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LPG Prices: मोदी सरकार में कैसे बढ़ा एलपीजी सिलेंडर के वितरण का दायरा, उज्ज्वला योजना से आखिर क्या बदला?
न्यूज डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली
Published by: शिवेंद्र तिवारी
Updated Tue, 29 Aug 2023 09:03 PM IST
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एलपीजी कवरेज।
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अमर उजाला
विस्तार
केंद्रीय कैबिनेट ने घरेलू रसोई गैस सिलेंडर पर 200 रुपये की सब्सिडी देने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। गैस सिलेंडर की कीमतों में सभी उपभोक्ताओं को 200 रुपये तक की सब्सिडी दी जाएगी। उज्ज्वला योजना के लाभार्थियों को 200 रुपये की अतिरिक्त सब्सिडी दी जाएगी। यानी उन्हें एक गैस सिलेंडर पर 400 रुपये की छूट मिलेगी। इसके साथ ही उज्ज्वला योजना फिर चर्चा में आ गई है। आइये जानते हैं इसके बारे में...
पेट्रोलियम मंत्री ने प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना का शुभारंभ किया।
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क्या है उज्ज्वला योजना?
प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना (पीएमयूवाई) को मई 2016 में आरम्भ किया गया था। इस योजना का उद्देश्य गरीब परिवारों को अपना पहला कदम उठाने और स्वच्छता से खाना पकाने की दिशा में व्यवहारिक बदलाव लाने में मदद करना है। सरकार का कहना है कि पीएमयूवाई ने लाखों गरीब परिवारों को मुफ्त एलपीजी कनेक्शन मुहैया करवाकर स्वस्थ और प्रदूषण मुक्त जीवन की दिशा में उनके पहले कदम में सफलतापूर्वक सहायता की है।
प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना (पीएमयूवाई) को मई 2016 में आरम्भ किया गया था। इस योजना का उद्देश्य गरीब परिवारों को अपना पहला कदम उठाने और स्वच्छता से खाना पकाने की दिशा में व्यवहारिक बदलाव लाने में मदद करना है। सरकार का कहना है कि पीएमयूवाई ने लाखों गरीब परिवारों को मुफ्त एलपीजी कनेक्शन मुहैया करवाकर स्वस्थ और प्रदूषण मुक्त जीवन की दिशा में उनके पहले कदम में सफलतापूर्वक सहायता की है।

अंबेडकरनगर के शिवबाबा परिसर में उज्ज्वला योजना के तहत निशुल्क रसोई गैस कनेक्शन वितरण के दौरान मौजूद लोग।
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योजना की जरूरत क्यों महसूस की गई?
विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के अनुसार, दुनियाभर में लगभग 24 लाख लोग मिट्टी के तेल से जलने वाले स्टोव, बायोमास और खाना पकाने के लिए कोयला पर निर्भर हैं। इससे हानिकारक घरेलू वायु प्रदूषण होता है। प्रदूषण से 2020 में सालाना अनुमानित 32 लाख मौतें दर्ज की गई हैं, जिसमें 2,37,000 से अधिक मौतें पांच वर्ष से कम उम्र के बच्चों की होती हैं।
सरकार ने एक नोट में बताया कि भारत में एलपीजी की शुरुआत 1950 के दशक में हुई थी। फिर भी 60 से अधिक वर्षों के बाद भी अप्रैल 2014 तक केवल लगभग 14.5 करोड़ एलपीजी कनेक्शन प्रदान किए गए थे, जिससे देश के लगभग 44% घरों में स्वच्छ रसोई गैस की पहुंच नहीं थी।
सऊदी अनुबंध कीमतों (सीपी) की कीमतें, वैश्विक एलपीजी बेंचमार्क अप्रैल 2020 से अप्रैल 2022 के दौरान 303% बढ़ गई थीं। सरकार के मुताबिक, इस दौरान देश में एलपीजी की कीमतें केवल 63% बढ़ीं। दरअसल, भारत अपनी घरेलू एलपीजी खपत का 60% से अधिक आयात करता है। एलपीजी की कीमतें सऊदी अनुबंध कीमतों (सीपी) पर आधारित हैं।
विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के अनुसार, दुनियाभर में लगभग 24 लाख लोग मिट्टी के तेल से जलने वाले स्टोव, बायोमास और खाना पकाने के लिए कोयला पर निर्भर हैं। इससे हानिकारक घरेलू वायु प्रदूषण होता है। प्रदूषण से 2020 में सालाना अनुमानित 32 लाख मौतें दर्ज की गई हैं, जिसमें 2,37,000 से अधिक मौतें पांच वर्ष से कम उम्र के बच्चों की होती हैं।
सरकार ने एक नोट में बताया कि भारत में एलपीजी की शुरुआत 1950 के दशक में हुई थी। फिर भी 60 से अधिक वर्षों के बाद भी अप्रैल 2014 तक केवल लगभग 14.5 करोड़ एलपीजी कनेक्शन प्रदान किए गए थे, जिससे देश के लगभग 44% घरों में स्वच्छ रसोई गैस की पहुंच नहीं थी।
सऊदी अनुबंध कीमतों (सीपी) की कीमतें, वैश्विक एलपीजी बेंचमार्क अप्रैल 2020 से अप्रैल 2022 के दौरान 303% बढ़ गई थीं। सरकार के मुताबिक, इस दौरान देश में एलपीजी की कीमतें केवल 63% बढ़ीं। दरअसल, भारत अपनी घरेलू एलपीजी खपत का 60% से अधिक आयात करता है। एलपीजी की कीमतें सऊदी अनुबंध कीमतों (सीपी) पर आधारित हैं।

उज्ज्वला योजना
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SOCIAL MEDIA
एलपीजी के लिए सरकार ने अभी तक क्या कदम उठाए हैं?
