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Maharastra: महाराष्ट्र में SIR को स्थानीय चुनाव तक स्थगित करने की सिफारिश; राज्य चुनाव आयोग ने EC को लिखा पत्र
न्यूज डेस्क, अमर उजाला, मुंबई
Published by: शिवम गर्ग
Updated Tue, 14 Oct 2025 01:14 AM IST
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सार
महाराष्ट्र राज्य चुनाव आयोग ने स्थानीय चुनावों से पहले विशेष गहन सुधार प्रक्रिया को जनवरी 2026 तक स्थगित करने की सिफारिश की है। राज्य चुनाव आयोग ने राष्ट्रीय चुनाव आयोग को पत्र लिखा।

मतदाता सूची गहन पुनरीक्षण
- फोटो : अमर उजाला
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विस्तार
महाराष्ट्र में आगामी स्थानीय चुनावों को देखते हुए राज्य चुनाव आयोग ने राष्ट्रीय चुनाव आयोग से अनुरोध किया है कि अगर राज्य में विशेष गहन संशोधन कराने की योजना है, तो इसे जनवरी 2026 तक स्थगित किया जाए।

राज्य चुनाव आयोग ने अपने पत्र में कहा कि चुनाव अधिकारी इन महीनों में स्थानीय निकाय चुनावों में व्यस्त होंगे। आयोग ने यह भी बताया कि सर्वोच्च न्यायालय के 6 मई 2025 के आदेश के अनुसार राज्य चुनाव आयोग को चार महीनों के भीतर स्थानीय निकाय चुनाव संपन्न करने का निर्देश दिया गया है, साथ ही आवश्यक होने पर समय बढ़ाने की छूट दी गई है।
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जनवरी 2026 तक होने है स्थानीय चुनाव
महाराष्ट्र में कुल 29 नगर निगम, 247 नगर परिषद, 42 नगर पंचायतें (147 टाउन काउंसिल में से), 32 जिला परिषद और 336 पंचायत समितियों (351 में से) के चुनाव होने हैं। वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार, इन चुनावों का पूरा संचालन जनवरी 2026 तक जारी रहने की संभावना है।
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राज्य चुनाव आयोग ने यह भी बताया कि एसआईआर और स्थानीय निकाय चुनावों में वही अधिकारी कार्यरत होंगे, जिनमें उपसंपादक और तहसीलदार शामिल हैं। इस कारण आयोग ने अनुरोध किया कि एसआईआर की प्रक्रिया कम से कम जनवरी 2026 तक टाली जाए। बता दें कि विशेष गहन संशोधन में घर-घर जाकर मतदाता सूची का संपूर्ण पुनर्निर्माण किया जाता है। इसमें अधिकारी प्रत्येक घर का दौरा करके पात्र मतदाताओं का विवरण रिकॉर्ड करते हैं, ताकि पुरानी या असंगत सूचियों को सुधार कर नई, सटीक सूची तैयार की जा सके।
इससे पहले बिहार में जून 2025 में विधानसभा चुनावों से पहले एसआईआर लागू किया गया था, जिसमें मतदाताओं को 11 दस्तावेजों में से कोई एक पेश करना अनिवार्य था। इसे विपक्ष ने आलोचना की थी और अदालत में चुनौती दी गई थी।
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राज्य चुनाव आयोग ने चुनाव आयोग को यह भी जानकारी दी कि जिला परिषद और पंचायत समितियों के वार्ड परिसीमन का काम पूरा हो चुका है, जबकि नगर निगम, नगर परिषद और नगर पंचायतों के वार्ड परिसीमन का काम जल्द पूरा होने वाला है। इसके बाद ही विधानसभा मतदाता सूची को स्थानीय निकायों के अनुसार विभाजित किया जाएगा और चुनाव संपन्न होंगे।