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Rahul Gandhi: 'खुला विश्वासघात...', जाति जनगणना पर संसद में मिले जवाब पर राहुल गांधी ने मोदी सरकार को घेरा
न्यूज डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली
Published by: कीर्तिवर्धन मिश्र
Updated Wed, 03 Dec 2025 02:52 PM IST
सार
केंद्र सरकार ने अगले साल अप्रैल से जनगणना की प्रक्रिया शुरू कराने का लक्ष्य रखा है। आजादी के बाद पहली बार जातिगत जनगणना होनी है इसलिए इस काम को बहुत ही चुनौतीपूर्ण माना जा रहा है। लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने इसी प्रक्रिया को लेकर केंद्रीय गृह मंत्रालय से सवाल पूछे थे।
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राहुल गांधी।
- फोटो : अमर उजाला
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विस्तार
लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने बुधवार को केंद्र सरकार पर निशाना साधा। राहुल ने संसद में जाति जनगणना को लेकर किए गए अपने एक सवाल पर मिले जवाब को आधार बनाते हुए मोदी सरकार को घेरा। उन्होंने जाति जनगणना को सीधे तौर पर विश्वासघात करार दे दिया।
क्या बोले राहुल गांधी?
राहुल ने एक्स पर अपने पोस्ट में संसद से मिले जवाब की प्रति साझा करते हुए लिखा, "संसद में मैंने सरकार से जाति जनगणना पर सवाल पूछा - उनका जवाब चौंकाने वाला है। न ठोस रूपरेखा, न समयबद्ध योजना, न संसद में चर्चा, और न ही जनता से संवाद। दूसरे राज्यों की सफल जाति जनगणनाओं की रणनीति से सीखने की कोई इच्छा भी नहीं। मोदी सरकार की यह जाति जनगणना देश के बहुजनों के साथ खुला विश्वासघात है।"
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क्या बोले राहुल गांधी?
राहुल ने एक्स पर अपने पोस्ट में संसद से मिले जवाब की प्रति साझा करते हुए लिखा, "संसद में मैंने सरकार से जाति जनगणना पर सवाल पूछा - उनका जवाब चौंकाने वाला है। न ठोस रूपरेखा, न समयबद्ध योजना, न संसद में चर्चा, और न ही जनता से संवाद। दूसरे राज्यों की सफल जाति जनगणनाओं की रणनीति से सीखने की कोई इच्छा भी नहीं। मोदी सरकार की यह जाति जनगणना देश के बहुजनों के साथ खुला विश्वासघात है।"
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राहुल ने सरकार से क्या सवाल किए थे?
राहुल गांधी ने जो पत्र अपने पोस्ट में साझा किया है, उसमें उन्होंने गृह मंत्री से तीन सवाल पूछे। इनमें पूछा गया-
(क). दशकीय जनगणना की तैयारी के लिए प्रमुख प्रक्रमात्मक कदमों का ब्यौरा और संभावित समयसीमा क्या है, जिसमें प्रश्नों की तैयारी, कार्यक्रम निर्धारण करना शामिल है;
(ख). क्या सरकार का जनगणना के सवालों का प्रारूप प्रकाशित करने और इन सवालों पर जनता या जनप्रतिनिधियों से इनपुट लेने का कोई प्रस्ताव है; और
(ग). क्या सरकार अलग-अलग राज्यों में किए गए जाति सर्वेक्षण समेत पिछले अनुभवों पर विचार कर रही है और यदि हां, तो तदंसत्बधी ब्यौरा क्या है?