1. पहल (प्रत्यक्ष हस्तांतरित लाभ): किफायती दामों में एलपीजी सिलेंडर उपलब्ध करने के बजाय सीधे उपभोक्ताओं के खाते में सब्सिडी की राशि हस्तांतरित की गई।
2. सब्सिडी छोड़ो: सरकार की अपील पर सक्षम लोगों ने एलपीजी पर मिलने वाली सब्सिडी को स्वतः त्याग दिया जिसका फायदा जरूरतमंदों को मिला।
3. प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना (PMUY): उज्ज्वला योजना को एक मई 2016 में आरम्भ किया गया था। इस योजना का उद्देश्य गरीब परिवारों को अपना पहला कदम उठाने और स्वच्छता से खाना पकाने की दिशा में व्यवहारिक बदलाव लाने में मदद करना है।
4. उज्ज्वला-1 में केंद्र सरकार ने कुल 1600 करोड़ रूपये का खर्च वहन किया।
5. 2021 में उज्ज्वला-2 में हितग्रहियों के लिए ऋण की व्यवस्था भी की गई। सरकार प्रत्येक उज्ज्वला कनेक्शन के लिए 3600 रुपये के अलावा बाद में प्रति रिफिल 200 रुपये की सब्सिडी दे रही है।
6. शुरुआत में योजना का लक्ष्य पांच करोड़ एलपीजी कनेक्शनों का था जिसे बाद में मांग के आधार पर आठ करोड़ कर दिया गया।
7. आठ करोड़ पीएमयूवाई कनेक्शन पूरा करने का लक्ष्य निर्धारित तिथि से सात महीने पहले सितंबर 2019 को ही पूरा हो गया।
8. और अधिक जरूरतमंद लोगों तक पहुंच के लिए उज्ज्वला 2.0 लॉन्च की गई।
9. उज्ज्वला 2.0 के तहत अन्य 1.6 करोड़ एलपीजी कनेक्शन जारी करने का लक्ष्य 31 दिसंबर 2022 को हासिल किया गया था।
10. भारत में एलपीजी कवरेज में उल्लेखनीय सुधार हुआ, जो अप्रैल 2023 तक 105.1% तक पहुंच गया। इसके अलावा, पीएमयूवाई के कार्यान्वयन ने एलपीजी वितरण प्रणाली में लगभग एक लाख रोजगार के अवसर पैदा किए।
1. पहल (प्रत्यक्ष हस्तांतरित लाभ): किफायती दामों में एलपीजी सिलेंडर उपलब्ध करने के बजाय सीधे उपभोक्ताओं के खाते में सब्सिडी की राशि हस्तांतरित की गई।
2. सब्सिडी छोड़ो: सरकार की अपील पर सक्षम लोगों ने एलपीजी पर मिलने वाली सब्सिडी को स्वतः त्याग दिया जिसका फायदा जरूरतमंदों को मिला।
3. प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना (PMUY): उज्ज्वला योजना को एक मई 2016 में आरम्भ किया गया था। इस योजना का उद्देश्य गरीब परिवारों को अपना पहला कदम उठाने और स्वच्छता से खाना पकाने की दिशा में व्यवहारिक बदलाव लाने में मदद करना है।
4. उज्ज्वला-1 में केंद्र सरकार ने कुल 1600 करोड़ रूपये का खर्च वहन किया।
5. 2021 में उज्ज्वला-2 में हितग्रहियों के लिए ऋण की व्यवस्था भी की गई। सरकार प्रत्येक उज्ज्वला कनेक्शन के लिए 3600 रुपये के अलावा बाद में प्रति रिफिल 200 रुपये की सब्सिडी दे रही है।
6. शुरुआत में योजना का लक्ष्य पांच करोड़ एलपीजी कनेक्शनों का था जिसे बाद में मांग के आधार पर आठ करोड़ कर दिया गया।
