Nari Shakti: बिल के पास होने को मोदी ने बताया इच्छाशक्ति की जीत, विपक्ष ने जनगणना के पेंच पर बोला हमला
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विस्तार
नारी शक्ति वंदन विधेयक संसद से पास होने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भाजपा के मुख्य कार्यालय में अपना स्वागत किए जाने के अवसर पर कहा कि जो लोग कभी इस बिल की कॉपी फाड़ दिया करते थे, आज वे उसका समर्थन कर रहे हैं। यह दिखाता है कि यदि इच्छाशक्ति हो तो मुश्किल कामों के लिए भी राहें आसान हो जाती हैं। उन्होंने कहा कि दशकों तक इस बिल की राह में अड़ंगा लगाया जा रहा था, लेकिन सही रणनीति से यह बिल पास हो सका।
मोदी ने इस बिल को केवल महिलाओं के विकास के लिए ही आवश्यक नहीं बताया, बल्कि उन्होंने कहा कि देश को विकसित राष्ट्र बनाने के लिए यह आवश्यक है कि महिलाओं की भागीदारी को बढ़ाया जाए और उन्हें नेतृत्व प्रदान किया जाए। बिल पास करने के लिए सभी दलों से मिले समर्थन पर उन्होंने सभी दलों के सांसदों को धन्यवाद किया और कहा कि यह नई लोकतांत्रिक प्रतिबद्धता के प्रति देश का उद्घोष है।
2040 में लागू होगा नारी शक्ति वंदन विधेयक
समाजवादी पार्टी के प्रवक्ता अमीक जामेई ने अमर उजाला से कहा कि हर राजनीतिक दल चाहता था कि महिलाओं को आरक्षण मिले, इसीलिए यह लगभग सर्व सहमति से संसद से पास हो सका। ऐसे में इसे किसी एक दल की उपलब्धि नहीं घोषित किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि समाजवादी पार्टी मुलायम सिंह के नेतृत्व के समय से ही यह मानती रही है कि ओबीसी, दलित और अल्पसंख्यक वर्ग की महिलाओं को उच्च वर्ग की महिलाओं की तुलना में ज्यादा परेशानियों का सामना करना पड़ता है। ऐसे में उनके लिए अलग से आरक्षण की व्यवस्था होनी चाहिए।
उन्होंने कहा कि सरकार ने इस बिल में जनगणना का पेंच फंसा दिया है। इस कारण इसका लाभ 2040 में ही जाकर महिलाओं को मिल पाएगा। जबकि समय की मांग यह है कि महिलाओं को तत्काल आरक्षण का लाभ दिया जाना चाहिए। सरकार चाहे तो ठीक इसी समय एक नोटिफिकेशन के जरिए 2024 के लोकसभा चुनाव में भी इसे लागू कर सकती है। ऐसे में यही कहा जाएगा कि सरकार ने बिल पास करने के बाद भी इससे महिलाओं को होने वाले लाभ को रोक दिया है। वे मांग करते हैं कि सरकार अपनी गलती सुधारे और इसी चुनाव में महिलाओं के लिए आरक्षण देने की घोषणा करे।
सबका साथ मिला, अपना जयगान न करें प्रधानमंत्री
कांग्रेस प्रवक्ता रितु चौधरी ने अमर उजाला से कहा कि पूरा देश जानता है कि पंचायतों में महिलाओं को आरक्षण देने का सबसे पहला काम राजीव गांधी की सरकार ने किया था। वे संसद और विधानसभाओं में भी महिलाओं की भागीदारी बढ़ाना चाहते थे, लेकिन कुछ दलों के असहयोग के कारण यह संभव नहीं हो सका।
उन्होंने कहा कि आज जब हर राजनीतिक दल ने इस बिल को पास कराने में अपना सहयोग दिया है, प्रधानमंत्री को इसे केवल भाजपा की सफलता नहीं बताना चाहिए। कांग्रेस नेता ने कहा कि कांग्रेस की सभी सरकारों ने महिला केंद्रित नीतिया बनाकर उन्हें आर्थिक और सामाजिक मजबूती प्रदान करने में अपना सहयोग दिया है। इसका स्वागत किया जाना चाहिए। इस अवसर को किसी की आलोचना करने के लिए इस्तेमाल नहीं किया जाना चाहिए।