Caste Census: क्या है जातिगत जनगणना, जिसकी तारीखों का हुआ एलान; ये होती कैसे है? जानें इसका पूरा इतिहास-विवाद
राहुल गांधी ने जो पत्र अपने पोस्ट में साझा किया है, उसमें उन्होंने गृह मंत्री से तीन सवाल पूछे। इनमें पूछा गया-
(क). दशकीय जनगणना की तैयारी के लिए प्रमुख प्रक्रमात्मक कदमों का ब्यौरा और संभावित समयसीमा क्या है, जिसमें प्रश्नों की तैयारी, कार्यक्रम निर्धारण करना शामिल है;
(ख). क्या सरकार का जनगणना के सवालों का प्रारूप प्रकाशित करने और इन सवालों पर जनता या जनप्रतिनिधियों से इनपुट लेने का कोई प्रस्ताव है; और
(ग). क्या सरकार अलग-अलग राज्यों में किए गए जाति सर्वेक्षण समेत पिछले अनुभवों पर विचार कर रही है और यदि हां, तो तदंसत्बधी ब्यौरा क्या है?
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सरकार की ओर से क्या जवाब दिए गए?
राहुल के इन सवालों का जवाब लिखित तौर पर गृह मंत्रालय में राज्य मंत्री नित्यानंद राय की तरफ से दिया गया। इनमें कहा गया...
(क). जनगणना 2027 दो चरणों में की जाएगी, अर्थात चरण I- मकान सूचीकरण तथा मकानों की गणना, जो अप्रैल से सितंबर 2026 में 30 दिनों की अवधि में राज्य/केंद्र शासित प्रदेश सरकारों की सुविधानुसार की जाएगी। इसके बाद चरण II- जनसंख्या गणना (PE) होगी। जनसंख्या गणना, फरवरी 2027 के दौरान होगी, जिसकी संदर्भ तिथि 1 मार्च, 2027 को 00:00 मानी जाएगी, सिवाय संघ राज्यक्षेत्र लद्दाख और संघ राज्यक्षेत्र जम्मू-कश्मीर तथा हिमाचल प्रदेश एवं उत्तराखंड राज्यों के हिमाच्छादित असमाकालिक क्षेत्रों में, जहां जनसंख्या गणना, सितंबर 2026 के दौरान होगी जिसकी संदर्भ तिथि अक्तूबर, 2026 के पहले दिन के 00:00 बजे होगी।
जनगणना की अधिसूचना जारी: आपसे क्या जानकारी ली जाएगी, सवाल कौन से पूछे जाएंगे; बीते दशक से कितनी अलग प्रक्रिया?
राहुल के इन सवालों का जवाब लिखित तौर पर गृह मंत्रालय में राज्य मंत्री नित्यानंद राय की तरफ से दिया गया। इनमें कहा गया...
(क). जनगणना 2027 दो चरणों में की जाएगी, अर्थात चरण I- मकान सूचीकरण तथा मकानों की गणना, जो अप्रैल से सितंबर 2026 में 30 दिनों की अवधि में राज्य/केंद्र शासित प्रदेश सरकारों की सुविधानुसार की जाएगी। इसके बाद चरण II- जनसंख्या गणना (PE) होगी। जनसंख्या गणना, फरवरी 2027 के दौरान होगी, जिसकी संदर्भ तिथि 1 मार्च, 2027 को 00:00 मानी जाएगी, सिवाय संघ राज्यक्षेत्र लद्दाख और संघ राज्यक्षेत्र जम्मू-कश्मीर तथा हिमाचल प्रदेश एवं उत्तराखंड राज्यों के हिमाच्छादित असमाकालिक क्षेत्रों में, जहां जनसंख्या गणना, सितंबर 2026 के दौरान होगी जिसकी संदर्भ तिथि अक्तूबर, 2026 के पहले दिन के 00:00 बजे होगी।
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(ख). जनगणना प्रश्नावली को प्रत्येक जनगणना से पहले विभिन्न मंत्रालयों, विभागों, संगठनों और जनगणना डाटा उपयोगकर्ताओं आदि से प्राप्त सुझावों/इनपुट के आधार पर अंतिम रूप दिया जाता है। प्रारूपित जनगणना प्रश्नावली को अंतिम रूप देने से पहले उनकी व्यवहार्यता का मूल्यांकन करने के लिए क्षेत्र में पूर्व-परीक्षण किया जाता है। जनगणना नियम, 1990 के नियम 6 के अनुसार, जनगणना प्रश्नावली केंद्र सरकार की तरफ से अधिनियम की धारा 8 की उपधारा (1) के तहत अधिकृत राजपत्र के माध्यम से अधिसूचित
की जाती है।
(ग). जनगणना का 150 वर्षों से अधिक का इतिहास है। अगली जनगणना के लिए पिछली जनगणनाओं से प्राप्त अनुभवों को ध्यान में रखा जाता है। प्रत्येक जनगणना से पहले संबंधित हितधारकों से भी सुझाव लिए जाते हैं।
की जाती है।
(ग). जनगणना का 150 वर्षों से अधिक का इतिहास है। अगली जनगणना के लिए पिछली जनगणनाओं से प्राप्त अनुभवों को ध्यान में रखा जाता है। प्रत्येक जनगणना से पहले संबंधित हितधारकों से भी सुझाव लिए जाते हैं।
देश में कैसे होगी जनगणना?