7. आठ करोड़ पीएमयूवाई कनेक्शन पूरा करने का लक्ष्य निर्धारित तिथि से सात महीने पहले सितंबर 2019 को ही पूरा हो गया।
8. और अधिक जरूरतमंद लोगों तक पहुंच के लिए उज्ज्वला 2.0 लॉन्च की गई।
9. उज्ज्वला 2.0 के तहत अन्य 1.6 करोड़ एलपीजी कनेक्शन जारी करने का लक्ष्य 31 दिसंबर 2022 को हासिल किया गया था।
10. भारत में एलपीजी कवरेज में उल्लेखनीय सुधार हुआ, जो अप्रैल 2023 तक 105.1% तक पहुंच गया। इसके अलावा, पीएमयूवाई के कार्यान्वयन ने एलपीजी वितरण प्रणाली में लगभग एक लाख रोजगार के अवसर पैदा किए।

सिलेंडर की कीमतों में कटौती
- फोटो :
amarujala.com
अंतर्राष्ट्रीय दाम बढ़ने पर सरकार ने उठाए ये कदम
पिछले दो वर्षों में जब भी ईंधन के अंतर्राष्ट्रीय दाम बढ़े हैं, तो उन पर काबू पाने के लिए सरकर ने कदम उठाए हैं। सरकार ने नवंबर 2021 और मई 2022 में दो बार उत्पाद शुल्क कम किए। इसके कारण पेट्रोल और डीजल के केंद्रीय कर में क्रमशः 13 और 16 रूपये की कटौती हुई। कई भाजपा शासित राज्यों ने भी लोगों को राहत देने के लिए कदम उठाए।
पिछले दो वर्षों में जब भी ईंधन के अंतर्राष्ट्रीय दाम बढ़े हैं, तो उन पर काबू पाने के लिए सरकर ने कदम उठाए हैं। सरकार ने नवंबर 2021 और मई 2022 में दो बार उत्पाद शुल्क कम किए। इसके कारण पेट्रोल और डीजल के केंद्रीय कर में क्रमशः 13 और 16 रूपये की कटौती हुई। कई भाजपा शासित राज्यों ने भी लोगों को राहत देने के लिए कदम उठाए।

एलपीजी गैस सिलेंडर
- फोटो :
iStock
योजना से क्या बदला?
उज्ज्वला लाभार्थियों की प्रति व्यक्ति खपत 2018-19 में 3.01 से बढ़कर 2022-23 में 3.71 हो गई। PMUY लाभार्थियों ने अभी तक 35 करोड़ एलपीजी रिफिल्स कराए हैं। वहीं सरकार ने उज्ज्वला लाभार्थियों के लिए सालाना 12 सिलेंडरों तक 200 रूपये प्रति 14.2 किलोग्राम सिलेंडर की छूट देनी शुरू की।
उज्ज्वला-1 में मोदी सरकार ने आठ करोड़ महिलाओं को मुफ्त एलपीजी सिलेंडर देने के लिए 12,800 करोड़ खर्च किए। इसी उद्देश्य के लिए उज्ज्वला-2 में केंद्र ने 2500 करोड़ रूपये वहन किए।
उज्ज्वला लाभार्थियों की प्रति व्यक्ति खपत 2018-19 में 3.01 से बढ़कर 2022-23 में 3.71 हो गई। PMUY लाभार्थियों ने अभी तक 35 करोड़ एलपीजी रिफिल्स कराए हैं। वहीं सरकार ने उज्ज्वला लाभार्थियों के लिए सालाना 12 सिलेंडरों तक 200 रूपये प्रति 14.2 किलोग्राम सिलेंडर की छूट देनी शुरू की।
उज्ज्वला-1 में मोदी सरकार ने आठ करोड़ महिलाओं को मुफ्त एलपीजी सिलेंडर देने के लिए 12,800 करोड़ खर्च किए। इसी उद्देश्य के लिए उज्ज्वला-2 में केंद्र ने 2500 करोड़ रूपये वहन किए।