Politics: लोकपाल के BMW कार खरीदने पर देश में सियासत तेज, विपक्ष बोला- ईमानदारी के रखवाले अब बन गए 'शौकपाल'
लोकपाल के लिए सात लग्जरी BMW कारों की खरीद का टेंडर मामले में देशभर में सियासत तेज हो गई है। विपक्षी दल कांग्रेस, टीएमसी और शिवसेना ने तंज कसते हुए कहा कि ईमानदारी की रखवाली करने वाले लोकपाल अब 'शौकपाल' बन गए है।

विस्तार
भ्रष्टाचार पर नजर रखने वाली संस्था लोकपाल इन दिनों विवादों में चल रहे है। कारण है कि सात लग्जरी BMW कारों की खरीद का टेंडर। इसकी कुल कीमत करीब पांच करोड़ रुपये बताई जा रही है। ऐसे में अब इस मामले में सियासत तेज हो गई है। विपक्षी दलों के नेताओं ने तीखा हमला बोलते हुए कहा कि अब लोकपाल नहीं, 'शौकपाल' हो गया है।

बता दें कि ये पूरा मामला तब शुरू हुआ जब लोकपाल ने 16 अक्तूबर को एक टेंडर जारी किया, जिसमें कहा गया कि उसे बीएमडब्ल्यू तीन सीरीज 330Li एम स्पोर्ट (long wheelbase, सफेद रंग) की 7 गाड़ियां चाहिए। हर गाड़ी की कीमत लगभग 69.5 लाख रुपये बताई गई है। ये गाड़ियां लोकपाल के चेयरमैन जस्टिस एएम खानविलकर (सेवानिवृत्त) और छह अन्य सदस्यों के लिए खरीदी जा रही हैं।
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हमलावर हुआ विपक्षी दल, जानें किसने कहा?
लोकपाल के इस टेंडर के बाद विपक्षी दल ने लोकपाल पर जमकर निशाना साधा। कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने कहा कि जिन लोगों ने मनमोहन सिंह सरकार के खिलाफ झूठा प्रचार किया, अब वही लोकपाल की असलियत देख लें। पी चिदंबरम ने सवाल किया कि जब सुप्रीम कोर्ट के जजों को मामूली कारें मिलती हैं, तो लोकपाल को बीएमडब्ल्यू क्यों चाहिए?
अभिषेक मनु सिंघवी ने तंज कसते हुए कहा कि 8703 शिकायतें, सिर्फ 24 जांचें, 6 अभियोजन स्वीकृति और अब BMW... ये संस्था 'पैंथर' नहीं, 'पूडल' बन गई है। वहीं टीएमसी सांसद साकेत गोखले ने कहा कि लोकपाल का सालाना बजट 44.32 करोड़ रुपये है और ये गाड़ियां उसी का 10% हैं। इसके साथ ही शिवसेना (यूबीची) की प्रियंका चतुर्वेदी ने भी सवाल उठाया कि देशी की बात करने वाली सरकार अब विदेशी कारें खरीद रही है?
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गाड़ियों के साथ ट्रेनिंग भी मुफ्त
गौरतलब है कि टेंडर में यह भी कहा गया है कि विक्रेता को 7 दिन की ट्रेनिंग मुफ्त देनी होगी, जिसमें ड्राइवरों को सभी फीचर्स, सुरक्षा उपायों और इमरजेंसी हैंडलिंग की जानकारी दी जाएगी। यह ट्रेनिंग डिलीवरी के 15 दिन के अंदर पूरी होनी चाहिए। वहीं बोली लगाने की अंतिम तारीख 6 नवंबर है। इसके लिए एजेंसियों को 10 लाख रुपये की जमा राशि (EMD) भी देनी होगी। डिलीवरी आदेश मिलने के बाद 2 हफ्ते से 30 दिन के भीतर गाड़ियां सप्लाई करनी होंगी।