जनगणना का पहला चरण अगले साल अप्रैल से शुरू होगा। इसमें मकानों व उसमें रहने वालो के रहन सहन के स्तर का ब्यौरा एकत्र होगा। वर्तमान में लद्दाख व पश्चिम बंगाल को छोड़कर पूरे देश में पहले चरण के मकान सूचीकरण के काम का पूर्वाभ्यास चल रहा है। प्रगणकों को इसमें प्रशिक्षण भी दिया जा रहा है। यह प्रगणक ऑनलाइन व घर घर जाकर दोनों तरह से आंकड़ों को एकत्र करेंगे। पहली बार डिजिटल माध्यम का भी उपयोग होने से जनगणना के आंकड़े भी जल्द सामने आ सकेंगे। पहले की जनगणनाओं में मुख्य आंकड़े तो आ जाते थे लेकिन विस्तृत आंकड़े आने में कई साल लगते थे।
दूसरे चरण के तहत 2027 में पूरे देश की जनगणना कराई जाएगी। इसमें जातिगत जनगणना भी शामिल है। आजादी के बाद पहली बार जातिगत जनगणना होनी है इसलिए इस काम को बहुत ही चुनौतीपूर्ण माना जा रहा है। जनगणना में पहली बार मोबाइल ऐप व पोर्टल का उपयोग होगा। उसके लिए सवाल अलग से तैयार होंगे। भारत के महारजिस्ट्रार एवं जनगणना कार्यालय ने सभी राज्यों को विस्तृत निर्देश भेजें हैं।
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जनगणना का पहला चरण अगले साल अप्रैल से शुरू होगा। इसमें मकानों व उसमें रहने वालो के रहन सहन के स्तर का ब्यौरा एकत्र होगा। वर्तमान में लद्दाख व पश्चिम बंगाल को छोड़कर पूरे देश में पहले चरण के मकान सूचीकरण के काम का पूर्वाभ्यास चल रहा है। प्रगणकों को इसमें प्रशिक्षण भी दिया जा रहा है। यह प्रगणक ऑनलाइन व घर घर जाकर दोनों तरह से आंकड़ों को एकत्र करेंगे। पहली बार डिजिटल माध्यम का भी उपयोग होने से जनगणना के आंकड़े भी जल्द सामने आ सकेंगे। पहले की जनगणनाओं में मुख्य आंकड़े तो आ जाते थे लेकिन विस्तृत आंकड़े आने में कई साल लगते थे।
दूसरे चरण के तहत 2027 में पूरे देश की जनगणना कराई जाएगी। इसमें जातिगत जनगणना भी शामिल है। आजादी के बाद पहली बार जातिगत जनगणना होनी है इसलिए इस काम को बहुत ही चुनौतीपूर्ण माना जा रहा है। जनगणना में पहली बार मोबाइल ऐप व पोर्टल का उपयोग होगा। उसके लिए सवाल अलग से तैयार होंगे। भारत के महारजिस्ट्रार एवं जनगणना कार्यालय ने सभी राज्यों को विस्तृत निर्देश भेजें हैं।
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