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महाराष्ट्र: सीएम एकनाथ शिंदे की सरकार का बड़ा फैसला, नांदेड़ गुरुद्वारा पैनल में केवल सिख ही शामिल होंगे
न्यूज डेस्क, अमर उजाला, मुंबई
Published by: ज्योति भास्कर
Updated Fri, 09 Feb 2024 10:19 PM IST
सार
महाराष्ट्र में शिवसेना-भाजपा-एनसीपी गठबंधन की सरकार ने बड़ा फैसला लिया है। मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली सरकार ने नांदेड़ गुरुद्वारा प्रबंधन बोर्ड में केवल सिख लोगों को शामिल करने का फैसला लिया है।
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सीएम एकनाथ शिंदे (फाइल)
- फोटो : सोशल मीडिया
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विस्तार
महाराष्ट्र सरकार ने शुक्रवार को कहा कि केवल सिख ही नांदेड़ गुरुद्वारा समिति का हिस्सा होंगे। नांदेड़ सिख गुरुद्वारा सचखंड श्री हजूर अचलनगर साहिब कानून, 1956 में नए संशोधन के अनुसार, 17 सदस्यों में से 12 को सीधे महाराष्ट्र सरकार की ओर से नियुक्त किया जाएगा, तीन निर्वाचित होंगे, एसजीपीसी अब केवल दो को ही नियुक्त कर सकती है। संसद या अन्य संगठनों से कोई प्रतिनिधित्व नहीं होगा।
बोर्ड के सदस्यों में कौन-कौन शामिल?
पुराने कानून के अनुसार, हजूर साहिब बोर्ड में 17 सदस्य होते थे। तख्त में चार एसजीपीसी सदस्य, सचखंड हजूर खालसा दीवान के चार सदस्य, संसद के दो सिख सदस्य, मुख्य खालसा दीवान से एक, मराठवाड़ा के सात जिलों से सीधे चुने गए तीन सदस्य, महाराष्ट्र और आंध्र प्रदेश से एक-एक सदस्य, और नांदेड़ जिला कलेक्टर शामिल थे।
सिख मामलों में सीधा हस्तक्षेप
गुरुद्वारा बोर्ड में नामांकित व्यक्तियों की संख्या बढ़ाने के लिए अधिनियम में संशोधन करने के सरकार के फैसले की एसजीपीसी अध्यक्ष हरजिंदर सिंह धामी ने आलोचना की है। उन्होंने कहा कि यह दुखद, निंदनीय और सिख मामलों में सीधा हस्तक्षेप है। इसे बर्दाश्त नहीं किया जा सकता है।
हुजूर साहिब का प्रबंधन
सीएम धामी ने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे को पत्र लिखकर मुद्दे पर चर्चा के लिए समय मांगा था।नांदेड़ में तख्त हजूर साहिब सिखों के पांच सबसे प्रमुख गुरुद्वारों में से एक है। सिखों के 10वें गुरु गुरु गोबिंद सिंह का निधन यहीं हुआ था। गुरुद्वारा सचखंड बोर्ड, नांदेड़ तख्त हजूर साहिब के प्रबंधन की देखभाल करता है। इसका सालाना बजट करीब 100 करोड़ रुपये है
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बोर्ड के सदस्यों में कौन-कौन शामिल?
पुराने कानून के अनुसार, हजूर साहिब बोर्ड में 17 सदस्य होते थे। तख्त में चार एसजीपीसी सदस्य, सचखंड हजूर खालसा दीवान के चार सदस्य, संसद के दो सिख सदस्य, मुख्य खालसा दीवान से एक, मराठवाड़ा के सात जिलों से सीधे चुने गए तीन सदस्य, महाराष्ट्र और आंध्र प्रदेश से एक-एक सदस्य, और नांदेड़ जिला कलेक्टर शामिल थे।
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सिख मामलों में सीधा हस्तक्षेप
गुरुद्वारा बोर्ड में नामांकित व्यक्तियों की संख्या बढ़ाने के लिए अधिनियम में संशोधन करने के सरकार के फैसले की एसजीपीसी अध्यक्ष हरजिंदर सिंह धामी ने आलोचना की है। उन्होंने कहा कि यह दुखद, निंदनीय और सिख मामलों में सीधा हस्तक्षेप है। इसे बर्दाश्त नहीं किया जा सकता है।
हुजूर साहिब का प्रबंधन
सीएम धामी ने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे को पत्र लिखकर मुद्दे पर चर्चा के लिए समय मांगा था।नांदेड़ में तख्त हजूर साहिब सिखों के पांच सबसे प्रमुख गुरुद्वारों में से एक है। सिखों के 10वें गुरु गुरु गोबिंद सिंह का निधन यहीं हुआ था। गुरुद्वारा सचखंड बोर्ड, नांदेड़ तख्त हजूर साहिब के प्रबंधन की देखभाल करता है। इसका सालाना बजट करीब 100 करोड़ रुपये है