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Maharashtra: पशुपालन विभाग की 15 एकड़ जमीन बिक्री पर अधिकारी निलंबित, धांगेकर को पाटिल पर बोलने से रोक
न्यूज डेस्क, अमर उजाला, मुंबई
Published by: शिवम गर्ग
Updated Fri, 14 Nov 2025 02:48 AM IST
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- फोटो : अमर उजाला
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पुणे की एक सिविल कोर्ट ने शिवसेना (एकनाथ शिंदे गुट) के नेता रवींद्र धांगेकर को कारोबारी समीर पाटिल के खिलाफ कोई भी बयान देने से रोक लगा दी है। यह आदेश पाटिल द्वारा दायर मानहानि के मामले में दिया गया। समीर पाटिल ने पहले धांगेकर को ₹50 करोड़ का नोटिस भेजा था। धांगेकर ने उन पर आरोप लगाया था कि उनका संबंध फरार गैंगस्टर निलेश घायवाल से है और यह रिश्ता मंत्री चंद्रकांत पाटिल तक पहुंचता है। जॉइंट सिविल जज (सीनियर डिवीजन) केआर सिंगेल ने अंतरिम आदेश जारी करते हुए कहा कि रवींद्र धांगेकर अब किसी भी तरह का अपमानजनक या मानहानिकारक बयान नहीं देंगे, जब तक कि मामला पूरी तरह निपट नहीं जाता।
समीर पाटिल ने कोर्ट के आदेश पर कहा रवींद्र धांगेकर ने मेरे खिलाफ झूठे और बेबुनियाद आरोप लगाए थे। मैंने न्याय के लिए अदालत का दरवाजा खटखटाया, और अब अदालत ने उन्हें ऐसे बयान देने से मना किया है।
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समीर पाटिल ने कोर्ट के आदेश पर कहा रवींद्र धांगेकर ने मेरे खिलाफ झूठे और बेबुनियाद आरोप लगाए थे। मैंने न्याय के लिए अदालत का दरवाजा खटखटाया, और अब अदालत ने उन्हें ऐसे बयान देने से मना किया है।
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भाजपा को आरपीआई (A) को भी नगर निकाय चुनाव में सीटें देनी चाहिए
केंद्रीय मंत्री और आरपीआई (A) प्रमुख रामदास अठावले ने कहा कि भाजपा नेतृत्व वाले महायुति गठबंधन को उनकी पार्टी को भी आगामी नगर निकाय चुनावों में सीटें देनी चाहिए। उन्होंने कहा हम भाजपा के पुराने साथी हैं, पर हर बार महायुति को केवल भाजपा, शिवसेना और एनसीपी का गठबंधन बताया जाता है। हमें भी कुछ सीटें दी जानी चाहिए। अगर सीटें नहीं मिलीं, तो हम अपने उम्मीदवार उतार सकते हैं।
अठावले ने बताया कि वे इस मुद्दे पर मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस और भाजपा प्रदेश अध्यक्ष रवींद्र चव्हाण से बात करेंगे। उन्होंने साफ किया कि यह कोई चेतावनी नहीं है, बल्कि गठबंधन में सम्मान की मांग है। अठावले ने कहा भले ही हम अकेले चुनाव नहीं जीत सकते, लेकिन भाजपा की जीत में हमारी भूमिका अहम रहती है। अजीत पवार के इस्तीफे की मांग पर उन्होंने कहा कि पहले पुणे भूमि सौदे की जांच पूरी होनी चाहिए, उसके बाद ही निर्णय लिया जाए।
केंद्रीय मंत्री और आरपीआई (A) प्रमुख रामदास अठावले ने कहा कि भाजपा नेतृत्व वाले महायुति गठबंधन को उनकी पार्टी को भी आगामी नगर निकाय चुनावों में सीटें देनी चाहिए। उन्होंने कहा हम भाजपा के पुराने साथी हैं, पर हर बार महायुति को केवल भाजपा, शिवसेना और एनसीपी का गठबंधन बताया जाता है। हमें भी कुछ सीटें दी जानी चाहिए। अगर सीटें नहीं मिलीं, तो हम अपने उम्मीदवार उतार सकते हैं।
