एक हजार से ज्यादा पायलट

न्यूज डेस्क, अमर उजाला Published by: रचना शर्मा Updated Sat, 30 Mar 2019 08:41 AM IST
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Jet Airways Pilot will not work without salary from one April
जेट एयरवेज (फाइल फोटो) - फोटो : Facebook

आर्थिक संकट से जूझ रही जेट एयरवेज कंपनी अभी भी खतरे से दूर नहीं है।  जेट के एक हजार से अधिक पायलटों ने एक अप्रैल से विमान नहीं उड़ाने पर अडिग रहने का फैसला लिया है। इन पायलटों को कई महीनों से वेतन नहीं मिला है। पायलटों ने ये निर्णय ऐसे वक्त में लिया है जब शुक्रवार को एयरलाइन बैंकों से धन प्राप्त करने में नाकाम रही है।


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आर्थिक संकट से जूझ रही जेट एयरवेज कंपनी अभी भी खतरे से दूर नहीं है।  जेट के एक हजार से अधिक पायलटों ने एक अप्रैल से विमान नहीं उड़ाने पर अडिग रहने का फैसला लिया है। इन पायलटों को कई महीनों से वेतन नहीं मिला है। पायलटों ने ये निर्णय ऐसे वक्त में लिया है जब शुक्रवार को एयरलाइन बैंकों से धन प्राप्त करने में नाकाम रही है।

जेट एयरवेज के पायलटों की यूनियन नेशनल एविएटर्स गिल्ड (एनएजी) ने कहा था कि अगर वेतन नहीं मिला तो एक अप्रैल से पायलट विमान नहीं उड़ाएंगे। 19 मार्च को इस ट्रेड यूनियन के 1100 सदस्यों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को खत भी लिखा था। उन्होंने खत में प्रधानमंत्री से कहा था कि हस्तक्षेप करें और प्रबंधन से कहें कि पायलटों का बकाया दें। इस खत में इन सदस्यों ने कहा था, "अनिश्चितता और वित्तीय कठिनाइयों से अत्यधिक तनाव हो रहा है।" 



पायलटों के बिना वेतन के विमान ना उड़ाने के एलान के कुछ दिन बाद ऋण से उबारने की योजना के तहत एयरलाइन प्रबंधन एसबीआई नीत बैंक संघ के हाथों में चला गया था। इससे पहले नरेश गोयल ने जेट एयरवेज के बोर्ड और चेयरमैन पद से इस्तीफा दे दिया। लेकिन उनके इस्तीफे के बाद भी कंपनी पर से संकट नहीं गया। 

आधी हो गई गोयल की हिस्सेदारी

चेयरमैन पद छोड़ने के साथ ही जेट एयरवेज में नरेश गोयल की हिस्सेदारी घटकर आधी रह गई है। पहले कंपनी में उनकी हिस्सेदारी 51 फीसदी थी, जो अब 25.5 फीसदी पर आ गई है। उन्हें कर्ज को परिवर्तित कराने के लिए 11.4 करोड़ इक्विटी शेयर कर्जदाताओं को देने पड़े। इसके बदले बैंकों ने कंपनी को तत्काल प्रभाव से 1,500 करोड़ रुपये की सहायता उपलब्ध कराई। कंपनी की साझेदार एतिहाद एयरवेज के पास अब भी 24 फीसदी हिस्सेदारी है।

प्रतीकात्मक तस्वीर
प्रतीकात्मक तस्वीर - फोटो : social media

कब क्या हुआ?

28 अगस्त, 2018: जेट ने कर्मचारियों से 25 फीसदी कम वेतन लेने को कहा।

सितंबर, 2018: असंतोष को कम करने के लिए कंपनी ने 84 फीसदी कर्मचारियों को वेतन दिया।

अक्तूबर, 2018: जेट को खरीदने को लेकर टाटा समूह और डेल्टा लाइन से बातचीत विफल हो गई।

नवंबर, 2018: तीसरी तिमाही में कंपनी को काफी नुकसान हुआ।

दिसंबर, 2018: कंपनी ने 19 अप्रैल, 2019 तक कर्मचारियों का बकाया देने की बात कही। क्रेडिट रेटिंग एजेंसी आईसीआरए ने जेट एयरवेज की रेटिंग बी से घटाकर सी कर दी।

जनवरी, 2019: जेट ने बैंकों के भुगतान में देरी की। 

फरवरी, 2019: जेट बोर्ड ने ऋणदाताओं को सबसे बड़ा शेयरधारक बनाकर बचाव के लिए सौदा किया।

मार्च, 2019: जेट पायलटों ने एयरलाइन को छोड़ अन्य एयरलाइन कंपनियों से जुड़ना शुरू किया। पायलट संघ ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से भी मदद मांगी।
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