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Kerala High Court: मसाला बॉन्ड केस में केरल हाईकोर्ट ने सुरक्षित रखा फैसला, ईडी और KIIFB से किए तीखे सवाल

न्यूज डेस्क, अमर उजाला, कोच्चि Published by: अमन तिवारी Updated Fri, 19 Dec 2025 09:25 PM IST
सार

केरल हाईकोर्ट ने केआईआईएफबी मसाला बॉन्ड मामले में प्रवर्तन निदेशालय की अपील पर अपना फैसला सुरक्षित रख लिया है। यह अपील एफईएमए उल्लंघन से जुड़े कारण बताओ नोटिस पर लगी तीन महीने की रोक के खिलाफ दायर की गई थी। वहीं अदालत ने सुनवाई के दौरान ईडी और केआईआईएफबी दोनों से अहम सवाल किए हैं।

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मसाला बॉन्ड मामले कोर्ट ने फैसला रखा सुरक्षित - फोटो : ANI
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केरल हाईकोर्ट ने मसाला बॉन्ड मामले में केरल इंफ्रास्ट्रक्चर इन्वेस्टमेंट फंड बोर्ड (केआईआईएफबी) को जारी 'कारण बताओ' नोटिस पर लगी रोक के खिलाफ प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की अपील पर अपना फैसला सुरक्षित रख लिया है। यह अपील एकल पीठ के उस आदेश के खिलाफ दायर की गई थी, जिसमें केआईआईएफबी को जारी फेमा उल्लंघन से जुड़े कारण बताओ नोटिस पर तीन महीने के लिए रोक लगा दी गई थी। 
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सुनवाई के दौरान KIIFB और ईडी से किए गए सवाल
मामले को लेकर जस्टिस सुश्रुत अरविंद धर्माधिकारी और पी.वी. बालकृष्णन की खंडपीठ ने सुनवाई के दौरान केआईआईएफबी से सवाल किया कि वे वैधानिक अथॉरिटी को नोटिस का जवाब देने से क्यों कतरा रहे हैं, जबकि अभी तक कोई अपराध सिद्ध नहीं हुआ है।

कोर्ट ने ईडी से भी सवाल किया कि कारण बताओ नोटिस के दौरान ही 466.91 करोड़ रुपये की कथित उल्लंघन राशि कैसे तय कर ली गई। ईडी ने स्पष्ट किया कि नोटिस में किसी जुर्माने की मांग नहीं की गई है, बल्कि फेमा और आरबीआई के निर्देशों के कथित उल्लंघन पर जवाब मांगा गया है। 

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मसाला बॉन्ड से बोर्ड ने जुटाए थे 2150 करोड़ रुपये
यह मामला 2019 में जारी केआईआईएफबी के मसाला बॉन्ड से जुड़ा है, जिसके जरिए बोर्ड ने 2150 करोड़ रुपये जुटाए थे। ईडी का आरोप है कि इन फंड्स का उपयोग इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट्स के लिए जमीन खरीदने में किया गया, जो नियमों के खिलाफ है, जबकि केआईआईएफबी ने इन आरोपों को खारिज करते हुए कहा है कि नोटिस और कार्यवाही से उसकी वित्तीय साख पर असर पड़ेगा।

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