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Rajya Sabha: राजभवनों का नाम लोक भवन करने के कदम पर सरकार-विपक्ष में जुबानी जंग, टीएमसी सांसद पर भड़के नड्डा

न्यूज डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली Published by: कीर्तिवर्धन मिश्र Updated Wed, 03 Dec 2025 01:46 PM IST
सार

केंद्र सरकार की तरफ से देशभर में राजभवनों के नाम बदलकर लोक भवन करने के निर्देश को लेकर राज्यसभा में मंगलवार को बहस छिड़ गई। टीएमसी सांसद ने इस मुद्दे पर बोलते हुए जब कुछ और विषयों को उठाया तो कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खरगे ने उनका समर्थन किया।

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Rajya Sabha witnesses war of words over renaming of Raj Bhavans, expunging of remarks
टीएमसी सांसद डोला सेन और भाजपा सांसद जेपी नड्डा। - फोटो : Sansad TV
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विस्तार
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राज्यसभा में बुधवार को शून्यकाल के दौरान राजभवनों के नाम बदलकर लोक भवन करने के फैसले को लेकर सत्तापक्ष और विपक्ष के बीच जबरदस्त जुबानी जंग छिड़ गई। दरअसल, सदन की कार्यवाही शुरू होने के बाद तृणमूल कांग्रेस की सांसद डोला सेन ने केंद्रीय गृह मंत्रालय के 25 नवंबर के निर्देश का मुद्दा उठाया, जिसमें सभी राजभवनों का नाम बदलकर लोक भवन करने की बात थी। 
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राज्यसभा में बहस के दौरान सेन ने कहा, “सबसे पहले तो हम कहना चाहेंगे कि न संसद, न विधानसभा और न ही मंत्रिमंडल को इसकी जानकारी है। वे आपसे भी इस पर चर्चा नहीं कर रहे हैं, सर।” हालांकि, मामला तब तनावपूर्ण हो गया जब सेन ने मनरेगा सहित अन्य मुद्दे उठाने शुरू किए, जिस पर सभापति ने दखल देते हुए कहा कि विषय से हटकर की गई टिप्पणियां रिकॉर्ड में नहीं जाएंगी।
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सदन के नेता जगत प्रकाश नड्डा ने टीएमसी सांसद के मुद्दे से भटकने पर आपत्ति जताई। उन्होंने कहा, “आपने उन्हें शून्यकाल में राजभवन का नाम बदलकर लोक भवन करने के विषय पर बोलने की अनुमति दी थी। उन्होंने मनरेगा और अन्य मुद्दों पर बात की। मैं स्पष्ट करना चाहता हूं कि यह विषय से संबंधित नहीं है, इसलिए इसे हटाया जाना चाहिए और केवल लोक भवन से जुड़े मुद्दे ही स्वीकार किए जाएं।”

इस पर सभापति सीपी राधाकृष्णन ने नड्डा से सहमति जताते हुए दोहराया कि “विषय से हटकर कुछ भी रिकॉर्ड में नहीं जाएगा।” हालांकि, इस बीच विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खरगे टीएमसी सांसद सेन के समर्थन में खड़े हुए और कहा, “उन्होंने कोई भी अशोभनीय शब्द नहीं कहा। सब कुछ विषय से जुड़ा हुआ है। और यह विषय आपके कार्यालय द्वारा जांच के बाद ही उन्होंने उठाया है।”

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सरकार पर बहस रोकने का आरोप लगाते हुए खरगे ने कहा, “सदन के नेता दखल दे कर यह नहीं कह सकते कि जो भी कहा गया है वह अशोभनीय है और उसे हटाया जाए। वे बुलडोजिंग कर रहे हैं। आप संसदीय लोकतंत्र के अनुसार सदन नहीं चलाना चाहते।”

उधर खरगे की टिप्पणी पर नड्डा ने पलटवार करते हुए कहा, "मैंने कभी बुलडोज नहीं किया।" उन्होंने स्पष्ट किया कि उनकी मांग सिर्फ इतनी थी कि विषय से संबंधित बातें ही रिकॉर्ड में रहें। उधर राज्यसभा के सभापति ने कहा कि कार्यवाही ठीक तरह से चल रही है और सदस्यों से अनुरोध किया कि शून्यकाल में सूचीबद्ध विषयों पर ही बोलें।

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