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सुप्रीम कोर्ट: मणिपुर में हथियारों की बरामदगी पर सरकार ने दाखिल की स्टेट्स रिपोर्ट, कही ये बात

न्यूज डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली Published by: नितिन गौतम Updated Fri, 22 Sep 2023 02:11 PM IST
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सार

मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस जेबी पारदीवाला और जस्टिस मनोज मिश्रा की पीठ को बताया गया कि जिस भी मुद्दे पर यहां बहस हो रही है,  वह पहले ही सुप्रीम कोर्ट द्वारा गठित समिति के नोटिस में लाया जा चुका है।

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सुप्रीम कोर्ट - फोटो : ANI
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मणिपुर सरकार ने राज्य में हथियारों की बरामदगी की स्थिति पर सुप्रीम कोर्ट में स्टेट्स रिपोर्ट दाखिल की है। इस रिपोर्ट में सभी स्त्रोतों से बरामद हथियारों की जानकारी दी गई है। बता दें कि बीती छह सितंबर को सुप्रीम कोर्ट ने मणिपुर सरकार और कानून प्रवर्तन एजेंसियों से जातीय हिंसा प्रभावित राज्य में सभी स्त्रोतों से बरामद हथियारों की बरामदगी पर एक स्टेट्स रिपोर्ट दाखिल करने का निर्देश दिया था। 
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सुप्रीम कोर्ट ने क्यों मांगी थी स्टेट्स रिपोर्ट
दरअसल सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट को बताया गया कि अवैध हथियारों के अलावा बड़ी मात्रा में पुलिस स्टेशन और आर्मी डिपो से भी हथियार चुराए गए। इस पर सुप्रीम कोर्ट ने टिप्पणी करते हुए कहा कि मामले की संवेदनशीलता को देखते हुए हथियारों की बरामदगी पर स्टेट्स रिपोर्ट अदालत में पेश की जाए। अब मणिपुर सरकार ने स्टेट्स रिपोर्ट सुप्रीम कोर्ट में दाखिल कर दी है। सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने पीठ को बताया कि रिपोर्ट दाखिल कर दी गई है और यह सिर्फ न्यायाधीशों के लिए है। 
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सरकार ने कहा- सुप्रीम कोर्ट द्वारा गठित समिति कर रही निगरानी
मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस जेबी पारदीवाला और जस्टिस मनोज मिश्रा की पीठ को बताया गया कि जिस भी मुद्दे पर यहां बहस हो रही है,  वह पहले ही सुप्रीम कोर्ट द्वारा गठित समिति के नोटिस में लाया जा चुका है। सुप्रीम कोर्ट ने रिटायर्ड जज गीता मित्तल की अध्यक्षता में एक समिति का गठन किया था, जो मणिपुर में राहत और पुनर्वास के कामों की निगरानी कर रही है। 

वहीं याचिकाकर्ता की तरफ से पेश हुईं वरिष्ठ वकील वृंदा ग्रोवर ने बताया कि मणिपुर में मई में जिन दो महिलाओं के साथ सामूहिक दुष्कर्म के बाद हत्या कर दी गई थी, उनके शव अभी तक उनके परिजनों को नहीं दिए गए हैं। इस पर तुषार मेहता ने बताया कि सुप्रीम कोर्ट द्वारा गठित समिति को भी इस बारे में जानकारी दे दी गई है और समिति ने संबंधित अधिकारियों को निर्देश जारी कर दिए हैं। 
मणिपुर में बीते कई महीनों से हिंसा जारी
बता दें कि मणिपुर में उच्च न्यायालय द्वारा मैतई समुदाय को आरक्षण का लाभ देने पर विचार करने के आदेश के राज्य में जातीय हिंसा शुरू हो गई थी। 3 मई को राज्य में पहली बार जातीय हिंसा हुई, जिसके बाद से यह लगातार जारी है और राज्य में अब तक इस हिंसा में 160 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है और बड़ी संख्या में लोग घायल हुए हैं। 
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