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Maharashtra: रत्नागिरी में केमिकल प्लांट पर गंभीर सवाल, MLA रोहित पवार ने किया जहरीले रसायन निकलने का दावा

न्यूज डेस्क, अमर उजाला, मुंबई Published by: हिमांशु चंदेल Updated Thu, 25 Dec 2025 03:31 PM IST
सार

Maharashtra: रत्नागिरी में लगे केमिकल प्लांट को लेकर रोहित पवार ने गंभीर आरोप लगाए हैं कि इसमें इटली की विवादित कंपनी की मशीनरी से खतरनाक पीएफएएस रसायन निकल रहे हैं। उद्योग मंत्री उदय सामंत ने इन आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि फिलहाल ऐसे रसायन नहीं बनाए जा रहे।

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Maharashtra questions raised Ratnagiri chemical plant claims toxic chemicals leaking from Italian machinery
रोहित पवार - फोटो : PTI
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विस्तार
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महाराष्ट्र के रत्नागिरी जिले में हाल ही में शुरू हुए एक केमिकल प्लांट को लेकर बड़ा विवाद खड़ा हो गया है। राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एसपी) के विधायक रोहित पवार ने आरोप लगाया है कि इस प्लांट में ऐसी इटालियन कंपनी की मशीनरी लगाई गई है, जो यूरोप में स्वास्थ्य को नुकसान पहुंचाने वाले रसायनों के कारण बदनाम रही है। उनका दावा है कि इस प्लांट से अब वही खतरनाक रसायन निकल रहे हैं, जो लोगों के लिए गंभीर खतरा बन सकते हैं।
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रोहित पवार ने सोशल मीडिया पर कहा कि रत्नागिरी के एमआईडीसी क्षेत्र में लक्ष्मी ऑर्गेनिक केमिकल्स द्वारा लगाए गए प्लांट में इटली की विवादित कंपनी 'मितेनी' की मशीनरी इस्तेमाल की गई है। उनका कहना है कि इटली के विसेंजा इलाके में इसी कंपनी के पीएफएएस रसायनों से जलाशय दूषित हुआ था, जिससे करीब तीन लाख लोग प्रभावित हुए। जनता के विरोध के बाद वहां कंपनी को बंद करना पड़ा और वही मशीनरी भारत लाकर यहां लगा दी गई।
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पीएफएएस रसायन क्यों खतरनाक?
पीएफएएस यानी पर और पॉली फ्लोरो एल्काइल सब्सटेंस ऐसे सिंथेटिक रसायन हैं, जो लंबे समय तक पर्यावरण में बने रहते हैं। विशेषज्ञों के अनुसार इनका संबंध कैंसर, हार्मोनल गड़बड़ी और अन्य गंभीर बीमारियों से जोड़ा जाता है। रोहित पवार ने सवाल उठाया कि जब भारत में पीएफएएस को नियंत्रित करने के लिए कोई स्पष्ट कानून नहीं है, तब इतनी खतरनाक इंडस्ट्री को अनुमति कैसे दी गई।

मामले में क्या बोली सरकार?
मामले पर महाराष्ट्र के उद्योग मंत्री उदय सामंत ने कहा कि रत्नागिरी के लोटे परशुराम एमआईडीसी क्षेत्र में लगे इस प्लांट में फिलहाल विवादित रसायन का उत्पादन नहीं हो रहा है। उन्होंने बताया कि मीडिया रिपोर्ट्स के बाद महाराष्ट्र पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड से जानकारी मांगी गई थी, जिसमें बताया गया कि अब तक ऐसे रसायन नहीं बनाए गए हैं।

उद्योग मंत्री ने कहा कि यह भी जांच की जा रही है कि इटली से लाई गई मशीनरी के लिए जरूरी मंजूरियां ली गई थीं या नहीं। एमपीसीबी ने इस मामले में कंपनी को नोटिस जारी कर दिया है। सरकार का कहना है कि कोंकण क्षेत्र में किसी भी कीमत पर पर्यावरण या लोगों के स्वास्थ्य से खिलवाड़ नहीं होने दिया जाएगा। वहीं विपक्ष मांग कर रहा है कि पूरे मामले की स्वतंत्र और पारदर्शी जांच हो।

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