सब्सक्राइब करें
Hindi News ›   India News ›   Ladakh violence sonam wangchuk wife gitanjali angmo Will amend petition challenge grounds of detention Supreme

Ladakh violence: सोनम वांगचुक की पत्नी याचिका में करेंगी संशोधन, अब 29 अक्तूबर को सुनवाई करेगा सुप्रीम कोर्ट

न्यूज डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली Published by: नितिन गौतम Updated Wed, 15 Oct 2025 12:31 PM IST
विज्ञापन
सार

सुनवाई के दौरान कपिल सिब्बल ने मांग की कि सोनम वांगचुक को अपनी पत्नी के साथ कुछ लिखित पंक्तियों की अदला-बदली करने की अनुमति मिलनी चाहिए। इस पर सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि उन्हें इससे कोई परेशानी नहीं है। 

Ladakh violence sonam wangchuk wife gitanjali angmo Will amend petition challenge grounds of detention Supreme
सुप्रीम कोर्ट पहुंचीं सोनम वांगचुक की पत्नी - फोटो : अमर उजाला
विज्ञापन

विस्तार
Follow Us

सोनम वांगचुक की पत्नी गीतांजलि अंगमो ने अपनी याचिका में संशोधन करने का फैसला किया है। जिसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने याचिका पर सुनवाई के लिए अब 29 अक्तूबर की तारीख तय की है। याचिका में गीतांजलि अंगमो ने सोनम वांगचुक को राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (एनएसए) के तहत हिरासत में रखने के केंद्र सरकार के फैसले को चुनौती दी है। जस्टिस अरविंद कुमार और जस्टिस एनवी अंजारिया की पीठ ने पाया कि जोधपुर जेल के जेलर ने जो हलफनामा दायर किया है, उसमें बताया गया है कि सोनम वांगचुक के बड़े भाई और वकील ने उनसे मुलाकात की है। 
Trending Videos


पत्नी की सोनम वांगचुक के साथ लिखित नोट साझा करने की मांग
गीतांजलि अंगमो की तरफ से पेश हुए वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल ने कहा कि वे अपनी याचिका में संशोधन करना चाहते हैं। सुनवाई के दौरान कपिल सिब्बल ने मांग की कि सोनम वांगचुक को अपनी पत्नी के साथ कुछ लिखित पंक्तियों की अदला-बदली करने की अनुमति मिलनी चाहिए। इस पर सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि उन्हें इससे कोई परेशानी नहीं है। 
विज्ञापन
विज्ञापन


ये भी पढ़ें- Bihar Polls: चुनाव में धनबल के इस्तेमाल पर निर्वाचन आयोग सख्त, तीन दिन में 33.97 करोड़ जब्त; खर्च पर पैनी नजर

लद्दाख हिंसा में हुई थी चार लोगों की मौत
इससे पहले 6 अक्तूबर को शीर्ष अदालत ने केंद्र सरकार और केंद्रशासित लद्दाख प्रशासन को नोटिस जारी किया था, लेकिन याचिका संबंधित कोई भी आदेश जारी नहीं किया था। वांगचुक को लद्दाख में हुई हिंसा के बाद 26 सितंबर को एनएसए कानून के तहत हिरासत में लिया गया था। लद्दाख को राज्य का दर्जा देने और छठी अनुसूची का दर्जा देने की मांग को लेकर हिंसा हुई थी, जिसमें चार लोगों की मौत हुई थी और 90 घायल हुए थे। एनएसए केंद्र और राज्यों को व्यक्तियों को भारत की सुरक्षा के खिलाफ काम करने के लिए हिरासत में लेने का अधिकार देता है। हिरासत की अधिकतम अवधि 12 महीने है, हालांकि इसे पहले भी रद्द किया जा सकता है। वांगचुक फिलहाल राजस्थान की जोधपुर जेल में बंद हैं।

विज्ञापन
विज्ञापन

रहें हर खबर से अपडेट, डाउनलोड करें Android Hindi News apps, iOS Hindi News apps और Amarujala Hindi News apps अपने मोबाइल पे|
Get all India News in Hindi related to live update of politics, sports, entertainment, technology and education etc. Stay updated with us for all breaking news from India News and more news in Hindi.

विज्ञापन
विज्ञापन

एड फ्री अनुभव के लिए अमर उजाला प्रीमियम सब्सक्राइब करें

Next Article

एप में पढ़ें

Followed