Lok Sabha Election: एग्जिट पोल पर उठ रहे सवाल, जानें किस एजेंसी ने कितने लोगों से बात करके बताए संभावित परिणाम
लोकसभा चुनाव की मतदान प्रक्रिया खत्म हो चुकी है। कल मतगणना की जाएगी। अंतिम चरण के मतदान के बाद एग्जिट पोल जारी किए गए। तीन एग्जिट पोल्स में एनडीए को 400 सीटों का आंकड़ा छूते हुए दिखाया गया है। वहीं अधिकतर एग्जिट पोल्स में एनडीए को 350 पार दिखाया जा रहा है। ऐसे में तमाम विपक्षी नेताओं सहित कई लोगों ने एग्जिट पोल पर सवाल उठाए हैं। उनका कहना है कि एग्जिट पोल्स गलत हैं। सभी सीटों को एग्जिट पोल में कवर नहीं किया गया है। इसलिए यह जानना अब महत्वपूर्ण हो गया है कि आखिर एग्जिट पोल के लिए विभिन्न सर्वे एजेंसियों ने कितने लोगों से बात की। कितनी सीटों पर लोगों से बात की गई। अमर उजाला आज आपको यही बताने जा रहा है, पढ़ें पूरी खबर…
एबीपी न्यूज- सी वोटर
सी वोटर के अनुसार, एनडीए 353 से 383 सीटों, इंडी गठबंधन- 152 से 182 सीटों तो वहीं अन्य दल चार से 12 सीटों को जीत सकता है। जानें, सी वोटर का सैंपल साइज...
- सर्वे की समय सीमा- 19 अप्रैल से एक जून 2024
- सर्वे में 4,31,182 लोगों से बात की गई।
- 543 लोकसभा सीटों को सर्वे के दौरान कवर किया गया।
- 4,129 विधानसभा सीटों को सर्वे के दौरान कवर किया गया।
- सी वोटर के अनुसार, आंकड़े 95 प्रतिशत सटीक हो सकते हैं।
इंडिया टुडे- एक्सिस माई इंडिया
एक्सिस माई इंडिया के अनुसार, एनडीए 361 से 401, इंडी गठबंधन 131-166 तो वहीं अन्य दल 8-20 सीटें जीत सकती हैं। जानें, एक्सिस माई इंडिया का सैंपल साइज...
- सर्वे की समय सीमा- 43 दिन
- सर्वे के लिए 5,80,000 लोगों से बातचीत की गई।
- सर्वे के लिए 22,288 गावों-शहरों को कवर किया गया, जिसमें 543 लोकसभा सीट तो वहीं 3,607 विधानसभा सीटों को कवर किया गया।
इंडिया टीवी- सीएनएक्स
सीएनएक्स के अनुसार, एनडीए 371 से 401 सीटें जीत सकती है तो वहीं इंडी गठबंधन 109-139 पर सिमट सकता है। इसके अलावा, अन्य दलों की झोली में मात्र 10 से 20 सीटें ही आ सकती हैं। जानें, सीएनएक्स का सैंपल साइज
- सर्वे के लिए 1,629 विधानसभा सीटों की 17,919 मतदान केंद्रों को शामिल किया गया है।
- वहीं, 1,79,190 लोगों से सर्वे के लिए बातचीत की गई है। सर्वे में 92,205 पुरुष और 86,985 पुरुष शामिल हैं।
जन की बात के अनुसार, एनडीए- 362 से 392 सीटें, इंडी गठबंधन 141-161 सीटें तो वहीं अन्य दल 10-20 सीटें सीट सकती हैं। जन की बात का कहना है कि उन्होंने 3.5 लाख लोगों से बात की है, जिसमें अधिकतर संसदीय और विधानसभा क्षेत्रों को शामिल किया गया है।