Karnataka: कर्नाटक में सियासी संग्राम जारी! सिद्धारमैया के बाद अब शिवकुमार ने 'करीबियों' संग किया रात्रि भोज
कर्नाटक में नेतृत्व परिवर्तन को लेकर जारी सियासी खींचतान पर सिद्धारमैया और शिवकुमार ने कांग्रेस आलाकमान के निर्देश पर ब्रेक लगा दिया था। हालांकि, अंदरखाने अभी भी दोनों नेताओं की ओर से अपना गुट मजबूत करने की कोशिशे जारी हैं।
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कर्नाटक में तमाम कांग्रेस नेता कह रहे हैं कि सिद्धारमैया सरकार में सब ठीक चल रहा है। खुद मुख्यमंत्री सिद्धारमैया भी कह चुके हैं कि नेतृत्व परिवर्तन पर कांग्रेस आलाकमान के फैसले का पालन होगा। हालांकि, इन दावों के बीच उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार और कुछ मंत्रियों समेत 30 से ज्यादा कांग्रेस विधायकों ने गुरुवार देर रात रात्रि भोज के लिए मुलाकात की।
पीटीआई की रिपोर्ट में पार्टी सूत्रों के हवाले से बताया गया है कि बैठक में मंत्री केएच मुनियप्पा, मनकल वैद्य, डॉ एमसी सुधाकर, विधायक एनए हारिस, रमेश बांदीसिद्देगौड़ा, एचसी बालकृष्ण, गणेश हुक्केरी, दर्शन ध्रुवनारायण, अशोक कुमार राय, केवाई नांजेगौड़ा शामिल थे।
सूत्रों के मुताबिक भाजपा से निष्कासित विधायक एसटी सोमशेखर और शिवराम हेब्बर भी रात्रि भोज में हिस्सा लेने पहुंचे थे। शिवकुमार की यह रात्रि भोज बैठक मुख्यमंत्री सिद्धारमैया और उनके करीबी माने जाने वाले कुछ विधायकों के बेलगावी उत्तर के पूर्व विधायक फिरोज सैत की ओर से आयोजित रात्रिभोज में शामिल होने के एक दिन बाद हुई।
हालांकि नेता इसे एक अनौपचारिक रात्रि भोज बैठक बता रहे हैं। इसके बाद एक बार फिर उन तमाम अटकलों को बल मिल गया है, जिनमें सत्तारूढ़ पार्टी में मुख्यमंत्री पद को लेकर चल रही सत्ता की खींचतान का दावा किया गया था।
बीते महीने 20 नवंबर को कांग्रेस सरकार ने अपने पांच साल के कार्यकाल का आधा समय पूरा किया था। उससे पहले ही कर्नाटक में मुख्यमंत्री के बदले जाने को लेकर अटकलें लगाई जा रही थीं। ऐसा माना जाता है कि 2023 में विधानसभा चुनाव जीतने के बाद सिद्धारमैया और शिवकुमार के बीच एक समझौता हुआ था।
इस समझौते के मुताबिक दोनों नेताओं को ढाई-ढाई साल के लिए मुख्यमंत्री के पद पर बैठने का मौका मिलेगा। इसे लेकर बीते महीने दोनों नेताओं के बीच काफी जुबानी जंग देखने को मिली। दोनों नेताओं के समर्थक भी सियासी तीर चलाने में पीछे नहीं रहे।
हालांकि, इन सियासी हालातों को भांपते हुए शीर्ष कांग्रेस नेतृत्व सक्रिय हो गया। कांग्रेस आलाकमान की ओर से मिले निर्देश के बाद मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री दोनों ने एक-दूसरे के आवास पर नाश्ते पर मुलाकात की। इसे दोनों के बीच नेतृत्व की खींचतान को विराम देने और विशेष रूप से बेलगावी विधानसभा सत्र से पहले सिद्धारमैया को फिलहाल मुख्यमंत्री के पद पर बनाए रखने का संकेत माना गया।
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