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Mumbai Bus Accident: 'फुटपाथ पर फेरीवालों के कब्जे के चलते हुआ हादसा', चश्मदीदों ने बताया क्या हुआ था
न्यूज डेस्क, अमर उजाला, मुंबई
Published by: नितिन गौतम
Updated Tue, 30 Dec 2025 07:58 AM IST
सार
मुंबई बस हादसे में चश्मदीदों ने बताया है कि फेरीवालों के फुटपाथ पर कब्जे के चलते यह हादसा हुआ। चश्मदीदों ने बताया कि लोग फुटपाथ छोड़कर सड़क पर चल रहे थे, तभी बस ने उन्हें टक्कर मार दी।
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मुंबई बस हादसा
- फोटो : अमर उजाला
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विस्तार
मुंबई बस हादसे को लेकर चश्मदीदों ने बताया कि फुटपाथ पर हॉकर्स (फेरीवाले) के कब्जे के चलते पैदल चलने वालों को सड़क पर उतरना पड़ा, जिससे हादसा हुआ और इसमें चार लोगों की मौत हो गई। सोमवार रात मुंबई के भांडुप इलाके में एक बेस्ट बस की टक्कर से तीन महिलाओं समेत चार लोगों की मौत हो गई और नौ अन्य घायल हो गए।
'रेलवे स्टेशन के बाहर का इलाका होने के चलते यहां भारी भीड़ रहती है'
चश्मदीद ने सोमवार शाम हादसे के बाद बताया कि भांडुप रेलवे स्टेशन के बाहर का इलाका हमेशा व्यस्त रहता है और कम कीमतों पर सब्जियां मिलने के चलते यहां और भी ज्यादा भीड़ रहती है। चश्मदीद सैमिनी मुदलियार ने बताया, 'मैं पास के बस स्टॉप पर अपनी बस का इंतजार कर रही थी, तभी मुझे जोरदार धमाके की आवाज सुनाई दी। अगले ही पल, मैंने लोगों को बस की टक्कर से लोगों को हवा में उड़ते देखा और टक्कर केबाद बस थोड़ी आगे जाकर रुक गई।' उन्होंने बताया कि बस रुकने के कुछ ही पलों में, लोग रुकी हुई बस को उठाने और धकेलने लगे, जिससे पता चला कि कई लोग उसके नीचे फंसे हुए थे।
मुदलियार ने बताया कि वह भी बस के पास गईं और देखा कि वहां खून फैला है और कई लाशें पड़ी हैं। एक व्यक्ति का सिर कुचला हुआ था, जैसे बस उसके ऊपर से गुज़र गई हो, जबकि दूसरे को जांघ के पास चोट लगी थी। यह हादसा रात 9.35 बजे से 9.45 बजे के बीच हुआ। उन्होंने बताया कि देर शाम हॉकरों और भारी भीड़ के कारण भांडुप स्टेशन पर खत्म होने वाली बसों को रेलवे स्टेशन के बाहर यू-टर्न लेने में भी बहुत मुश्किल होती है।
बीते साल कुर्ला में भी ऐसा हादसा हुआ था
पुलिस उपायुक्त हेमराज राजपूत ने बताया कि मरने वालों में वे पैदल चलने वाले लोग शामिल थे। मुदलियार ने बताया कि यह बेस्ट इलेक्ट्रिक बस से जुड़ा दूसरा ऐसा हादसा है, पिछले साल कुर्ला में भी इसी तरह की घटना हुई थी जिसमें नौ लोगों की मौत हो गई थी। उन्होंने मांग की कि इन घटनाओं की ठीक से जांच की जाए ताकि निर्दोष नागरिकों को इस तरह से जान न गंवानी पड़े। उन्होंने यह भी कहा कि पुलिस को जांच करनी चाहिए कि बस ड्राइवर, जिसकी पहचान बाद में संतोष सावंत के रूप में हुई, नशे में था या नहीं।
ये भी पढ़ें- कोहरे के आगोश में बीतेगा 2025 : अगले दो दिन के लिए घने कोहरे का यलो अलर्ट जारी, तापमान में भी आएगी गिरावट
