सब्सक्राइब करें
Hindi News ›   India News ›   Jharkhand Coal India arm begins drone survey of areas impacted by Dhanbad mine gas leak

Jharkhand: धनबाद के कोयला खदानों में गैस रिसाव का खतरा, CMPDIL ने शुरू किया ड्रोन सर्वे; हटाए जा रहे 1000 लोग

न्यूज डेस्क, अमर उजाला, रांची Published by: शुभम कुमार Updated Fri, 12 Dec 2025 03:01 PM IST
सार

झारखंड के धनबाद के कोयला खदानों में गैस रिसाव के बढ़ते खतरे को देखते हुए CMPDIL की टीम ने ड्रोन सर्वे शुरू कर दिया है। जांच टीम की तरफ से सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए 1000 लोगों को हटाया जा रहा है। 

विज्ञापन
Jharkhand Coal India arm begins drone survey of areas impacted by Dhanbad mine gas leak
सांकेतिक तस्वीर (File Photo) - फोटो : amarujala.com
विज्ञापन

विस्तार
Follow Us

झारखंड के धनबाद इलाके में कोयला खदानों से कई बार गैस रिसाव की घटनाओं के बाद अब जांच टीम एक्शन में आती हुई नजर आ रही है। इसके तहत कोल इंडिया की इकाई (सीएमपीडीआईएल) की विशेषज्ञ टीम ने शुक्रवार को ड्रोन सर्वे शुरू कर दिया। यह सर्वे भारत कोकिंग कोल लिमिटेड (बीसीसीएल) की पुटकी-बलिहारी कोलियरी क्षेत्र के उन इलाकों में किया जा रहा है। 

Trending Videos


जहां गैस लीक होने की शिकायत मिली थी। गैस रिसाव राजपूत बस्ती, मस्जिद मुहल्ला और एरिया नंबर पांच में रिपोर्ट हुआ था। अधिकारियों ने सुरक्षा के मद्देनजर लगभग 1000 लोगों को स्थानांतरित करने का फैसला भी किया है।

विज्ञापन
विज्ञापन

समझिए पूरा मामला
बता दें कि ये पूरा मामला कुछ दिन पहले का है। जब केंदुआडिह बस्ती में 'कार्बन मोनोऑक्साइड' गैस के रिसाव से एक महिला की मौत हो गई थी और 12 लोग बीमार पड़ गए थे। इसके बाद स्थिति को गंभीर मानते हुए जांच शुरू की गई।


ये भी पढ़ें:- Tripura Politics: सियासी जनाधार बढ़ाने पर प्रद्योत की नजर, कहा- अगले विधानसभा चुनाव में 25-30 सीटों पर लड़ेंगे

अब समझिए क्यों किया जा रहा है ड्रोन सर्वे?
बात अगर ड्रोन सर्वे करने की वजह की करें तो सीएमपीडीआईएल टीम के प्रमुख भुवनेश कुमार गुप्ता ने बताया कि ड्रोन सर्वे इसलिए किया जा रहा है ताकि गैस रिसाव की असली वजह पता चल सके, लीकेज पॉइंट की पहचान हो और समस्या को रोकने के उपाय किए जा सकें। 

टीम के सदस्यों ने इस बात पर भी जोर दिया कि सर्वे 400 मीटर के दायरे में किया जा रहा है। ड्रोन से मिली जानकारी सीएमपीडीआईएल के रांची ऑफिस भेजी जाएगी, जहां विशेषज्ञ डेटा का विश्लेषण करेंगे। इसमें 15–20 दिन लग सकते हैं। सर्वे रिपोर्ट के आधार पर प्रभावित घरों और लोगों की सटीक संख्या भी पता चलेगी।

ये भी पढ़ें:- संसद में तमिलनाडु सरकार पर बरसे अनुराग ठाकुर: दीये जलाने और हिंदुओं की आस्था से खिलवाड़ के आरोप, जानिए मामला

थर्मल सर्वे भी जारी
हालांकि इस जांच अभियान में ड्रोन के अलावा एक थर्मल गन से इलाके का तापमान भी मापा जा रहा है। टीम ने बताया कि अधिकतम तापमान 22 डिग्री सेल्सियस पाया गया, जो सर्दी के मौसम के हिसाब से सामान्य है।अधिकारियों के मुताबिक पहले हुए सर्वे में प्रभावित घरों और लोगों की सही संख्या का अनुमान नहीं लगाया जा सका था। नया सर्वे इस कमी को पूरा करेगा।

विज्ञापन
विज्ञापन

रहें हर खबर से अपडेट, डाउनलोड करें Android Hindi News apps, iOS Hindi News apps और Amarujala Hindi News apps अपने मोबाइल पे|
Get all India News in Hindi related to live update of politics, sports, entertainment, technology and education etc. Stay updated with us for all breaking news from India News and more news in Hindi.

विज्ञापन
विज्ञापन

एड फ्री अनुभव के लिए अमर उजाला प्रीमियम सब्सक्राइब करें

Next Article

Election
एप में पढ़ें

Followed