अठावले ने बताया कि वे इस मुद्दे पर मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस और भाजपा प्रदेश अध्यक्ष रवींद्र चव्हाण से बात करेंगे। उन्होंने साफ किया कि यह कोई चेतावनी नहीं है, बल्कि गठबंधन में सम्मान की मांग है। अठावले ने कहा भले ही हम अकेले चुनाव नहीं जीत सकते, लेकिन भाजपा की जीत में हमारी भूमिका अहम रहती है। अजीत पवार के इस्तीफे की मांग पर उन्होंने कहा कि पहले पुणे भूमि सौदे की जांच पूरी होनी चाहिए, उसके बाद ही निर्णय लिया जाए।
पशुपालन विभाग की 15 एकड़ जमीन बेचने पर अधिकारी निलंबित
पुणे जिले में पशुपालन विभाग की 15 एकड़ सरकारी जमीन को नियमों का उल्लंघन करते हुए बेचने के मामले में एक बड़ा कदम उठाया गया है। पंजीयन महानिरीक्षक ने एक अधिकारी को निलंबित कर दिया है और इस पूरे मामले की उच्च स्तरीय जांच के आदेश दिए हैं। यह जमीन ताथवडे (पिंपरी चिंचवड़) इलाके में स्थित थी और करीब ₹33 करोड़ में बेची गई, जबकि यह जमीन गैर-हस्तांतरणीय श्रेणी में थी।
आधिकारिक जानकारी के अनुसार, बिना राज्य सरकार की मंजूरी के यह जमीन बेचना पूरी तरह से नियमों के खिलाफ है। IGR ने विद्या शंकर बडे (सांगले), वरिष्ठ लिपिक और हवेली नं.17 के प्रभारी उप-पंजीयक (क्लास-II) को निलंबित कर दिया है। जांच में पाया गया कि बडे ने स्पष्ट प्रतिबंधों के बावजूद बिक्री दस्तावेज को पंजीकृत किया था। निलंबन आदेश में कहा गया कि यह कृत्य “गंभीर प्रकृति” का है और सेवा में बने रहने से जांच प्रभावित हो सकती है। निलंबन अवधि में बडे को मुंबई स्थित प्रधान स्टांप कार्यालय में जोड़ा गया है और बिना अनुमति मुख्यालय छोड़ने पर रोक लगाई गई है। विभागीय जांच यह पता लगाने के लिए की जा रही है कि क्या इस सौदे में अन्य लोग भी शामिल थे और भूमि के मूल्यांकन में कोई हेरफेर की गई थी।
पुणे जिले में पशुपालन विभाग की 15 एकड़ सरकारी जमीन को नियमों का उल्लंघन करते हुए बेचने के मामले में एक बड़ा कदम उठाया गया है। पंजीयन महानिरीक्षक ने एक अधिकारी को निलंबित कर दिया है और इस पूरे मामले की उच्च स्तरीय जांच के आदेश दिए हैं। यह जमीन ताथवडे (पिंपरी चिंचवड़) इलाके में स्थित थी और करीब ₹33 करोड़ में बेची गई, जबकि यह जमीन गैर-हस्तांतरणीय श्रेणी में थी।
आधिकारिक जानकारी के अनुसार, बिना राज्य सरकार की मंजूरी के यह जमीन बेचना पूरी तरह से नियमों के खिलाफ है। IGR ने विद्या शंकर बडे (सांगले), वरिष्ठ लिपिक और हवेली नं.17 के प्रभारी उप-पंजीयक (क्लास-II) को निलंबित कर दिया है। जांच में पाया गया कि बडे ने स्पष्ट प्रतिबंधों के बावजूद बिक्री दस्तावेज को पंजीकृत किया था। निलंबन आदेश में कहा गया कि यह कृत्य “गंभीर प्रकृति” का है और सेवा में बने रहने से जांच प्रभावित हो सकती है। निलंबन अवधि में बडे को मुंबई स्थित प्रधान स्टांप कार्यालय में जोड़ा गया है और बिना अनुमति मुख्यालय छोड़ने पर रोक लगाई गई है। विभागीय जांच यह पता लगाने के लिए की जा रही है कि क्या इस सौदे में अन्य लोग भी शामिल थे और भूमि के मूल्यांकन में कोई हेरफेर की गई थी।