हादसे के तुरंत बाद व्यस्त इलाके के सभी दुकानदारों ने अपनी दुकानें बंद कर दीं, और सुबह तक घटनास्थल पर भारी पुलिस बल मौजूद रहा। हादसे वाली जगह को सील कर दिया गया और फोरेंसिक टीम ने इलाके से सैंपल इकट्ठा किए। पुलिस उपायुक्त राजपूत ने भरोसा दिलाया कि जांच में गाड़ी की हालत सहित सभी पहलुओं की जांच की जाएगी, लेकिन फिलहाल घायलों की देखभाल करना पुलिस की पहली प्राथमिकता है।
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'रेलवे स्टेशन के बाहर का इलाका होने के चलते यहां भारी भीड़ रहती है'
चश्मदीद ने सोमवार शाम हादसे के बाद बताया कि भांडुप रेलवे स्टेशन के बाहर का इलाका हमेशा व्यस्त रहता है और कम कीमतों पर सब्जियां मिलने के चलते यहां और भी ज्यादा भीड़ रहती है। चश्मदीद सैमिनी मुदलियार ने बताया, 'मैं पास के बस स्टॉप पर अपनी बस का इंतजार कर रही थी, तभी मुझे जोरदार धमाके की आवाज सुनाई दी। अगले ही पल, मैंने लोगों को बस की टक्कर से लोगों को हवा में उड़ते देखा और टक्कर केबाद बस थोड़ी आगे जाकर रुक गई।' उन्होंने बताया कि बस रुकने के कुछ ही पलों में, लोग रुकी हुई बस को उठाने और धकेलने लगे, जिससे पता चला कि कई लोग उसके नीचे फंसे हुए थे।
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मुदलियार ने बताया कि वह भी बस के पास गईं और देखा कि वहां खून फैला है और कई लाशें पड़ी हैं। एक व्यक्ति का सिर कुचला हुआ था, जैसे बस उसके ऊपर से गुज़र गई हो, जबकि दूसरे को जांघ के पास चोट लगी थी। यह हादसा रात 9.35 बजे से 9.45 बजे के बीच हुआ। उन्होंने बताया कि देर शाम हॉकरों और भारी भीड़ के कारण भांडुप स्टेशन पर खत्म होने वाली बसों को रेलवे स्टेशन के बाहर यू-टर्न लेने में भी बहुत मुश्किल होती है।
बीते साल कुर्ला में भी ऐसा हादसा हुआ था
पुलिस उपायुक्त हेमराज राजपूत ने बताया कि मरने वालों में वे पैदल चलने वाले लोग शामिल थे। मुदलियार ने बताया कि यह बेस्ट इलेक्ट्रिक बस से जुड़ा दूसरा ऐसा हादसा है, पिछले साल कुर्ला में भी इसी तरह की घटना हुई थी जिसमें नौ लोगों की मौत हो गई थी। उन्होंने मांग की कि इन घटनाओं की ठीक से जांच की जाए ताकि निर्दोष नागरिकों को इस तरह से जान न गंवानी पड़े। उन्होंने यह भी कहा कि पुलिस को जांच करनी चाहिए कि बस ड्राइवर, जिसकी पहचान बाद में संतोष सावंत के रूप में हुई, नशे में था या नहीं।
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हादसे के तुरंत बाद व्यस्त इलाके के सभी दुकानदारों ने अपनी दुकानें बंद कर दीं, और सुबह तक घटनास्थल पर भारी पुलिस बल मौजूद रहा। हादसे वाली जगह को सील कर दिया गया और फोरेंसिक टीम ने इलाके से सैंपल इकट्ठा किए। पुलिस उपायुक्त राजपूत ने भरोसा दिलाया कि जांच में गाड़ी की हालत सहित सभी पहलुओं की जांच की जाएगी, लेकिन फिलहाल घायलों की देखभाल करना पुलिस की पहली प्राथमिकता है।
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